खेती किसानी करने के कुछ ख़ास टिप्स जो बढ़ाएंगे आपका मुनाफ़ा!

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खेती किसानी करने के कुछ ख़ास टिप्स जो बढ़ाएंगे आपका मुनाफ़ा!

भारत एक कृषि प्रधान देश है। इस देश की अधिकतर आबादी गावों में बसती है और खेती ही उनका प्रमुख व्यवसाय है। हालाँकि यह दुखद है कि आज़ादी के इतने वर्षों बाद भी आज किसानों की हालत ज्यों की त्यों बनी हुई है। किसान आज भी गरीबी में ही जीवन काट रहा है।

खेती किसानी के विषय में सही जानकारी का अभाव इस पिछड़ेपन का एक अहम कारण है। इसलिए आज हम आपको खेती किसानी से जुड़े कुछ ऐसे टिप्स और जानकारियां देंगे जो आपको कम लागत में अधिक मुनाफा कमाने की ओर बढ़ाएंगी।

मुनाफा अधिक करने के दो तरीके हैं - पहला है उत्पादन बढ़ाना और दूसरा है लागत घटाना।

खेती किसानी की मुख्य लागत बीज, कीटनाशक, खाद , उर्वरक आदि खरीदने में ही आती है। ऐसे में इसकी  लागत कम करने का सबसे अच्छा तरीका है कि किसान इन महंगे प्रोडक्ट्स के सस्ते विकल्प तलाशना शुरू करें। हालाँकि इसमें यह ध्यान रखना ज़रूरी है कि क्वालिटी से कोई समझौता न किया जाए। क्योंकि क्वालिटी की अनदेखी उत्पादन में कमी ला सकती है जिससे पूरा गणित फिर से शून्य हो जाएगा।

क्या हैं विकल्प?

अपनाएं आर्गेनिक फार्मिंग -

आर्गेनिक फार्मिंग यानि जैव-खेती यूं तो भारत में काफी पुराने समय से चली आ रही है ,परन्तु बीते कुछ दशकों में बढ़ते औद्योगीकरण और वैश्वीकरण के कारण लोग इस पुराने तरीके को भूल से गए थे।

हालाँकि अब,खेती में इस्तेमाल होते रसायनों के स्वास्थ्य और पर्यावरण पर होने वाले दुष्प्रभावों के कारण आर्गेनिक कृषि प्रोडक्ट्स की  डिमांड बढ़ी है। इस वजह से एक बार फिर से आर्गेनिक फार्मिंग की तरफ किसानों का रुझान बढ़ा है। आप भी यह करके अपना मुनाफा बढ़ा सकते हैं।

आर्गेनिक फार्मिंग खेती का एक ऐसा सिस्टम है जिसमें फसल उपजाने के लिए रसायन रहित उत्पादों और तरीकों का इस्तेमाल किया जाता है। इस तरीके की खेती से हमारे पर्यावरण को काफी लाभ होता है।  ज़मीन भी उपजाऊ बनी रहती है और साथ ही इससे उपजने वाले अनाज, सब्जी, फल आदि खाने वाले की सेहत पर भी बुरा प्रभाव नहीं डालते हैं। आजकल लोग सेहत के प्रति काफी जागरूक हुए हैं, इसलिए आर्गेनिक फार्मिंग का स्कोप बढ़ता ही जा रहा है।

बनाएं अपनी जैविक खाद -

बाजार की महंगी रसायन युक्त खाद के इस्तेमाल से अच्छा है कि आप घर पर ही अपनी जैविक खाद बनाएं। यह बहुत ही प्राकृतिक तरीके से बिना किसी लागत के आसानी से तैयार की जा सकती है। गावों देहात में आसानी से उपलब्ध गोबर, पत्तों और केंचुओं को एक साथ रखकर आप यह खाद तैयार कर सकते है। इसे 'वर्मीकम्पोस्ट' कहा जाता है। यह खाद न सिर्फ मुफ्त की है, बल्कि रासायनिक खाद से अधिक फायदेमंद भी है। आप यह खाद साथी किसानों को कम दामों में बेचकर उनकी मदद कर सकते हैं और एक्स्ट्रा आमदनी भी कर सकते हैं ।

बनाया जा सकता है कीटनाशक भी -

इसके लिए आपको  इन सब चीज़ों की आवश्यकता होगी-

  • गौ-मूत्र (20 लीटर )
  • नीम के पत्ते(2.5 किलो ), धतूरा के पत्ते(2.5 किलो ), सीताफल के पत्ते(2.5 किलो ), अर्क के पत्ते(2.5 किलो ) और बेशर्म के पत्ते (2.5 किलो)
  • लाल मिर्च पाउडर (1 किलो), तम्बाकू पाउडर(750 ग्राम )

सब पत्तों  को पीसकर उसे पाउडर और गौ-मूत्र के साथ उबालें, फिर उसे ठंडा करके छान लें और बोतल में स्टोर कर लें। यह कभी खराब नहीं होता और न ही आपकी फसल को खराब होने देता है।

जब भी आप इस कीटनाशक का छिड़काव करें तो ध्यान रखें कीटनाशक की मात्रा का 20 गुना पानी उसमें मिला कर ही स्प्रे करें।

यदि आप दुकानों से भी खाद और कीटनाशक खरीद रहे हैं तो ध्यान रखें कि यह सब सामान लाइसेंस वाली दुकानों से ही खरीदें।

अपनाएं देसी बीज -

हरित क्रांति में हाइब्रिड यानि संकर बीजों को लेकर आए तूफ़ान ने खेती के साथ साथ स्वास्थ्यको भी भारी नुकसान  पहुँचाया है। ऐसे में वैज्ञानिक और किसान दोनों ही एक बार फिर से देसी बीजों की और लौटने लगे हैं। यह बीज पोषक पैदावार के साथ साथ अच्छी आमदनी भी देते हैं।

रहें जागरूक -

आजकल हर घर में स्मार्टफोन और इंटरनेट कनेक्शन है। इसका उपयोग अपनी जानकारी बढ़ाने में करें। आपकी जागरूकता ही आपका हथियार है। सरकार द्वारा किसानों की मदद के लिए कई तरह के ऐप लांच किये हैं जिन्हें प्लेस्टोर से नि:शुल्क डाउनलोड किया जा सकता है।

  • सीएचसी फार्म मशीनरी ऐप  - छोटे और मध्यम वर्ग के किसानों के लिए महंगी मशीनें खरीदना काफी मुश्किल होता है। ऐसे में यह ऐप उनकी मुश्किल आसान कर सकता है।केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा लांच किये गए इस ऐप के माध्यम से आप घर बैठे खेती की मशीनें जैसे ट्रेक्टर आदि किराए पर मँगा सकते हैं।
  • मेघदूत ऐप - मौसम की सही जानकारी वक़्त पर मिल जाने से किसानों को अपनी फसल के लिए सही निर्णय में मदद मिलती है। खेती और मौसम की जानकारियों के लिए आप इस ऐप को डाउनलोड कर सकते हैं।
  • किसान सुविधा ऐप - कृषि मंत्रालय द्वारा संचालित यह ऐप आपको मंडी  भावों समेत किसानी से जुड़ी कई महत्वपूर्ण जानकारियां देता है।
  • केवीके खोज ऐप - किसान विज्ञान केंद्र से आप खेती की उन्नत तकनीकों के बारे में जानकारी हासिल कर सकते हैं। अपने आसपास के किसान विज्ञान केंद्र खोजने के लिए आप यह ऐप डाउनलोड करें। यहाँ आपकी कस्टमर केयर सहयोगी से बात हो जाएगी।

नोट करें -

किसानों की समस्याओं का निदान उन्हें उनकी लोकल भाषा में देने के लिए भारत सरकार द्वारा देश भर में लांच किए गए किसान कॉल सेंटर का टोल फ्री नंबर है - 1800-180-1551।

ध्यान दें -

आज देश के किसानों को पहले से कई ज़्यादा जागरूक होने की ज़रूरत है तभी वे अपने इस व्यवसाय को लाभकारी बनाए रख पाएंगे। सरकार की स्कीमों में बढ़-चढ़कर भागीदारी करने के साथ-साथ किसानों को चाहिए कि वे अपने पुरखों के जैविक खेती के तरीकों पर वापस लौटें और हानिकारक रसायनों से दूर क्लीन और ग्रीन खेती अपनाएं। आगे आने वाला समय इस इकोफ्रैंडली मार्किट में बढ़ोतरी देखेगा।

गाँव देहातों में आसानी से मिलने वाले संसाधनों का उपयोग करके ही किसान काफी उन्नत किस्म की खेती कर किसान आत्मनिर्भर बनने के साथ-साथ हमारे पर्यावरण पर लगे घावों को भी भर सकते हैं।

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