मेघालय का फेमस स्ट्रीट फूड और कैसे शुरू कर सकते हैं आप इसका बिज़नेस भारत में कहीं भी

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मेघालय का फेमस स्ट्रीट फूड और कैसे शुरू कर सकते हैं आप इसका बिज़नेस भारत में कहीं भी

भारत के उत्तरी पूर्वी क्षेत्र में स्थित 8 बहनों के नाम से जाने जाने वाले आठ राज्य में से एक मेघालय का नामकरण संस्कृत शब्द मेघ से हुआ है, जिसका अर्थ होता है बादल। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि मेघालय में पाई जाने वाली तीन लोकप्रिय पहाड़ियां गारो, खासी और जयंतियां मेघालय के ही एक लोकप्रिय क्षेत्र मौसिनराम (जिसे चेरापूंजी के नाम से भी जाना जाता है) को विश्व का सर्वाधिक वर्षा वाला स्थान बनाने में मदद करती है।

यह पहाड़िया ऊपर से इतनी नुकीली होती है कि इन को पार करते हुए बादल आगे नहीं बढ़ पाते हैं और यहीं पर वर्षा कर देते हैं। स्थानीय लोगों की मानें तो यहां पर हर मानसून सीजन में बादल फटने पर होने वाली स्थिति के जैसी ही बारिश होती है। मेघालय भारत के उन राज्य में से एक है जहां पर आपको साल के हर समय सुहावना मौसम दिखाई पड़ता है और टूरिज्म के क्षेत्र में नॉर्थ ईस्ट के सभी राज्यों के साथ भारतीय टूरिज्म व्यवसाय को बढ़ाने में सहयोग कर रहा है।

क्या आपको पता है कि भारत के किसी भी अन्य राज्य की तरह आप मेघालय और उसके आसपास के कुछ राज्य में बिना सरकारी परमिट के नहीं जा सकते है , तो आपकी जानकारी के लिए बता दें कि मेघालय, अरुणाचल और मिजोरम जैसे राज्यों में जाने से पहले आपको सरकार के द्वारा जारी किया गया इनर लाइन परमिट लेने की आवश्यकता होती है।

इस परमिट के अंतर्गत आपको बताना होता है कि आप इस क्षेत्र में क्यों जा रहे हैं और कितने समय तक यहां पर रुकना चाहते हैं, यदि आप इस परमिट में दिए गए प्रावधानों का उल्लंघन करते हैं तो भारी जुर्माना चुकाना पड़ सकता है।

मेघालय के टूरिज्म की लोकप्रियता का पहला कारण तो यहां का भौगोलिक परिवेश है जबकि दूसरा कारण है यहां का लोकल फूड, जिसे मेघालय स्ट्रीट फूड के नाम से भी जाना जाता है।

क्या आपको पता है कि भारत के दूसरे क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की तुलना में उत्तरी पूर्वी क्षेत्र में रहने वाले लोग ज्यादा तीखा खाना पसंद करते हैं और इसी वजह से केरल और तमिलनाडु के क्षेत्रो में उगाई जाने वाली तीखी मिर्ची भारत के नॉर्थ ईस्ट क्षेत्र में एक्सपोर्ट की जाती है।

आइए अब हम जानते हैं मेघालय के कुछ लोकल स्ट्रीट फूड के बारे में:-

1. मोमोज (Momos)

एक बात तो मैं पूरे दावे के साथ कह सकता हूँ कि आपने अपनी जिंदगी में कभी ना कभी मोमोज तो खाए ही होंगे, लेकिन उत्तरी पूर्वी क्षेत्र में बनाए गए मोमोज वहां की चटनी में ज्यादा तीखापन होने की वजह से बहुत ज्यादा लोकप्रिय हुए हैं।

आपको बता दे की आप अपनी मेघालय ट्रिप के दौरान छोटे-छोटे स्ट्रीट स्टाल से लेकर बड़े-बड़े रेस्टोरेंट में सभी प्रकार के मोमोज बनाते हुए देख पाएंगे।

2. तुंगरीमबेई (Tungrmbai)

इस डिश का मुख्य इस्तेमाल ब्रेकफास्ट के तौर पर किया जाता है और इसको बनाने के लिए सोयाबीन की सहायता ली जाती है, यह सोयाबीन किसी दूसरी जगह से खरीदी हुई नहीं होती है, बल्कि मेघालय के लोगों के द्वारा खुद से ही उगाई जाती है।

आपने कई बार खमीर जैसा पदार्थ खाया होगा, इसका स्वाद भी बिल्कुल वैसा ही होता है।

rice dish served in a green bowl with coriander on top

3. जडोह (Jadoh)

यह डिश मेघालय की राजधानी शिलांग में काफी लोकप्रिय है, इसको बनाने के लिए चावल और मसाले का इस्तेमाल किया जाता है।इसके साथ इस डिश को स्वास्थ्य के लिए लाभप्रद बनाने के लिए इसमें कई हर्बल तत्व जैसे कि मिंट की पत्तियां और जिंजर फ्लावर मिलाया जाता है।

कई बार नॉनवेज खाने वाले लोग इसके साथ चिकन के टुकड़े भी मिला लेते हैं।

4. दोहनियोंग (Dohneiiong)

यह मेघालय की सबसे ज्यादा लोकप्रिय डिश से एक है, यह एक कड़ी प्रकार की डिश होती है जिसको अच्छी तरीके से फ्राई किया जाता है।

शिलॉन्ग के स्थानीय लोग इसको बड़े चाव से खाते है और यह केवल विशेष त्यौहार के दिन ही बनाई जाती है।

5. मिनिल सोंगा (Minil Songa)

इस डिश को मेघालय सोंगा के नाम से भी जाना जाता है, आपकी जानकारी के लिए बता दें कि मेघालय में गारो, खासी और जयंतिया नाम की जनजातियां भी पाई जाती है। जिनमें से मेघालय की गारो जनजाति इस डिश को बनाने में महारत हासिल किए हुए हैं। सलाद और चावल के साथ तेल में भूनने के बाद में इस डिश को मसाला और मिर्ची के साथ सर्व किया जाता है।इसके साथ ही इसके स्वास्थ्यगत फायदे भी है जैसे कि यह अपच जैसी समस्याओं को दूर कर डाइजेशन को बढ़ाती है।

6. पुखेलिन (Pukhlein) :-

इस डिश को बनाने में भी चावल का ही इस्तेमाल किया जाता है, परंतु इसे अधिक स्वादिष्ट बनाने के लिए इसमें मीठा भी मिलाया जाता है। इसके लिए काम में लिया गया गोल्डन ब्राउन राइस मेघालय की ही पहाड़ियों में उगाया जाता है और यह एक स्वादिष्ट और डिलीशियस डिश होती है जिसका इस्तेमाल मेहमानों का घर में स्वागत के दौरान किया जाता है।

7. कयाट (Kyaat) :-

हालांकि यह एक फ़ूड नहीं बल्कि एक पेय पदार्थ होता है, जिसको मुख्यतया पार्टी ड्रिंक के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। इसके निर्माण में भी चावल के एक यूनिक फ्लेवर का इस्तेमाल किया जाता है, चावल को पानी और कई स्थानीय क्षेत्रों में उगाए जाने वाले पदार्थों के साथ मिलाकर गर्म किया जाता है और उसे गर्म करने के बाद उसके रस के साथ मीठा मिलाकर सर्व किया जाता है।

इस पेय पदार्थ की एक और खास विशेषता यह है कि इसको परोसने के लिए जिस बर्तन का इस्तेमाल किया जाता है वह भी बहुत ही यूनिक होता है और लोगों के द्वारा हाथों से बनाया हुआ होता है। आपको बता दें कि यह पेय पदार्थ मेघालय में आने वाले अंतर्राष्ट्रीय टूरिस्टरों के द्वारा सर्वाधिक इस्तेमाल किया जाता है, इसी कारण इसको पेय पदार्थ होते हुए भी लोकप्रिय स्ट्रीट फूड में गिना जाता है।

chowmein noodles served in black plate with chopsticks

8. चाउमीन (Chowmein)

चाउमीन का नाम सुनते ही आपके दिमाग में कुछ ऐसे लोगों की तस्वीरें बन जाती है जोकि चाइना और जापान देश के होते हैं। ईस्ट एशिया में चाउमीन का प्रयोग दैनिक दिनचर्या के खाने वाले भोजन के रूप में किया जाता है। आपको बता दें कि भारत के अन्य क्षेत्रों में चाऊमीन का प्रसार ब्रिटिश सरकार के द्वारा उत्तरी पूरी भारतीय क्षेत्र के अधिग्रहण के बाद ही हुआ था।

कुछ समय पहले आपने अखबारों में यह खबर तो पढ़ी ही होगी कि नॉर्थ और वेस्ट इंडिया में घूमने आए उत्तरी पूर्वी क्षेत्र के लोगों के साथ स्थानीय लोगों ने बहुत ही बुरा बर्ताव किया और उन्हें चाइनीज तक कहकर पुकारा।

स्थानीय भारतीयों की यह सोच पूरी तरीके से गलत है, हालाँकि उत्तरी पूर्वी क्षेत्र भारत के बड़े महानगरों से पूरी तरह जुड़ा हुआ नहीं है, उनका पहनावा और रहन सहन का तरीका अलग तरह का होता है, परंतु फिर भी वह भारत के एक अभिन्न अंग है और हर भारतीय को उनके साथ सद्भाव के साथ रहना चाहिए।

इस प्रकार हमने जाना मेघालय के कुछ लोकल स्ट्रीट फूड के बारे में आइए अब हम आपको बताएंगे ऐसे कुछ टिप्स जिनकी सहायता से आप मेघालय के लोकल स्ट्रीट फूड मार्केट की तर्ज पर ही भारत के दूसरे क्षेत्रों में भी अपना रेस्टोरेंट खोल सकते हैं, आइए जानते हैं:-

  • सबसे पहले आपको यह सीखना होगा कि मेघालय की स्थानीय लोगों के हाथों में ही ऐसी कौन सी खासियत है जो वहां का लोकल स्ट्रीट फूड बनाने में मदद करती है।
  • यह बात तो आप जानते हैं कि कुछ लोग कई प्रकार के भोजन को बहुत ही अच्छी तरीके से बनाते हैं परंतु उनसे हर प्रकार का फ़ूड उतनी गुणवत्ता और स्वादिष्टता के साथ नहीं बनता है, इसी को ध्यान में रखते हुए आपको भारत के किसी भी क्षेत्र में रेस्टोरेंट खोलने से पहले मेघालय के स्ट्रीट फूड मार्केट में काम करते हुए वहां का लोकल फ़ूड बनाने की कला सीखनी चाहिए या फिर आप वहां पर काम कर रहे हैं किसी स्थानीय व्यक्ति को अपने रेस्टोरेंट में काम पर लगा सकते हैं।
  • अपना रेस्टोरेंट हमेशा ऐसे स्थान पर लगाएं जहां पर आपके प्रतिस्पर्धी की संख्या कम हो तथा परिवहन की भी उपयुक्त सुविधा हो, क्योंकि उसकी वजह से आपके रेस्टोरेंट तक पहुंचने वाले ग्राहकों की संख्या बढ़ेगी, जो कि आपके रेस्टोरेंट को भी एक टूरिस्ट हब बनाने में मदद करेगी।
  • इसी के साथ आपको सरकारी कानूनी दांव पेंच से बचने के लिए सरकार के द्वारा बनाए गए सारे कानूनों को पूरी सच्चाई से फॉलो करना चाहिए और अपने ग्राहकों की सुरक्षा और संतुष्टि का ध्यान रखना चाहिए।इसके लिए आप समय-समय पर फ़ूड डिपार्टमेंट से संबंधित अधिकारियों से संपर्क करते रहे और उन्हें अपने रेस्टोरेंट के सैंपल भेज कर उनका विश्वास बनाए रखें।
  • कई बार आपने ऐसा देखा होगा कि कई स्टेट गवर्नमेंट अपनी स्वयं की वेबसाइट पर स्थानीय टूरिज्म को प्रमोट करते वक्त उस क्षेत्र के स्थानीय रेस्टोरेंट के नाम भी सुझाती है, आप भी अपनी स्टेट गवर्नमेंट की वेबसाइट पर ऐसा ही स्थान पा सकते है, यदि आप वहां के फ़ूड डिपार्टमेंट के अधिकारियों का अपनी बेहतरीन गुणवत्ता के भोजन के साथ विश्वास जीतने में सफल हो पाए।
  • इसके अलावा आप वर्तमान समय में हर भारतीय तक इंटरनेट की पहुंच का फायदा उठाकर ऑनलाइन डिलीवरी का सिस्टम भी शुरू कर सकते हैं।

इस प्रकार हमने जाना कि किस तरीके से आप मेघालय के लोकल स्ट्रीट फूड व्यवसाय की तरह ही भारत के किसी भी क्षेत्र में अपना व्यवसाय लगा सकते हैं और बेहतरीन क्वालिटी तथा स्वादिष्ट खाना प्रदान कर अपने ग्राहकों की संतुष्टि प्राप्त कर सकते हैं।

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