हिमाचल प्रदेश की हरी भरी घाटियां, बर्फीले पहाड़, हरे घास के बड़े मैदान, साफ नदियां और खूबसूरत झरने देवभूति की खूबसूरती बया करते हैं. यहां के पसंदीदा हिल स्टेशन, सुहाना मौसम, और खूबसूरत वादियां पर्यटकों को काफी सुकून देती है. और अपनी ओर आकर्षित करती है यहां के लोगों का शांत स्वभाव, ताजी हवा और शांत वातावरण हिमाचल की सबसे बड़ी खूबी है. यहां का सौंदर्य देख कर मन बस यहीं बस जाने को करता है. हिमाचल के ज्यादातर सभी छोटे और बड़े शहर टूरिस्ट प्लेस के रूप में विकसित हुए हैं. और अलग अलग जगहों से आने वाले लोगों के लिए यहां की सड़क के किनारे कैफे और रेस्टोरेंट की कतारे आपका मन मोह लेगी. जहां हर तरह के खाने के व्यंजन और फूड रेसिपीज मिल जाती है.
हिमाचल के मौसम का उस के खाने में असर साफतौर से देखा जा सकता है. मौसम के हिसाब से यहां के लोग भोजन तैयार करते हैं. यहां के लोग काफी महनती और कर्मवीर होते है. जिससे शरीर में ऊर्चा बनाए रखने के लिए यहां के खाने में पौष्टिकता का गहरा नाता है. सर्दियों के समय में यहां उड़द की दाल की बड़ी, खट्टी बड़ी, कुल्थ की खिचड़ी, बरेंदरी बड़ी, मक्के की रोटी और सेपू बड़ी ज्यादा खाई जाती है. उसी तरह गर्मियों के मौसम के हिसाब से अलग तरह की डिश सर्व की जाती है. यहां फिर चाहे आम घरों में बनने वाले पकवान हों या फिर नवाबों के समय बनने वाले व्यंजन समय के साथ यहां के खाने के स्वाद में काफी कुछ बदलाव आया है. लेकिन एक बात जो उस समय और आज के समय तक बरकरार है वो है यहां के क्षेत्रिय पकवान. यहां के अलग अलग जगाहों में भी कई तरह की वैराईटी मिल जाती है. इस पकवान को जो स्वाद आप एक जगह चखेंगे वो दूसरी जगह आपको नहीं मिल पाएगी. तो चलिए आज इसी को ध्यान में रखते हुए हम आप को हिमाचल के कुछ ऐसे ही अनोखे खाने के बारे में बताएंगे जिनको जानने के बाद आपके मुह में भी पानी आ जाएगा. मेरा मकसद आपको केवल यहां के खाने या हिमाचली व्यंजन के बारे में जानकारी देना नहीं है. अगर आपको भी मेरी तरह पहाड़ी खाना पसंद है तो आप केवल स्वाद लेने के अलावा इनका रेस्टोरेंट भी अपने शहर में खोल सकते हैं. इसकी जानकारी भी मैं आपको दूंगा.
1. धाम यानि 11 खाने के व्यंजन
धाम को पहले केवल मंदिरों में प्रसाद की तरह परोसा जाता था. पुराने समय में और अभी भी कई जगहों में ब्राह्मण रसोई में इसे बनाते थे. धाम में मूंग की धुली दाल, चना माद्रा, कढ़ी पकौड़ा, बूंदी या मीठा कच्चा पपीता, तेलिया माह की दाल, काले चने का खट्टा, औरिया चना दाल, और औरिया कद्दू, आदि आते हैं. खास बात यह है की इसमें प्याज, अदरक और लहसून का इस्तेमाल नहीं किया जाता. हालांकि समय के साथ साथ इसे पारिवारिक और धर्मिक कार्यक्रमों और शादी समारोह में अपने अपने स्टाइल से बनाया जाने लगा है. आप चाहे तो इन सब खाने के व्यंजनों की दुकान खोल सकते हैं. और एक थाली में सजा कर बेच सकते हैं. शुद्ध खाना होने के नाते कई लोग आपकी दुकान में जरूर आएंगे.
2. अकतोरी
अकतोरी देवभूमि की वो एक स्वीट डिश है. जिसे अकसर त्यौहारों और खुशी के मौके पर बनाया जाता है. गेहूं के आटे से बनने वाली अकतोरी का स्वाद समय के साथ साथ काफी फीका हो गया है. और रिफाइंट चीजों का इसमें ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है. ये दिखने में पैनकेक की तरह होता है. अगर आप मिठाई की कोई दुकान खोलना चाहते हैं. या आपकी कोई मिठाई की दुकान है तो आप अपने मेन्यू में इसे भी शामिल कर सकते हैं. बस ध्यान रहे इसके स्वाद में कोई कमी ना आए. अकतोरी को बनाने के लिए गेहूं और कुट्टू के आटे को पानी, दूध, चीनी और बेकिंग सोडा के साथ मिलाकर गाढ़ा घोल बनाया जाता है. फिर इसे तवे में सेंक कर गरमा गरम परोसा जाता है.
3. चना मद्रा
चना मद्रा हिमाचल की फेमस डिश में से एक है. इसे दही और चने से बनाया जाता है और ग्रेवी की तरह तैयार किया जाता है. इसका मूल रूप से हिमाचल के चंबा जिले ने संबंध है. इसमें भिगोए हुए चने या फिर सब्जियां होती है जिन्हें तेल में अच्चे ये पकाया जा है और तैयार किया जाता है. दालचीनी, इलायची. जीरा, धनिया पाउडर, हल्जी पाउडर, और लौंग के साथ साथ इसमें कई तरह के मसाले पड़ते हैं. आप चाहें तो इसका स्टोल लगा सकते हैं. या फिर अपने खाने की दुकान के मैन्यू में इसे जोड़ सकते हैं. यकीन मानिए अगर टेस्ट अच्छा रहा तो लोग इसे खाने दूबारा जरूर आएंगे.
4. पटांडे
यह हिमाचल के सबसे फेमस नाश्ते में से एक है. जिसे अपनी पहचान सिरमौर जिले से मिली है. ये दिखने में बिलकुल डोसे के समान होता है. लेकिन खाने में बिलकुल अलग. ये एक पर्फेक्ट स्नैक्स ऑप्शन है. ये देखने में जितनी सुंदर लगती है खाने में इसका स्वाद उतना ही स्वादिष्ट होता है. इसे बनाने के लिए गेंहूं के आटे में चीनी और दूध मिलाया जाता है. और फिर इसे तवे में डालकर डोसे की तरह पकाया जाता है. आप चाहे तो इसका स्टोल लगा के किसी कॉलेज या फिर इंडस्ट्रियल एरिया में अपनी दुकान लगा सकते हैं. सुबह का ये हेल्दी नाश्त लोगों को काफी पसंद आएगा.
5. टुड़किया भात
चावल को आलू, दही, अदरक, प्याज, किसी भी किस्म की दाल और लहसून के साथ पाक कर तैयार कर के टुकड़िया भात बनता है. इसे इलायची, दालचीनी, करी पत्ता, लाल मिर्च पाउडर के साथ साथ कई तरह के खड़े मसालों के साथ पकाया जाता है. ये दिखने में पोहा के तरह दिखता है और ये भी पोह की तरह एक शानदार ब्रेक फास्ट ऑप्शन है. पोहा का ठेला या फिर दुकान में आपने बिकते हुए जरूर देखा होगा. लेकिन अगर आप टुड़किया भात की रेसिपी जान गए और आपको इसे अच्छी तरह बनाना आता है तो आप भी इसको अपनी दुकान में बेच सकते हैं. या फिर कम पैसों में एक ठेला लगाकर इसका बिजनेस शुरु कर सकते हैं. इसका चटपटा स्वाद हर किसी को अपना दिवाना बना देगा. पोहा की तरह आप भी इस 30 रुपए प्लेट के हिसाब से भी बेचेंगे तो लोग जरूर खाने आएंगे.
रेस्टोरेंट खोलने के लिए जरूरी चीजें
- अपना काम शुरु करने के लिए आपका कितना खर्च आएगा ये जानना भी जरुरी है. अगर आने वाले कुछ महीनों में अगर आपकी कमाई ज्यादा नहीं होती है तो आपके आप अतिरिक्त पैसे होने चाहिए.
- आपको फूड विभाग से अपने बिजनेस के लिए संबंधित लाइसेंस लेना होगा. इसके साथ ही आपको अपने इलाके के फूड ऑफिस जाकर संबंधित जानकारी लेनी होती है. और जरूरी कागज या दस्तावेज हासिल करने होंगे.
- कुछ भी करने से पहले सोच विचार जरुर कर लें. पैसे लगाते समय कोशिश करें की कम पैसों में ही ज्यादा से ज्यादा चीज हो जाए. आपको इस सब बातों का ध्यान रखना होगा की आप ऑनलाइन खाना सर्व करना चाहते हैं या फिर दुकान डाल कर. शुरु में आप सारा सामान खुद का ही खरीदना चाहते हैं या फिर किराए का समान लेना चाहते हैं. अपने बजट के हिसाब से ही सब कुछ प्लेन करें
- अपने रेस्टोरेंट की मार्केटिंग करें हो सके तो अपने विज्ञापन लोगों तक पहुंचाएं. इसके लिए सोशल मीडिया सबसे अच्छी जगह है.
- मार्केट में अपनी अच्छी इमेज बनाने के लिए आपको अपनी दुकान में अच्छी क्वालिटी और टेस्टी खाने को सर्व करना होगा. जिससे ग्राहक आपकी और तरफ ज्यादा आएंगे.
- लोग बाहर का खाना खाते जरूर हैं. लेकिन अपनी सेहत से समझौता नहीं करते. इस लिए अपने खाने की क्वालिटी कभी ना गिरने दें और हाइजीन का जरूर ध्यान दें.
- आप चाहें तो अपने रेस्टोरेंट में ऑनलाईन आर्डर और फ्री डिलीवरी की सेवा भी दे सकते हैं. जिससे आपके ग्राहकों का रेट बढ़ जाएगा. जरूरी नहीं की शुरु में ही आप ऐसा करें. बिजनेस के थोड़ा सेटेल होने के बाद भी आप ये सेवाएं दे सकते हैं.
- स्थानीय लोगों की पसंद को ध्यान में रखते हुए अपना काम शुरु करें. अपने खाने की कीमत बाजार की कीमत के हिसाब से ही रखें. और अगर आप अपने दाम बढ़ा रहे हैं तो आपकी खाने की क्वालिटी भी अच्छी होनी चाहिए. अगर आप रेस्टोरेंट खोलते हैं तो अपने इंटीरियर पर ध्यान दें.
अगर आपके पास स्वादिष्ट खाना बनाने के अनोखा टेलेंट है तो फिर एक छोटा मोटा रेस्टोरेंट या फिर खाने की दुकान खोलने और उसे चलाने में आपको कोई परेशानी नहीं होगी. अगर आपको खाना बनाने का शौक है. और आप ज्यादा पैसे खर्च किए बिना आप अपना खाने का बिजनेस शुरु करना चाहते हैं तो आप कई लोगो की तरह ऑनलाइन काम शुरु कर सकते हैं. इसके लिए आपको ना तो किसी रेस्टोरेंट की जरूरत पड़ेगी. ना ही किसी दुकान का किराया देने की टेंसन. बस आप को अच्छा खाना बनाना आना चाहिए. आज कल वैसे भी मोबाइल एप के जरिए ऑनलाइन फूड की डिलीवरी और स्विगी जोमैटो का ट्रेड सा चल पड़ा है. लोग अकसर घर में खाना कम बनाते हैं और बाहर से ज्यादा मंगाते हैं. जिससे कई बड़े रेस्टोरेंट या फिर खाने की शॉप वाले हर महिने हजारों लाखों रुपए कमा रहे हैं.
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