पश्चिम बंगाल का स्वतंत्रता संग्राम से लेकर आधुनिक विकास की सीढ़ी पर चढ़ते हुए भारत की पूरी यात्रा में महत्वपूर्ण योगदान रहा है। भारतीय नक्शे में बंगाल की खाड़ी के पास के पूर्वी भाग में स्थित पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता भारत की तीसरी बड़ी मेट्रो सिटी और सातवां सबसे ज्यादा जनसंख्या वाला स्थान है।
अंग्रेजी ईस्ट इंडिया कंपनी ने मद्रास के बाद में कोलकाता को ही अपना महत्वपूर्ण व्यवसायिक स्थान बनाने का निश्चय किया था।
आपने इतिहास की किताबों में बंगाल का विभाजन तो पढ़ा ही होगा, क्योंकि उस समय स्वतंत्रता संग्राम में बंगाल एक मुख्य केंद्र के तौर पर उभरा था और उसकी शक्ति को कमजोर करने के लिए लॉर्ड कर्जन ने 1905 में बंगाल के विभाजन की योजना बनाई थी।
ज़रूर आपने टेलीविजन पर दार्जिलिंग की चाय का प्रचार देखा होगा और इसका इस्तेमाल किया होगा, इसके साथ ही गंगा का डेल्टा मैदान और सुंदरबन भी पश्चिमी बंगाल की शोभा बढ़ाते हैं।
विश्व में सर्वाधिक संख्या में पाए जाने वाला मैंग्रोव वन ( जिसे सुंदरबन के नाम से जाना चाहता है ) और बंगाल टाइगर यहां की प्रमुख विशेषता है।
बाजार(markets) किसी भी राज्य की अर्थव्यवस्था को गति प्रदान करने में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं। आज हम जानेंगे पश्चिम बंगाल के कुछ महत्वपूर्ण मार्केट अर्थात बाजार के बारे में :-
1. कोलकाता का नया बाजार ( New Market of Kolkata)
सबसे पहले जानते हैं पश्चिमी बंगाल के सबसे बड़े शहर कोलकाता में स्थित न्यू मार्केट के बारे में यह मार्केट कोलकाता के लिंडसे स्ट्रीट के पास स्थित है जिसे मिर्ज़ा गालिब स्ट्रीट के नाम से भी जाना जाता है। कुछ समय तक ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ के नाम पर इस मार्केट का नाम परिवर्तित कर एलिजाबेथ मार्केट भी किया गया था, किंतु बाद में धार्मिक आंदोलन होने पर भारत में अपना सम्मान दिखाने के लिए इसका नाम वापस भारतीय शहर कोलकाता के नाम पर ही किया गया।
इस मार्केट की स्थापना ब्रिटिश इंडिया राज के दौरान ही हो चुकी थी। ईस्ट इंडियन रेलवे कंपनी के आर्किटेक्चर रिचर्ड बेने (Richard Bayne ) ने ही इस मार्केट की बिल्डिंग को भी तैयार किया था। 1874 में शुरू हुआ यह मार्केट कुछ समय में ही कोलकाता की मुनूसिपल मार्केट होने के नाते बहुत तेज़ी से लोकप्रिय हुआ और अलग-अलग क्षेत्रों के लोग यहां पर खरीदारी करते हुए दिखाई दिए।
सबसे पहले इस मार्केट में कुछ बुक डीलर और बुक सेलर काफी ज्यादा लोकप्रिय रहे थे जो अंग्रेज विरोधी पुस्तकें बेचे जाने के कारण गिरफ्तार किए गए थे। इस नए मार्केट की ग्रोथ द्वितीय विश्वयुद्ध के साथ भी तेज़ी से बढ़ी। वर्तमान समय में इस मार्केट में लगभग 2000 से ज्यादा दुकानें हैं जो कि लगभग सभी चीजों की बिक्री करती हैं परंतु मुख्यतया कपड़े और इलेक्ट्रॉनिक्स का ज्यादा व्यापार होता है।
आगजनी की घटनाओं के साथ इस बाजार का पुराना रिश्ता रहा है वर्ष 1985 2011 और 2015 में यहां पर कई बार बड़ी आगजनी की घटनाएँ घटित हो चुकी है परंतु फिर भी यह बाजार वर्तमान समय में कोलकाता का सर्वाधिक प्रचलित बाजार है।
2. होंग कोंग बाजार (Hongkong market)
उत्तरी पूर्वी भारत के 8 राज्य से सटा हुआ पश्चिमी बंगाल का एक लोकप्रिय स्थान सिलीगुड़ी हांगकांग मार्केट की वजह से भी काफी विख्यात है, वैसे तो यहां पर सभी प्रकार की चीजें बेची जाती है परंतु कपड़े इलेक्ट्रॉनिक्स, कॉस्मेटिक और खाने के वेंडर की भरमार मिलेगी।
यहां का प्रसिद्ध पोहा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त किया हुआ है। इसके साथ ही कुछ समय पहले ही इस मार्केट ने अपनी दुकानों की बिक्री के लिए कई बड़े अंतरराष्ट्रीय ब्रांडो को। नीलामी का अवसर प्रदान किया था
यहां पर आप आसानी से अंतर्राष्ट्रीय गुड्स और अंतरराष्ट्रीय ब्रांड की भी खरीदारी कर पाएंगे। कुछ समय पहले कई लोगों के द्वारा अनैतिक एक्टिविटी करने की वजह से यह मार्केट काफी लोकप्रिय रहा था।
इसके साथ ही यह भारत और चीन के बीच हुए द्वंद के कारण कई लोगों ने इस मार्केट का नाम हांगकांग मार्केट से बदलने का केम्पेन भी चलाया था, परंतु यह सफल नहीं हो पाया।
3. शनि-बारेर हाट बाजार (Shonibarer Hat Market )
पश्चिम बंगाल के शांतिनिकेतन क्षेत्र में लगने वाला यह हाट हर वर्ष भरा जाता है और यहां पर मुख्यतया स्थानीय लोगों के द्वारा बनाए जाने वाले उपकरण और हस्त निर्मित कपड़ों की बिक्री की जाती है।
कुछ समय पहले ही भारत सरकार ने इस हाट में बनाए गए खिलौनों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति दिलाने के लिए खिलौना मेला का आयोजन करने का फैसला लिया है।
4. हटी बागान मार्केट (Hatibagan Market)
कोलकाता में ही स्थिति यह मार्केट प्रारम्भ में एक पेट ( पालतू ) मार्केट के रूप में ही प्रसिद्ध था परंतु अभी विकसित होकर कपड़ों और कंगन तथा कॉटन की साड़ी की ख़रीददारी के लिए कोलकाता का सबसे सस्ता मार्केट बन गया है।
मुख्यतौर पर यह रविवार के दिन ही ज्यादा लोगों को आकर्षित करने में सफल होता है।
5. फ्लोटिंग मार्केट (Floating Market)
फ्लोटिंग मार्केट एक तरीके से तैरते हुए मार्केट होते हैं , जोकि किसी नदी या तालाब के अंदर नाव पर होते है जिनके ऊपर सामान की बिक्री की जाती है और उसी तालाब में कुछ बैरिकेडस लगे होते हैं, जहां पर आकर लोग सामान की खरीदारी करते हैं।
कई हॉलीवुड फिल्मों में आपको इस तरह के मार्केट दिखाई दिए होंगे,जिनमें अलग-अलग नावों ऊपर अलग-अलग प्रकार का सामान बेचते दिखते हैं।
भारत के अलावा श्रीलंका, पाकिस्तान और बांग्लादेश में तैरते हुए मार्केट का बहुत अधिक प्रचलन है।
वर्ष 2008 में पश्चिम बंगाल का पहला फ्लोटिंग मार्केट पाटोली लेक में शुरू किया गया था। कुछ समय पहले ही पश्चिमी बंगाल सरकार ने इस झील के अंदर काफी ज्यादा अतिक्रमण होने की वजह से कई नाव वालों को यहां से हटा दिया था, क्योंकि उनका आपसी विवाद यहां पर आने वाले ग्राहकों की संख्या को कम कर रहा था।
मुख्य रूप से यहां पर ताजा सब्जी और मछलियों का व्यापार किया जाता है। इस मार्केट को बनाने में कुल 6 करोड़ का खर्चा किया गया था,जिनका इस्तेमाल आर्टिफिशियल नावों को बनाने में किया गया है।
6. तीस्ता बाज़ार (Teesta Market)
पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग में स्थित तीस्ता बाजार एक छोटा टाउन है ,जो कि तीस्ता नदी के किनारे पर बसा हुआ है। इसी बाजार के बीच में से सिलीगुड़ी गंगटोक हाईवे भी पास होती है।
यह बाजार मुख्यतः ताजा सब्जियों और फलों की बिक्री के लिए प्रसिद्ध है इसके साथ ही तीस्ता नदी के माध्यम से यहां पर फलों के आदान-प्रदान और परिवहन के लिए जलमार्ग का भी उपयोग किया जाता है
7. मलिक घाट फूल मार्केट
कोलकाता में ही स्थिति यह फ्लावर मार्केट अपनी ताजा और सुगंधित फूलों की वजह से काफी लोकप्रिय है,इसके साथ ही रामनगर का फ्लावर मार्केट भी काफी लोकप्रिय है।
एक प्रचलित दंतकथा यह भी है कि यह मार्केट बहुत पुराने समय से चलता आ रहा है और इसके बने फूलों को ब्रिटिश व्यापारी अपने साथ ले जाकर महारानी एलिज़ाबेथ को तोहफे में दिया करते थे।
8. खोआई मेला (Khoai fair )
बीरभूम डिस्ट्रिक्ट,पश्चिम बंगाल में लगने वाला यह मेला मुख्यतः लोगों के हाथों से बने हुए ट्रेडिशनल चीजों को बेचने में लोकप्रिय है। इस मेले का नाम खोय नाम से पड़ा है इसी क्षेत्र में कोपाई नाम की नदी भी बहती है आपकी जानकारी के लिए बता दें कि यह मेला हर शनिवार के दिन लगता है ।
इसमें अलग-अलग प्रकार की स्टाल देखने को मिलती है जिनमें से कई स्थलों पर शाल, शगुन आदि के पेड़ों के कुछ पत्ते और अन्य आयुर्वेदिक चीजें बेची जाती है ।
यह मेला केवल एक ही स्थान पर नहीं बल्कि खोआई इलाके के अलग-अलग स्थानों पर भरता है, जिस स्थान पर जो मेला भर रहा है वह उसी स्थान पर पाए जाने वाले जंगलों के नाम पर अपना नाम रखता है ,जैसे कि अनिया हाट, अंजूरी हॉट। यह सब अलग-अलग क्षेत्र के मेले एक साथ मिलकर खोआई मेला कहलाते है।
इन सब बाजार के अलावा पश्चिम बंगाल अपने शॉपिंग मॉल्स और आर्ट गैलरीज की वजह से भी काफी लोकप्रिय है कुछ प्रसिद्ध आर्ट गैलरी में फाइन आर्ट गैलरी, कोणार्क कलेक्शन, सीमा गैलरी और इसके अलावा ब्रिटिश इंडिया काल में बनाया गए कई स्मारक भी प्रसिद्ध है।
इस प्रकार आज हमने जाना पश्चिमी बंगाल में बने कुछ बड़े बाजारों के बारे में,जो कि आधुनिक भारत के साथ-साथ पुराने युग से चले आ रहे ट्रेडिशनल भारतीय सामानों का भी व्यापार करने में सक्षम हैं।
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