भारत के तटीय क्षेत्रों में एक है ओड़िशा, ओड़िशा सांस्कृतिक तौर पर काफी महान है, यहां तरह-तरह के मंदिर है जो भारतीय इतिहास का जीता जागता नमूना हैं। ओड़िशा में बंगाली कलचर की झलक देखने को मिलती है लेकिन बावजूद इसके यहां के खान-पाने का स्वाद बिल्कुल ही अलग है बंगाल की तरह यहां भी मछली का काफी इस्तेमाल होता है लेकिन जब आप उड़िया स्टाइल में बनी मछली खाएंगे तो बंगाल की मछली का स्वाद ही भूल जाएंगे। ये तो कहानी है स्वाद की, लेकिन हर स्वाद को मैच करना इतना आसान नहीं होता। ओड़िशा में चावल, आलू, मछली का काफी इस्तेमाल होता है साथ ही यहां के खाने में तीखापन भी आपको काफी मिलेगा, वहीं बात करें स्ट्रीट फूड की, तो स्ट्रीट फूड के मामले में ओड़िशा किसी से भी पीछे नहीं हैं, यहां कई तरह की चाट मिलती है, जो कि नॉर्थ इंडिया से बिल्कुल ही अलग है ऐसी चाट आपको सिर्फ ओड़िशा जाने पर ही मिल सकती है। ओड़िशा में चटपटा और मीठा दोनों ही बराबर तरीके से पसंद किया जाता है। इसी लिए यहां के स्ट्रीट फूड में आपको सिर्फ चटपटा ही नहीं मिलेगा बल्कि मीठे में भी आपको काफी दिखेंगी । सबसे बड़ी और अनोखी बात ये है कि यहां मीट भी स्ट्रीट फूड स्टाइल में दी जाती है चाकूली को अक्सर मटन की ग्रेवी संग परोसा जाता है जो यहां काफी पॉप्युलर है। तो चलिए जानते हैं ओड़िशा के फेमस स्ट्रीट फूड के बारे में और इनके बिजनेस से जुड़ी बातें।
ओड़िशा का फेमस स्ट्रीट फूड
1. दही बारा आलू दम
दही बारा आलू दम एक ऐसा उड़िया स्ट्रीट फूड है जिसका हर उड़िसावासी दीवाना है, जिन्हें इसके नाम से ये डिश समझ में नहीं आ रही है उनके लिए इतना ही इशारा काफी है कि ये दही वड़े जैसी ही डिश है, उड़द की दाल के वड़े बनाकर उन्हें पानी में डूबो कर रखा जाता है और दही, आलू की सब्जी और हरे धनिये के साथ पेड़ के पत्तों से बने पत्तल में सर्व किया जाता है। वैसे जब आप इसे देखेगें तो यकीनन आपको दही भल्ले की याद आ जाएगी। भल्ले बनाने के लिए भी उड़द की दाल का इस्तेमाल होता है और बारा बनाने में भी उसी दाल को भिगोया जाता है, और दही के साथ दिया जाता है । लेकिन ओड़िशा में इन वड़ों को आलू की सब्जी के साथ परोसा जाता है जो अपने आप में काफी स्पेशल है और स्वादिष्ट होते है।
रॉ मैटीरियल
अगर आप इसका स्टॉल खोलना चाहते हैं तो जान लीजिए आपको किस-किस सामान की जरूरत पड़ने वाली है
- उड़द की दाल
- सजी या रवा
- अमचूर
- दही
- सरसों के दाने, जीरा के दाने
- तेल
- कढ़ी पत्ता
- आलू
- प्याज, अदरक, धनिया
इस बिजनेस में 30 रूपये प्रति प्लेट में 10-15 रूपये का मुनाफा कमाया जा सकता है
2. बारा घुगनी
ओड़िशा में बारा जिसे हम वड़ा भी करते हैं वो कई तरह से बनाया और खाया जाता है उसी का एक और स्टाइल है बारा घुगनी जिसमें बारा को तेल में क्रिस्प होने तक तला जाता है और फिर उसे आलू की सब्जी और ऊपर से थोड़े सेव डाल कर पेश किया जाता है। ये दिल्ली जैसे शहरों में मिलने वाली टिक्की चाट के जैसा ही होता है लेकिन इसमें टिक्की की जगह उड़द की दाल का वड़ा होता है।
रॉ मैटीरियल
- उड़द की दाल
- तेल
- आलू
- मसाले
- पंच फोड़न मसाले
- धनिया
- सेव
- प्याज
इस बिजनेस में 30 रूपये प्रति प्लेट में 10-15 रूपये का मुनाफा कमाया जा सकता है
3. चाकूली मंगसा तरकारी
चाकूली मंगसा तरकारी, डोसे का उड़िया वर्जन है ये वैसे ही बनता है जैसे डोसा बनता है लेकिन इस फ्लेवर बिल्कुल अलग है। चावल को भिगोकर उसका पेस्ट बना लिया जाता है और फिर उसे डोसे की तरह तवे पर फैलाकर पकाया जाता है लेकिन डोसा काफी पतला होता है वहीं चाकूली थोड़ा मोटा, इसके बाद इसे आलू की तरकारी या मटन की तरकारी के साथ पेश किया जाता है। यानि की इस डिश में वेज और नॉन-वेज दोनों के ही अप्शन मौजूद हैं। जिस तरह से आपको मसाला डोसा के साथ साम्बर मिलता है वैसे ही चाकूली में आलू या मीट की तरकारी दी जाती है, लोग इसे लंच या डिनर के तौर पर खाना ज्यादा पसंद करते हैं।
रॉ मैटीरियल
- चावल
- आलू
- मटन
- प्याज
- टमाटर
- धनिया
- मसाले
- पंच फोड़न
- तेल
इस बिजनेस में वेज चाकूली की 50 रूपये प्रति प्लेट में 10-15 रूपये का मुनाफा कमाया जा सकता है वहीं नॉन वेज 150 प्रति प्लेट में 30 रूपये तक का मुनाफा होने की गुंजाइश है।
4. उड़िया चाटx
आपने चाट तो बहुच खाई होंगी लेकिन अगर आपने उड़िया चाट का मज़ा नहीं लिया है तो यकीन मानिए आपने बहुत बड़ी चीज मिस कर दी है। उड़िया स्टाइल में बनने वाला ये चाट बाकी सभी चाट से बिल्कुल अलग है। इसमें चाट को बनाने के लिए मटर की दाल और आलू को उबाल कर बड़े से तवे पर रखा जाता है, जैसे ही कस्टमर इसकी डिमांड करता है मटर दाल को गर्म करके उसमें प्याज, टमाटर, इमली का पानी, नारियल, नारियल के चिप्स, नमकीन, पापड़ और दही को साथ में मिला कर सर्व किया जाता है । ये खाने में थोड़ा खट्टा-मीठा और चटपटा होता है। ये चाट सेव पुरी, झालमुरी जैसी ही होती है बस इसमें आपको ओड़िशा के स्वाद का टच मिलता है।
रॉ मैटीरियल
- मटर की दाल
- आलू
- प्याज, टमाटर, धनिया
- दही
- नारियल चिप्स
- नमकीन
- पापड़
इस बिजनेस में 40 रूपये प्रति प्लेट में 10-15 रूपये का मुनाफा कमाया जा सकता है
5. रसबाली
ओड़िशा में मीठा खाना काफी पसंद किया जाता है, इसलिए यहां की गलियों में आपको मीठा पकवान भी खाने को मिलेंगे। रसबाली यहां की बहुत ही फेमस डिश है जो चैना और दूध से बनती है इस डिश को भगवान जगन्नाथ जी के छप्पन भोग में भी शामिल किया गया है, रासाबाली बनाने के लिए पहले दूध से छैना तैयार किया जाता है जिसे सूजी में मिलाकर गूंदा जाता है, फिर उसे घी में तलना होता है और फिर इलायची वाले दूध में डूबोकर सर्व किया जाता है।
रॉ मैटीरियल
- छैना
- दूध
- इलाइची
- सूजी
- चीनी
- घी
इस बिजनेस में 10-20 रूपये प्रति पीस बिकने वाली रसबाली में प्रति पीस 4 रूपये मुनाफा कमाया जा सकता है
6. छैना पोड़ा
जैसे पंजाब में मक्के की रोटी और सरसों का साग चलता है, गुजरात में ढोकला, बंगाल में रसगुल्ला, दिल्ली में छोले भटूरे वैसे ही ओड़िशा की जान बसती है उनके छैना पोड़ा में, छैने से बनी ये मिठाई ओड़िशा का सार कलचल खुद में समेटे है। शाम के वक्त छैना पोड़ा खाने की बात ही कुछ अलग है, इसको छैन को खूब पका कर बनाया जाता है मीठे के लिए इसमें गुड़ का इस्तेमाल होता है इसे मिट्टी के बर्तन में बनाया जाता है और ये ही इसके स्वाद का सीक्रेट, इसी लिए इसका स्वाद बेहद अलग होता है। ये एक स्वीट डिश है इसलिए लोग अक्सर इसे शाम के नाश्ते के साथ खाना पसंद करते हैं।
रॉ मैटीरियल
- छैना
- गुड़
- काजू
- किश्मिश
200 ग्राम छैना पोड़ा की कीमत बाजार में 250 रूपये हैं इससे अंदाज़ा लगा सकते हैं कि कितनी टेस्टी मिठाई है लेकिन जब आप इसे थोक के भाव बनाओ के तो आपको इसमें बड़ा मुनाफा कमाने का मौका मिल सकता है।
7. अरिसा पीठा
अरिसा पीठा भी ओड़िशा में काफी पसंद की जाने वाली मिठाई या मीठा स्नैक है जिसे चावल के पीठे से तैयार किया जाता है। ओड़िशा का कोई भी फेस्टिवल इसके बिना अधूरा समझा जाता है। चावल को भिगो कर उसे गुड़ में मिलाया जाता है और फिर तिल लगाकर तेल में तला जाता है । छट पूजा में आटे और चावल से बनने वाला पीठा भी कुछ ऐसा ही बनता है और इसक फ्लेवर उससे कई मायनों में मिलता भी है।
रॉ मैटीरियल
- चावल
- गुड़
- तिल
- तेल
- सौंफ
बिजनेस शुरू कैसे करें?
जितने भी पकवानों का जिक्र हुआ है उसका बिजनेस करने के लिए सबसे पहले आपको उस जगह का चुनाव करना होगा जहां आप इसे बेचना चाहते हैं, उसके बाद किसी कॉर्नर या स्टॉल पर आप अपना काम शुरू कर सकते हैं, जगह का चुनाव करतो समय हमेशा इस बात का ध्यान रखें की जगह भीड-भाड़ वाली होनी चाहिए, ऐसी होनी चाहिए जहां लोग घूमने-फिरने या शॉपिंग करने आते हों। आपको अपने समय को 3 भागों में बांटना होगा पहले सामान खरीदने के लिए फिर, तैयारी करने के लिए और फिर बेचने के लिए, इस तरह से आप अकेले भी अपना रोजगार चला सकते हैं। दही वड़े का काम है तो दाल को एक रात पहले भिगोना, चाकूली के लिए चावल को एक रात पहले भिगोना इन सब बातों का ध्यान रखना होगा। सामान हमेशा किसी थोक की मंडी से खरीदें जिससे आपकी लागत में कमी आ सके। दूध और दही का इस्तेमाल करते वक्त ये ध्यान रखें कि इन्हें फ्रेश ही खरीदें, इससे आपके स्वाद में इजाफा हो और लोगों को आपके स्टॉल पर खाना अच्छा लगेगा।
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