नए उद्यम शुरू करने, बढ़ाने, नई मशीनरी में निवेश करने या बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए आर्थिक मदद की जरूरत होती है। लघु उद्यमियों के लिए यह काफी चुनौतीपूर्ण कार्य होता है। लेकिन इस कार्य को व्यावसायिक ऋण आसान कर सकता है। इस तरह के ऋण के लिए व्यवसायी को बैंक के पास अपनी कोई संपत्ति बंधक नहीं रखनी पड़ती।हालांकि, कुछ विशेष लोन हैं जिनमें मशीनरी या कच्चे माल को सिक्योरिटी के रूप में गिरवी रखा जाता है। साथ ही ऐसे ऋण की ब्याज दरें प्राय: तय होती हैं मतलब कि पूरी भुगतान अवधि के बीच ब्याज दर नहीं बदलती। यह ऋण चुकाने की अधिकतम अवधि पांच साल होती है। व्यवसायी अवधि पूर्व भी भुगतान कर कर्ज से सकता है। ऐसे ऋण की अधिकतम धनराशि भी दो करोड़ रुपये तक है।
व्यावसायिक ऋण कई तरह के होते हैं। एक है वार्षिक या अर्ध वार्षिक अवधि में टर्न ओवर के आधार पर। दूसरा है स्व रोजगार के लिए दिया जाने वाला। यह सभी के व्यापारीयों बीच सबसे लोकप्रिय है क्योंकि इस के तहत बड़ी संख्या में स्वरोजगार उद्यमियों के लिए लोन का आवेदन किया जाता है। ऋण की राशि 50000 रुपये से 10 करोड़ के बीच हो सकती है। ब्याज दर आवेदक के क्रेडिट प्रोफाइल पर और संस्थानों के विवेक पर निर्भर करती है। व्यावसायिक ऋण की बढ़ती मांग को देखते हुए छोटे और सफल व्यवसाय के लिए कई सब्सिडी और ऋण योजनाएं हैं। मुद्रा ऋण और प्रधानमंत्री मुद्रा योजना भी ऐसी ही स्कीमें हैं।
ऋण के लिए अच्छी व्यावसायिक योजना जरूरी
बैंक से बिजनेस लोन चाहते हैं तो एक विस्तृत प्लान तैयार करें। दरअसल, बैंक योजना देखकर ही लोन देने का फैसला करते हैं। उन्हे यदि लगता है कि कारोबार से होने वाला लाभ इतना होगा कि तय अवधि में बैंक का कर्ज वापस चुकाने में समर्थ होंगे, तभी लोन मंजूर करते हैं। ऐसे में सबसे पहले ऋण हासिल करने के लिए एक विस्तृत व्यावसायिक योजना तैयार करना जरूरी है। इसके बाद जिस बैंक से कर्ज लेना चाहते हैं, उसे अपनी योजना बताएं और यकीन दिलाएं कि व्यवसाय शुरू होने के बाद कर्ज लौटाने में समर्थ होंगे।
क्रेडिट रेटिंग भी है महत्वपूर्ण
व्यावसायिक ऋण आसानी से चाहते हैं तो क्रेडिट रेटिंग एक महत्वपूर्ण पहलू है। आपको क्रेडिट /सीआइबीआइएल स्कोर 650-900 के बीच रखना होगा। सीआइबीआइएल स्कोर, जिसे ट्रांसयूनियन सिबिल स्कोर के रूप में भी जाना जाता है, 300 से 900 तक की संख्या होती है। क्रेडिट स्कोर यह दर्शाता है कि किसी व्यक्ति की वर्तमान आर्थिक स्तिथि क्या है। सिबिल स्कोर अधिक होने पर लोन का आवेदन स्वीकार होने की संभावना बढ़ जाती है।
लघु कारोबारियों के लिए खास ऋण योजनाएं
1. महज 59 मिनट में पांच करोड़ तक का ऋण
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों के लिए ऑनलाइन 59 मिनट के भीतर 05 करोड़ रुपये तक का ऋण लिया जा सकता है। योजना में ऋण की स्वीकृति में 59 मिनट लगते हैं, जबकि ऋण की प्रक्रिया पूरी होने में 8-10 दिन लगते हैं। ऋण प्रक्रिया पूरी तरह से ऑनलाइन है और आप दस्तावेजों को स्कैन करके पोर्टल पर अपलोड करने के साथ आवेदन पत्र ऑनलाइन जमा कर सकते हैं। योजना में लिए गए ऋण की ब्याज दरें क्रेडिट रेटिंग और आपके व्यवसाय की प्रकृति के अनुसार होती हैं। इस योजना के तहत व्यवसाय ऋण के लिए आवेदन करने के लिए आपके पास जीएसटी सत्यापन, आयकर विवरण, बैंक खाता विवरण, स्वामित्व से संबंधित दस्तावेज और केवाईसी विवरण आदि होने चाहिए। योजना के बारे में अधिक जानकारी के लिए आप सिडबी (सीआइडीबीआइ) के पोर्टल www.psbloansin59minutes.com पर संपर्क कर सकते हैं। सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों के लिए यह ऋण योजना सितंबर 2018 में लांच की गई थी।
2. मुद्रा ऋण योजना
माइक्रो यूनिट्स डेवलपमेंट एंड रिफाइनेंस एजेंसी (मुद्रा) लोन देश के अधिकांश बैंकों द्वारा अति-छोटे/ छोटे और मध्यम व्यवसायों (एमएसएमइ) को प्रदान किया गया एक फंड है। मुद्रा योजना के तहत, न्यूनतम 50,000 रु. और अधिकतम 10 लाख प्रदान किए जाते हैं। मुद्रा लोन योजना के जरिये सरकार सुनिश्चित करना चाहती है कि पहली बार उद्यमियों या मौजूदा व्यवसाय मालिकों को उचित फंड उपलब्ध कराया जाए। योजना के तहत ऋण को तीन श्रेणियों में बांटा गया है। पहली शिशु योजना है। इसके तहत अधिकतम पचास हजार रुपये तक का लोन मिलता है। इसके अलावा क्रमश: किशोर व तरुण श्रेणी के तहत पचास हजार रुपये से ऊपर और पांच लाख तक व पांच लाख से दस लाख तक का लोन मिलता है।
3. प्रधान मंत्री मुद्रा योजना
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत गैर-कृषि छोटे उद्यमों और गैर-कॉर्पोरेट कंपनियों को 10 लाख रू, तक लोन दिया जाता है। मुद्रा लोन योजना को शिशु, किशोर और तरुण के नाम से तीन श्रेणियों में बांटा गया है, जिसमें प्राइवेट सेक्टर के बैंकों, पब्लिक सेक्टर के बैंकों, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों आदि के द्वारा लोन दिया किया जाता है।
4. सिडबी की 'स्माइल' स्कीम
लघु उद्योग विकास बैंक ऑफ इंडिया द्वारा लघु एवं मध्यम उद्योगों की स्थापना के लिए सॉफ्ट लोन दिया जाता है। स्कीम में राजकीय प्रोत्साहन के तौर पर न्यूनतम 25 लाख रुपये की धनराशि दी जाती है। इसके तहत मिलने वाले ऋण के भुगतान की अधिकतम अवधि दस वर्ष है जिसमें 36 महीने का मोटाटोरियम पीरियड यानी लोन मिलने उसका भुगतान शुरू करने का समय शामिल है। इस ऋण के लिए मौजूदा विनिर्माण और सर्विस सेक्टर के साथ नए व्यवसायी भी आवेदन कर सकते हैं। मौजूदा उद्यमों के विस्तार और नई परियोजनाएं शुरू करने के लिए इस योजना के तहत कर्ज दिया जाता है। यह योजना 2015 में लांच हुई थी।
5. क्रेडिट गारंटी योजना
खुदरा व्यापार, शैक्षणिक संस्थानों,कृषि, स्वयं सहायता समूहों को छोड़कर निर्माण या सर्विस सेक्टर में लगे नए और मौजूदा एमएसएमइ व प्रशिक्षण संस्थानों के लिए क्रेडिट गारंटी एक अच्छी ऋण योजना है। क्रेडिट गारंटी योजना के अंतर्गत कारोबारियों के लिए टर्म लोन और वर्किंग कैपिटल सुविधा दो करोड़ तक है। लघु उद्यमों को पांच लाख रुपये तक के ऋण पर 85 फीसदी तक क्रेडिट की सुविधा है।
6. स्टैंड अप इंडिया
स्टैंड अप इंडिया योजना के तहत अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग और सभी वर्ग की महिलाओं को कारोबार के लिए आर्थिक मदद दी जाती है। इस योजना में विभिन्न वर्ग के लोगों को नया कारोबार शुरू करने के लिए 10 लाख रुपए से लेकर 1 करोड़ तक का लोन दिया जाता है। स्टैंड अप इंडिया स्कीम के तहत कम ब्याज पर लोन देने के साथ कारोबार शुरू करने के दौरान पहले 3 साल तक टैक्स न चुकाने की छूट मिलती है। इसके बाद इस पर बेस रेट के साथ 3 प्रतिशत की दर से ब्याज लगता है, जो कि टेन्योर प्रीमियम से अधिक नहीं हो सकता। कर्ज लौटाने की अधिकतम अवधि 7 साल हैं। कोई चाहे तो पहले भी अदायगी कर सकता है। इसमें मोरेटोरियम का समय 18 महीने का रहता है। इसके लिए आवेदन करने वाले की उम्र कम से कम 18 साल होनी चाहिए।
लघु व्यवसाय के ऋण के लिए पात्रता
- आवेदक स्वरोजगार करने वाला, मैन्यूफैक्चरर, खुदरा विक्रेता या व्यापारी हो
- न्यूनतम आयु 21 वर्ष और अधिकतम 65 वर्ष। यह सीमा स्कीमों के अनुसार भिन्न-भिन्न भी हो सकती है।
- सालाना न्यूनतम टर्न ओवर 10 लाख रुपये हो
- बीते वर्ष में 2.5 लाख से अधिक आयकर जमा किया हो
- पांच साल व्यवसाय संचालन का अनुभव हो और कम से कम तीन साल व्यवसाय चलना चाहिए
आवश्यक दस्तावेज़
- पासपोर्ट साइज़ फोटो
- पहचान पत्र - आधार कार्ड, पासपोर्ट, वोटर आई-डी, ड्राइविंग लाइसेंस
- पता प्रमाण पत्र- मतदाता पहचान पत्र, आधार कार्ड, आदि
- व्यवसाय के स्थान का प्रमाण पत्र
- पिछले 3 वर्षों से व्यवसाय का प्रमाण
- 6 महीने का बैंक स्टेटमेंट
- 3 साल का इनकम टैक्स रिटर्न
- सीए से प्रमाणित व्यवसायिक दस्तावेज
- ट्रेड लाइसेंस की कॉपी
- सेल्स टैक्स सर्टिफिकेट
- पार्टनरशिप डीड की सर्टिफाइड कॉपी
- जीएसटी रजिस्ट्रेशन
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