एफ.एस.एस.ए.आई सम्पूर्ण रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया, आवश्यक डॉक्यूमेंट, लाभ व जुर्माना

. 1 min read
एफ.एस.एस.ए.आई सम्पूर्ण रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया, आवश्यक डॉक्यूमेंट, लाभ व जुर्माना

देश में जब खाद्य वस्तुओं में मिलावट किये जाने की अनेक शिकायतें आने लगीं। गेहूं, चावल, दालों,तेलों, मसालों, दूध, घी, क्रीम, दही सहित सभी खाद्य वस्तुओं में स्वास्थ्य के प्रति हानिकर वस्तुओं की मिलावट से लोगों के स्वास्थ्य पर घातक असर पड़ने लगा। सूखे अनाजों के साथ ही तैयार खाद्य वस्तुओं में हानिकारक वस्तुओं की मिलावट से लोगों को तरह-तरह की बीमारियां होने लगीं । कभी-कभी तो मिलावटी तैयार खाद्य वस्तुओं के उपभोग से फूड पॉयजनिंग होने के कारण बड़ी संख्या में लोग बीमार होने लगे और कई बार तो अनेक लोगों की अकाल मौतें भी होने लगीं।  तब सरकार ने इस ओर ध्यान दिया और 17 वैज्ञानिक टीमों का गठन करने के बाद खाद्य वस्तुओं की आवश्यक जांच-पड़ताल के लिए एक अथॉरिटी बनाई । इस अथॉरिटी का नाम फूड सेफ्टी एण्ढ स्टैण्डर्ड ऑफ इंडिया (एफएसएसएआई) रखा गया। इस अथॉरिटी के जिम्मे सभी प्रकार की खाद्य वस्तुओं की जांच पड़ताल करने और दोषियों के खिलाफ दंण्ड का प्रावधान करने के काम सौंपे गये। उसके बाद से खाद्य पदार्थों में मिलावट की खबरों में कमी आयी है। उपभोक्ताओं ने भी काफी राहत की सांस ली है।

यह है अधिनियकम

एफएसएसएआई का गठन एफएसएस अधिनियम, 2006 की धारा 31 (1) और 31 (2) के  तहत अगस्त 2011 मे किया गया। इस अधिनियम के  अनुसार देश के प्रत्येक खाद्य कारोबारी के लिए भारत खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण यानी फूड सेफ्टी एण्ड स्टैण्डर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एफएसएसएआई) के तहत लाइसेंस लेना या पंजीकृत कराना आवश्यक हो गया है।

पूर्णतया ऑनलाइन प्रणाली है

लाइसेंसिंग और पंजीकरण की प्रक्रिया (खाद्य कारोबार का अनुज्ञापन एवं रजिस्ट्रीकरण)  विनियम 2011 द्वारा पूर्ण की जाती  है। एफएसएसएअई में फूड लाइसेंस लेने अथवा रजिस्ट्रेशन कराने की प्रणाली (एफ.एल.आर.एस.) पूर्णतया ऑनलाइन प्रणाली है।

पूरे देश में होता है रजिस्ट्रेशन, मिलता है लाइसेंस

इस प्रणाली को एफएसएसएआई द्वारा खाद्य कारोबारियों को लाइसेंस/रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट प्राप्त करने के लिए आवेदन करने में सुविधा के लिए शुरू किया गया है। इस प्रणाली से व्यापारी यह भी जान सकते हैं कि उनके आवेदनों पर क्या कार्रवाई हो रही है। देश के सभी राज्यों व केन्द्र शासित राज्यों द्वारा खाद्य कारोबारी को ऑनलाइन लाइसेंस/रजिस्ट्रेशन प्रमाण पत्र जारी किये जा रहे हैं।

licensed stamp on white paper

कौन-कौन करा सकता है रजिस्ट्रेशन, कौन ले सकता है लाइसेंस?

एफएसएसएआई में पंजीकरण सभी छोटे खाद्य निर्माताओं के लिये जरूरी है। इनमें छोटे खुदरा विक्रेता, रेहड़ी-पटरी वाले, फेरी वाले अथवा अस्थायी स्टाल वाले, लघु अथवा कुटीर उद्योग वाले सभी शामिल हैं, जिनकी साल भर में कुल बिक्री 12 लाख रुपये से कम हो। 12 लाख या इससे अधिक बिक्री व आय वाले खाद्य दुकानदार को लाइसेंस लेना अनिवार्य है।  प्रत्येक छोटे दुकानदार को 100 रुपये के शुल्क के साथ एफएसएसएआई में ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य है। एफएसएसएआई की वेबसाइट पर जारी निर्धारित फार्म को भरकर आवेदन किया जा सकता है।

रजिस्ट्रेशन/लाइसेंस जारी होने की प्रक्रिया

एफएसएसएआई के रजिस्ट्रेशन अथॉरिटी (आर.ए) द्वारा रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन प्राप्त होने के 7 दिनों के भीतर पंजीकरण प्रदान किया जा सकता है। पंजीकरण प्रमाण पत्र मिलने के बाद खाद्य कारोबारी अपना कारोबार शुरू कर सकता है। इसके अलावा आवेदन पत्र में किसी भी प्रकार की कमी पाये जाने पर रजिस्ट्रेशन अथॉरिटी लिखित रूप से कारण बताते हुए आपका आवेदन रद्द कर सकता है। यदि आवश्यक हुआ तो रजिस्ट्रेशन अथॉरिटी विभागीय निरीक्षण के भी आदेश दे सकता है। यदि सात दिनों के भीतर निरीक्षण का आदेश दिया जाता है तो भी कारोबारी अपना कारोबार शुरू कर सकता है और उसके कारोबार का निरीक्षण 30 दिनों के भीतर किया जाता है।

एफएसएसएआई की जरूरत क्यों हुई

एफएसएसएआई की स्थापना से पहले देश में खाद्य सुरक्षा अधिनियम तो लागू था और इसके लिए खाद्य विभाग भी था लेकिन इस विभाग में वो वैज्ञानिक तकनीक और कार्य करने की क्षमता नहीं थी जिससे खाद्य मिलावट को सख्ती से रोका जा सके। इसलिये इस अथॉरिटी की आवश्यकता पड़ी। सरकार ने काफी सोच विचार कर इस अथॉरिटी की स्थापना की। साथ ही इसकी कुछ जिम्मेदारियां भी सौंपीं। जो इस प्रकार हैं:-

1. सभी कारोबारियों का रजिस्ट्रेशन व लाइसेंसीकरण कराना

2. खाद्य पदार्थों की शुद्धता की जांच करना और उन्हें एक स्टैण्डर्ड तक बनाना सुनिश्चित करना।

3. खाद्य पदार्थों की वैज्ञानिक रीति से जांच करने के लिए खाद्य वस्तुओं के नमूने लेकर लैब से जांच करवाना।

4. उपभोक्ताओं को सुरक्षित, पौष्टिक और संपूर्ण आहार की उपलब्धता सुनिश्चित कराना।

5. खाद्य पदार्थों के भंडारण, बिक्री तथा आयात को नियंत्रित करना।

6. उपभोक्ताओं को खाद्य वस्तुओं मेंं मिलावट के प्रति जागरुक करना।

एफ.एस.एस.ए.आई का मुख्य कार्य

एफ.एस.एस.ए.आई का मुख्य कार्य खाद्य व्यापारियों का रजिस्ट्रेशन व लाइसेंस देना तो है ही और साथ ही बाजार में उपभोक्ता के लिए खाद्य वस्तुओं की निगरानी करना है। इन वस्तुओं के सैम्पल लेकर वैज्ञानिक तरीके से लैब से चेक कराना होता है। इस जांच में एफएसएसएआई कों यह तय करना होता है कि खाद्य वस्तुओं की क्वालिटी कैसी है? खाद्य पदार्थ में किसी तरह का हानिकारक केमिकल तो नहीं मिलाया गया है, खाने का रंग कैसा है, उसकी महक कैसी है, यदि किसी प्रकार की गड़बड़ी पायी जाती है तो उस खाद्य सामग्री को जब्त करके विक्रेता को दंडित किया जाता है। एफएसएसएआई के अधिकारी उपभोक्ताओं से शिकायत मिलने पर अथवा समय-समय पर स्वत: ही छापेमारी करके संदिग्ध खाद्य वस्तुओं के सैम्पल लेकर उन्हें जांच के लिए भेजते हैं तथा मौजूदा पूरे स्टाक को जब्त कर लेते हैं। जांच के बाद यदि परिणाम सही पाये जाते हैं तो स्टाक को रिलीज कर दिया जाता है अन्यथा जब्त स्टाक को नष्ट कराया जाता है।  इसके अलावा खाद्य सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए अन्य कार्य भी एफएसएसएआई द्वारा कराये जाते हैं, जो इस प्रकार हैं:-

1. खाद्य संबंधी व्यवसाय से जुड़े लोगों के प्रशिक्षण की व्यवस्था कराना होता है।

2. ऐसा सूचना तंत्र विकसित करना, जिसके माध्यम से खाद्य सुरक्षा और उससे जुड़ी जानकारियां उपभोक्ताओं और कारोबारियों को आसानी से प्राप्त हो सकें।

3.खाद्य वस्तुओं की आवश्यक जांच-पड़ताल करने वाली लैब का प्रमाणीकरण कराना होता है। इसके अलावा मान्यता प्राप्त लैबों की अधिसूचना जारी करना होता है। इन लैबों की प्रक्रिया के लिए गाइडलाइंस भी जारी करना होता है।

एफएसएसएआई से कितने प्रकार के लाइसेंस जारी होते हैं:-

1. रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होता है

छोटे कारोबारी को पहले दिन से ही एफएसएसएआई से लाइसेंस लेना जरूरी नहीं होता है। इसका मतलब यह कतई नहीं है कि छोटा कारोबारी बिना किसी सरकारी कार्रवाई को पूरा किये ही अपना कारोबार शुरू कर सकता है। इसके लिए उसको एफएसएसएआई से रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी होता है। रजिस्ट्रेशन के लिए ऑनलाइन प्रक्रिया पूरी करनी होती है। उसके बाद कारोबार शुरू किया जा सकता है। रजिस्ट्रेशन केवल उन्हीं कारोबारियों के लिए होता है, जिनकी कुल बिक्री साल भर में 12 लाख रुपये से कम होती है।

2. बेसिक लाइसेंस

छोटा, बड़ा, खुदरा, फुटकर व थोक खाद्य कारोबारी कोई भी हो जिसकी बिक्री 12 लाख रुपये सालाना से अधिक हो, उसको बेसिक लाइसेंस लेना जरूरी होता है। इसके तहत एक शहर या एक क्षेत्र में कारोबार करने वाले व्यापारी शामिल हैं। कारोबारियों को अपने बेचे या निर्मित किये गये खाद्य उत्पादों यानी फूड प्रोडक्ट के बारे में एफ.एस.एस.ए.आई को सालाना 31 मई को अपनी रिटर्न डी-1 के रूप में फाइल करनी होती है।

3. स्टेट लाइसेंस

यह लाइसेंस उन कारोबारियों को लेना होता है जिनका कारोबार 12 लाख से अधिक लेकिन 20 करोड़ रुपये सालाना से कम होता है । यदि आपके कारोबार की शाखाएं कई राज्यों में हैं तो उन सभी राज्यों में अलग-अलग स्टेट लाइसेंस लेने होंगे।

4. सेंट्रल लाइसेंस

सेंट्रल लाइसेंस उन व्यापारियों को लेना होता है, जिनका कारोबार नेशनल लेबल का होता है तथा उनका कारोबार 20 करोड़ रुपये सालाना से अधिक होता है। ये लाइसेंस उन कंपनियों पर लागू होता है जिनका व्यवसाय देश के कई राज्यों में एक साथ चलाया जाता है।

जरूरी दस्तावेज

ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन और लाइसेंस लेने के लिए कुछ दस्तावेजों की आवश्यकता होती है। इन सभी दस्तावेजों को आवेदन प्रक्रिया शुरू करने से पहले ही स्कैन करा कर रख लेना चाहिये ताकि आवेदन करते समय उनको अपलोड किया जा सकते। आइये जानते हैं कि रजिस्ट्रेशन और लाइसेंस लेने के लिए कौन-कौन से दस्तावेजों की जरूरत होती है:-

1. आवेदक की एक ईमेल आवश्यक होती है।

2. मोबाइल नंबर आवश्यक होता है।

3. आवेदक का पहचान पत्र, आधार कार्ड, वोटर आईडी, पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस आदि।

4. आवेदक का निवास/संस्थान के पते का प्रमाण पत्र

5. आवेदक का नया-ताजा पासपोर्ट साइज का फोटो

6. कारोबार के बारे में एक घोषणा पत्र

रजिस्ट्रेशन कराने व लाइसेंस लेने की फीस

1. छोटे कारोबारियों के लिए कोई लाइसेंस नहीं लेना होता है, इसलिये उनसे कोई फीस नहीं ली जाती है। छोटे कारोबारियों को अपने कारोबार का रजिस्ट्रेशन करान होता है, उसके लिए ऑनलाइन आवेदन के साथ ही 100 रुपये की फीस देनी होती है। इसका भुगतान आप ऑनलाइन भी कर सकते हैं  या बैंक चालान के माध्यम से कर सकते हैं।

2. बेसिक/स्टेट लाइसेंस

इस श्रेणी में कई तरह के फूड बिजनेस ऑपरेटर्स शामिल हैं। उनके बिजनेस के हिसाब से उनकी लाइसेंस फीस निर्धारित है। जैसे:-

1. भोजन सर्व करने वाले एफबीओ के लिये 2000 रुपये फीस  है। इसें स्कूल-कॉलेज की कैन्टीन, इंस्टीट्यूट कैटरर, बैंक्वेटहाल और खाने की व्यवस्था करने वाले अन्य स्टाल आदि भी शामिल हैं।

इसके अलावा क्लब, रेस्टोरेंट, बोर्डिंग हाउस, जैसे बिजनेस संस्थानोंं के लिए भी 2000 रुपये फीस है।

2. एक मीट्रिक टन या 10 हजार लीटर दूध का कारोबार करने वाले को हर साल 3000 रुपये की फीस देनी होती है।

3. सेंट्रल लाइसेंस बनवाने के लिए 7500 रुपये की फीस तय की गयी है। यह फीस प्रतिवर्ष के लिए निर्धारित है। एक साल के बाद लाइसेंस को रिन्यू कराने के लिए पुन: 7500 रुपये ही फीस देनी होती है।

एफ.एस.एस.ए.आई का लाइसेंस कितने साल तक वैध रहता है

एफ.एस.एस.ए.आई का लाइसेंस 5 साल के लिए वैध होता है और उसके बाद लाइसेंस को रिन्यू करना पड़ता है। इसमें आप ऑनलाइन चेक कर सकते हैं कि आपका लाइसेंस की वैधता कब समाप्त हो रही है और आपको कब रिन्यू कराना है। उसके बाद आप आसानी से ऑनलाइन रिन्यू करा सकते हैं।

ऑनलाइन आवेदन करने की प्रक्रिया

1. सबसे पहले आप एफएसएसएआई की वेबसाइट फूडलाइसेंसिंगडॉटएफएसएसएआईडॉटजीओवीडॉटआईएन/इन्डेक्सडॉटएएसपीएक्स पर लॉगिन करें।

2. आपके सामने जो पेज खुलकर आयेगा उस पर एलिजेबिलिटी चेक का ऑप्शन होगा। इस पर क्लिक करके सबसे पहले अपनी एलिजबिलिटी चेक करें। इसमें आपको यह चेक करना है कि आपका बिजनेस किस कैटेगरी में है यानी आपको किस तरह का लाइसेस चाहिये।

3. इसके बाद आपके सामने एक फार्म सा पेज खुलकर सामने आयेगा। जिसमें आपसे बहुत सी जानकारी मांगी जायेंगी। इनको आपको बहुत सावधानी से भरना होगा। जैसे:-

  • इसमें आपका नाम
  • कंपनी का नाम
  • कंपनी या संस्थान का पता/ यदि नहीं है तो अपने घर का पता भी भर सकते हैं
  • स्टेट यानी राज्य का नाम
  • डिस्ट्रिक्ट यानी जिले का नाम
  • पोस्टल पिन कोड नंबर
  • ईमेल आईडी
  • मोबाइल नंबर
  • यूजर आईडी
  • पासवर्ड
  • पासवर्ड कन्फर्म

4. ये सारी जानकारी भरने के बाद आपको इसी पेज में नीचे रजिस्टर और कैंसिल के दो बटन दिखेंगे। जिसमें से आपको रजिस्टर पर क्लिक करना होगा।

5. इससे पहले आप वेबसाइट के होम पेज पर फीस स्ट्रक्चर और दस्तावेजों से जुड़ी लिंक मिल जायेगी, जिसमें पूरी जानकारी होगी। उसके अनुसार इस फार्म के बाद औपचारिकताएं पूर्ण करते ही आपका रजिस्ट्रेशन हो जायेगा। रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया के बारे में ऊपर जानकारी दी जा चुकी है।

लाइसेंस को रिन्यू करने का तरीका

रजिस्ट्रेशन की तरह लाइसेंस का रिन्यू करने का तरीका भी आसान है। इसके लिए आपको क्या करना होगा, जानिये:

  • एफ.एस.एस.ए.अई की वेबसाइट पर जाकर अपना अकाउंट खोलें। जो आपने रजिस्ट्रेशन की अप्लाई के समय बनाया है।
  • इसके बाद रिन्यूअल ऑफ लाइसेंस के ऑप्शन पर क्लिक करें।
  • इसके बाद स्क्रीन पर संबंधित लिंक दिखेगा और उसके आगे प्रोसीड लिखा होगा जिस पर आपको क्लिक करना है।
  • इस बटन के क्लिक करते ही एक मैसेज आयेगा जिसमें आपसे पूछा जायेगा कि आप वास्तव में रिन्यूअल के लिए अप्लाई करना चाहते हैं, आप ओके बटन पर क्लिक करें।
  • इसके बाद आपको आवश्यक दस्तावेज और फार्म अपलोड करना होगा। फिर सबमिट बटन पर क्लिक करे। इससे आपका फार्म सबमिट हो जायेगा।
  • इसके बाद आपको अपने आवेदन को चेक करने के लिए एक रिफरेंस नंबर प्राप्त होगा। उस नंबर से आप अपने आवेदन की कार्रवाई को जान सकेंगे। साथ ही आपको अपनी ईमेल चेक करनी होगी, जहां पर आपको विभाग से मैसेज प्राप्त होगा। आपको ईमेल आईडी वही डालनी होगी जो शुरू में आपने डाली हो।

एफ.एस.एस.ए.आई के रजिस्ट्रेशन/लाइसेंस लेने से लाभ

एफएसएसएआई में कारोबार का रजिस्ट्रेशन कराने या लाइसेंस लेने से कारोबारी को कई तरह के लाभ मिलते हैं। इनमें से कुछ इस प्रकार हैं:-

1. सबसे पहला लाभ तो कारोबारी को सरकारी कानून के पालन करने का मिलता है, अन्यथा कारोबारी को कानूनी कार्रवाई का सामना करना होता है।

2. एफ.एस.एस.ए.आई का लाइसेंस लेने से और उसका नंबर अपने प्रोडक्ट पर दिखाने से आपकी कंपनी की साख उप•ोक्ताओं के बीच बनती है। इसका व्यापारिक लाभ कारोबारी को मिलता है।

3.एफ.एस.एस.ए.आई नंबर को देखकर प्रत्येक उपभोक्ता उस प्रोडक्ट को लेकर पूरी तरह से आश्वस्त हो जाता है कि यह प्रोडक्ट अच्छी तरह से जांचा-परखा जा चुका है। इसमें किसी तरह की मिलावट या गड़बड़ी होने की आशंका नहीं है।

4.एफ.एस.एस.ए.आई लाइसेंस लेने वाले कारोबारी बाजार में बिक रहे अन्य लोकल प्रोडक्ट की अपेक्षा थोड़ा रेट बढ़ा भी दे तो लोग उसे इसलिये खरीदना पसंद करते हैं कि यह माल लोकल नहीं है। कंपनी का माल तो अच्छा होता है।

5. एफ.एस.एस.ए.आई लाइसेंस वाले प्रोडक्ट के ब्रांड जल्दी बनने के अवसर मिलते हैं जबकि लोकल प्रोडक्ट को नहीं मिल सकते।

6. फूड डिस्ट्रीब्यूशन में लगी स्विगी, जोमाटो जैसी कंपनियों को एफ.एस.एस.ए.आई के लाइसेंस का लाभ जिस तरह से मिल रहा है, उसी तरह दूसरी कंपनियों या सर्विस देने वाले कारोबारी को भी लाभ मिलता है।

7.एफ.एस.एस.ए.आई द्वारा समय-समय पर फूड प्रोडक्ट की रेटिंग की जाती है, उससे भी कारोबारियों को लाभ मिलता है।

8. बिना लाइसेंस या रजिस्ट्रेशन वाले प्रोडक्ट या उसकी कंपनी पर हमेशा छापे का खतरा बना रहता है, बाजार में प्रोडक्ट को गिरी नजर से देखा जाता है।

licenses folder focused in the stack of folders

जुर्माना, दंड की व्यवस्था

1. यदि कोई फूड बिजनेस ऑपरेटर्स एफएसएसएआई के नियमों का उल्लंघन करता है और कोई उप•ोक्ता उसकी शिकायत करता है तो उसे सख्त से सख्त सजा दिये जाने का प्रावधान है। सभी को समान अपराध के लिए समान सजा दी जाती है। इस सजा में प्रोडक्ट को जब्त करना, नष्ट करना तो है ही साथ ही नकद जुर्माना व जेल की सजा भी हो सकती है।

2. यदि कोई व्यवसाय एफ.एस.एस.ए.आई के प्रमाण पत्र के बिना चलाया जा रहा है। तो उसे खाद्य अधिनियम के तहत सजा दी जा सकती है। इसमें पांच लाख रुपये तक का जुर्माना या एक निश्चित अवधि का कारावास भी जिया जा सकता है।

3. खराब क्वालिटी का प्रोडक्ट बेचने में भी पांच लाख रुपये के जुर्माने से दंडित किये जाने का प्रावधान है।

4. सरकारी नियमों को ताक पर रख कर गलत तरीके से सामान बेचने वाले व्यक्ति पर 3 लाख रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है।

5. आयात, बिक्री, भंडारण, पैकिंग में किसी प्रकार की गड़बड़ी पाये जाने पर जिम्मेदार कारोबारी पर 1 लाख रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है।6.जुर्माने की राशि तय करने के लिए एफ.एस.एस.ए.आई के अधिकारी के अधिकार क्षेत्र में आता है।


यह भी पढ़े :

1) सौर ऊर्जा या सोलर पावर का व्यापार कैसे शुरू करें ?
2) इस प्रक्रिया से शुरू करें कंसल्टेंसी बिजनेस, कमाई होगी दोगुनी
3) बिल्डिंग मटेरियल के बिजनेस से हर महीने होगी लाखों में इनकम!
4) बोरवेल व्यवसाय कैसे शुरू करें? स्टेप-बाई-स्टेप गाइड

OkCredit के ब्लॉग के साथ पाएँ बेस्ट बिज़नेस आइडीयाज़ और बिज़नेस टिप्स कई भाषाओं में जैसे की हिंदी, अंग्रेज़ी, मलयालम, मराठी और भी कई भाषाओं में.
डाउनलोड करें OkCredit अभी और छुटकारा पाएँ रोज़ की झंझट से.
OkCredit 100% भारत में बनाया हुआ ऐप है!