आईआरसीटीसी एजेंट यानी रेलवे की टिकट बुकिंग करने वाले व्यक्ति का काम सदाबहार और लाभ देने वाला काम है। आजकल भारी संख्या में लोगों को देश के एक कोने से दूसरे कोने तक रेलों से सफर करना होता है। सभी लोग तो लाइन में लग कर टिकट नहीं खरीद सकते। इसलिये अधिकांश लोग इन एजेंटों की मदद लेते हैं। रेलवे ने तो अब आम आदमी को ऑनलाइन रेलवे टिकट बुकिंग करने की जो सुविधा दे रखी है, वो बहुत सीमित समय में सीमित टिकटों की बुकिंग के लिए होती है। या यूं कहें कि यह सुविधा किसी व्यक्ति को व्यक्ति अपने व अपने परिवार की टिकटों की बुकिंग के लिए दी जाती है, जो अधिक से अधिक एक बार में छह टिकट ही ले सकता है। जबकि टिकट बुकिंग करने वाले आम इंसान को टिकट बुकिंग की बारीकियों की जानकारी न होने के कारण टिकट बुकिंग करना आसान नहीं होता है। तत्काल टिकट बुकिंग के समय इतना अधिक ऑनलाइन रस या भीड़ होती है कि आधे घंटे के समय में टिकट बुक नहीं हो पाता है। इसके बाद निराश होकर टिकट चाहने वाले व्यक्ति को मजबूरी में आईआरसीटीसी एजेंट के पास ही जाना होता है।
क्या है इसका इतिहास?
आज हम जिसे आईआरसीटीसी एजेंट कहते हैं। 1980 के दशक में उसे रेल ट्रेवल सर्विस एजेंट कहा जाता था। इस योजना को रेलवे द्वारा उस समय शुरू किया गया था जब रेलवे की व्यवस्थाओं में काफी अफरा-तफरी थी और रेलवे की कई सेवाओं के निजीकरण की मांग उठ रही थी। उस समय की सरकार ने जनता को सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए 1985 में रेल ट्रैवल सर्विस एजेंट (आरटीएसए) की योजना की शुरुआत की थी। उस समय यह योजना अज्ञात कारणों से सफल नहीं हो पायी। इसका उतना प्रचार प्रसार नहीं हो पाया जितनी जरूरत थी। जनता के बीच भी ये एजेंट लोकप्रिय नहीं हो पाये थे। इसका कारण कोई भी हो, फिलहाल यह माना जा रहा है कि इस तरह के एजेंटों की सेवाएं एक खास वर्ग के लोगों को ही मिल पातीं थीं। इनमें उच्च वर्ग के अधिकारी, व्यापारी और अन्य वीवीआईपी अथवा धनाढ्य लोग ही शामिल थे। फिर इस योजना पर किसी सरकारी मंत्री या अन्य किसी जिम्मेदार व्यक्ति की नजर ही नहीं पड़ी। परिणाम यह हुआ कि यह योजना ठंडे बस्ते में चली गयी। लेकिन 2014 में राजनीति और सत्ता में बदलाव आया तो नयी सरकार ने सत्ता संभालने के बाद इस योजना की सुधि ली। इस योजना में अनेक सुधार के बाद रेलवे की सहयोगी कंपनी आईआरसीटीसी के माध्यम से इस योजना को फिर से शुरू किया गया। शुरू शुरू में तो आईआरसीटीसी एजेंटों की धूम रही। उसके बाद रेलवे ने यह सेवा व्यक्तिगत तौर पर भी आम उपभोक्ताओं के लिये शुरू कर दी। प्रति व्यक्ति को अधिकतम 6 टिकटों की सीमा के साथ यह योजना शुरू की। इसके बाद आईआरसीटीसी एजेंटों को टिकट बुकिंग में अच्छी-अच्छी सुविधाएं दी गयीं। उसके बाद आईआरसीटीसी एजेंट का बिजनेस काफी लोकप्रिय हो गया है। बेरोजगारों के लिए घर बैठे अपने शहर में रोजगार का एक अच्छा साधन मिल गया है। सरकार ने आईआरसीटीसी एजेंट बनने के लिए न्यूनतम शैक्षिक योग्यता हाईस्कूल यानी दसवी क्लास रखा है। दसवीं कक्षा पास करने के बाद अधिक उम्र तक जिसको सही रोजगार न मिला हो। वो रेलवे की इस योजना का लाभ उठाकर अपना बिजनेस शुरू कर सकता है और अच्छी खासी कमाई कर सकता है।
बहुत ही अच्छा आइडिया है
रेलवे टिकट की बुकिंग का व्यवसाय करना बहुत ही अच्छा आइडिया है। इससे काफी अच्छी कमाई भी हो सकती है। इसके लिए बिजनेस करने वाले व्यक्ति को आईआरसीटीसी का एजेंट बनना जरूरी होता है। इससे अनेक फायदे मिल सकते हैं। आईआरसीटीसी का एजेंट बनने के लिए रेलवे द्वारा निर्धारित प्रक्रिया को पूरा करना होता है। इसके लिये आपको ऑनलाइन आवेदन करना होता है। उसमें आपको अपनी समस्त निजी जानकारी, अपने व्यवसाय, यदि कोई हो, उसकी जानकारी, आपके ईमेल, मोबाइल फोन नंबर, फोटो, अपनी शॉप का वैलिट एड्रेस प्रूफ आदि रेलवे द्वारा निर्धारित फार्म में भरकर देनी होती है।
ये हैं एजेंट के साइड बिजनेस
आईआरसीटीसी एजेंट केवल रेलवे की टिकट बुकिंग तक ही सीमित नहीं रह सकते बल्कि अपने साइड बिजनेस करने के लिए भी स्वतंत्र होते हैं, जैसे फोटोकापी का बिजनेस, हिन्दी-अंग्रेजी टाइपिंग का बिजनेस, ऑनलाइन पब्लिकेशन सर्विस, प्लेन, सरकारी बस, प्राइवेट बस की टिकट बुकिंग भी कर सकते हैं। इसके अलावा टूर पैकेज की भी सर्विस दे सकते हैं। देश के किसी शहर के होटल आदि की बुकिंग कर सकते हैं। इस तरह के काम करने से आरसीटीसी एजेंट को एक तो काम मिलता है, दूसरा अधिक से अधिक लोग जानने-पहचानने लगते हैं। अनेक काम करने के कारण एजेंट को पब्लिसिटी के अलावा अच्छी खासी इनकम भी होती है।
क्या है बेसिक जरूरतें?
आईआरसीटीसी एजेंट बनने का काम बेरोजगारों या छोटी-मोटी प्राइवेट जॉब करने वालों के लिए बहुत ही अच्छा आइडिया है। इस काम के लिए आपको मेन रूप से तीस हजार रुपये और एक शॉप, लैपटाप और इंटरनेट की जरूरत होती है। शॉप भी आपको मेन मार्केट में मिल जाये तो अच्छा है। यदि रेलवे स्टेशन के पास मिल जाये तो अच्छा है, बस स्टेशन के पास मिल जाये तो अच्छा है। यदि आपको मेन मार्केट मे दुकान न मिल पाये तो मेन मार्केट के जितने नजदीक मिल जाये वो ज्यादा अच्छा होगा।
इसके अलावा आपको शॉप इंडस्ट्रियल एरिया में मिल जाये जहां प्रवासी मजदूर अधिक संख्या में काम करते हैं, तो भी बेहतर होगा। कोर्ट, कचेहरी, स्कूल, कॉलेज, आदि स्थानों के आसपास भी शॉप को खोला जा सकता है। कहने का मतलब यह है कि जहां पर आने जाने वालों की तादाद अधिक हो वहां पर यह बिजनेस अच्छे से चल सकता है।
आईआरसीटीसी एजेंट बनने के लिए सबसे पहले क्या करना होगा
प्रत्येक बिजनेस की तरह आपको रेलवे टिकट बुकिंग की संभावनाओं वाली मार्केट को तलाशना होगा। ऐसी जगहें वो हो सकतीं हैं जहां से लोग दूर स्थित दुकानों पर जाकर रेलवे की टिकट बुकिंग कराने के लिए जाते हैं या फोन पर सम्पर्क करते हैं। ऐसी जगहों को खोजना होगा। यदि ग्राहकों के स्थान और दूकान की दूरी अधिक है तो उसका लाभ उठाने के लिए आपको उस एरिया में शॉप खोलकर अपना काम शुरू करना चाहिये।
उदाहरण के लिए किसी इंडस्ट्रियल एरिया में कंपनी के उच्चाधिकारी और काम करने वाले कर्मचारी व श्रमिक अपने-अपने काम से टूर या त्योहारो व अन्य अवसरों पर घर आदि जगहों पर आते- जाते रहते हैं। इसके लिए उन्हें रेलवे टिकट की बुकिंग कराने की आवश्यकता होती है। उस इंडस्ट्रियल एरिया से रेलवे स्टेशन, बस स्टेशन और मेन मार्केट काफी दूर होते हैं। जहां आने-जाने में काफी समय और पैसा लगता है। लेकिन लोग मजबूरी में आना-जाना पड़ता है। ऐसी एरिया को चुन कर अपना बिजनेस शुरू करेंगे आपको काफी फायदा हो सकता है।
आप यह भी कह सकते हैं कि सिर्फ रेलवे की टिकट की बुकिंग से एक परिवार की गुजर बसर नहीं हो सकती है। आपकी बात सच भी मानी जा सकती है, यदि ऐसी स्थिति हो तो आपको एरिया देखकर आपको साइड बिजनेस भी करना होगा। इसके लिए आप इस तरह के अन्य काम भी कर सकते हैं अथवा नाश्ते का सामान भी रखकर अपने बिजनेस को थोड़ी बहुत ताकत दे सकते हैं। इसके बाद जैसे जैसे स्थिति सुधरती जाये वैसे-वैसे हवाई जहाज का टिकट, सरकारी व प्राइवेट टूरिस्ट बसों की टिकट की भी बुकिंग करने की सुविधा की व्यवस्था करें और इसका प्रचार-प्रसार भी।
बिजनेस प्लान बनायें
जब आप अपनी मार्केट व अपने ग्राहक तलाश लें तब आपको बिजनेस प्लान बनाना चाहिये। इसके लिए आप अपने आसपास की रेलवे टिकट बुकिंग सेंटर या शॉप का निरीक्षण करें और उससे दूसरे शहर में बिजनेस शुरू करने की बात कह कर अधिक से अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। उन जानकारियों को बहुत ध्यान से सुनें। इस काम के लिए आवश्यक वस्तुओं को भी नोट कर लें। जैसे आपको एक अच्छी सी शॉप चाहिये, उसकी कीमत जोड़ लें, शॉप को अपने हिसाब से डेकोरेट कराने का खर्चा जोड़ लें, फिर उसमें लैपटाप, प्रिंटर, स्कैनर आदि उपयोगी मशीनरी, फर्नीचर, होने वाला बिजली तथा अन्य खर्चे को जोड़ लें। सबको मिलाकर जो बजट आये। उस बजट की किस प्रकार से व्यवस्था करनी है, उसका भी बिजनेस प्लान में जिक्र करें। इसके साथ ही अपने बिजनेस को प्रमोट करने के लिए मार्केटिंग आदि का खर्चा भी उसमें शामिल कर लें। यदि साइड बिजनेस करना है तो उसका भी जिक्र करें। उस पर होने वाले खर्चों को भी शामिल करें। इसके बाद बिजनेस कैसे किया जायेगा, उसकी भी सारी जानकारी अपने बिजनेस प्लान में शामिल कर लें।
इस तरह करें आवेदन की शुरुआत
जब आपने सारा होमवर्क कर लिया तब आप आईआरसीटीसी एजेंट बनने के लिए रेलवे द्वारा निर्धारित प्रक्रिया की शुरुआत करें। यह प्रक्रिया ऑनलाइन से शुरू होती है और ऑफलाइन तक जाती है। आप दो तरीके से आईआरसीटीसी के एजेंट बन सकते हैं। पहला तो यह कि आप आईआरसीटीसी से सीधे जुड़कर एजेंट बन सकते हैं। दूसरा यह कि आप किसी एजेंसी के माध्यम से एजेंट बन सकते हैं। दोनों ही तरह के तरीकों एजेंट बनने की प्रक्रिया एक समान ही होती है। आइये जानते हैं कि इसके लिये क्या-क्या करना होता है:-
आवश्यक दस्तावेज
1. आईआरसीटीसी का एजेंट बनने के लिए कौन-कौन से दस्तावेज जरूरी होते हैं। सबसे पहले तो आधार कार्ड होना चाहिये। आधार कार्ड के साथ ही पैन कार्ड भी होना चाहिये, जो अपडेट हो यानी उसमें प्रतिवर्ष आईटीआर भरी जाती हो, मोबाइल नंबर चाहिये, ये मोबाइल नंबर पहले से आईआरसीटीसी में रजिस्टर्ड नहीं होना चाहिये, इस मोबाइल नंबर का रेलवे द्वारा वैरिफिकेशन भी किया जायेगा। इसलिये मोबाइल फोन नंबर सोच समझ कर दिया जाना चाहिये। इसके अलावा एक ई-मेल आईडी भी ऐसी ही देनी होगी जो आईआरसीटीसी में रजिस्टर्ड न हो। इसका भी वेरिफिकेशन किया जायेगा।
2. 100 रुपये के स्टाम्प पेपर पर एक आईआरसीटीसी के साथ एक एग्रीमेंट बनवाना होता है।
3. इसके साथ ही आईआरसीटीसी के नाम पर 20 हजार रुपये का एक डिमांड ड्राफ्ट बनवाना होता है। यह राशि आईआरसीटीसी के पास जमानत राशि के रूप में जमा रहेगी। जब आप करार समाप्त करेंगे तब यह राशि आपको वापस मिल जायेगी।
4. थर्ड क्लास पर्सनल डिजिटल सर्टिफिकेट भी प्राप्त करना होता है
5. क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड, इंटरनेट बैंकिग
इस तरह करें आवेदन
1. यदि आप सीधे आईआरसीटीसी से जुड़ कर एजेंट बनना चाहते हैं तो आपको आईआरसीटीसी के वेबसाइट कन्टेन्ट डॉट आईआरसीटीसी डॉट को डॉट इन स्लैस ईएन स्लैस रजिस्ट्रेशन फार्म पीडीफ पर क्लि करें आपको एक फार्म मिल जायेगा। जिसे डाउन लोड करके उसमें मांगी गयी जानकारी भरें । इस फार्म में आपको कंपनी का नाम, फिर अपना नाम फर्स्ट नेम, मिडिल नेम, लास्ट नेम में भरना होगा। इसके बाद अपनी जन्मतिथि भरनी होगी। ऑफिस एड्रेस में आपको अपने घर या अपनी शॉप का पता डालना होगा। उसके बाद सिटी, स्टेट पिनकोड फोन नंबर, ईमेल आईडी, 100 रुपये के स्टाम्प पेपर पर बनवाये गये कान्ट्रेक्ट की डिटेल भरनी होगी, उसके बाद आईआरसीटीसी के पक्ष में 20 हजार रुपये के बनवाये डिमांड ड्राफ्ट का नंबर, डिमांड ड्राफ्ट के जारी होने की तारीख, बैंक का नाम आदि भरना होगा।
2. इस फार्म को बहुत ही अच्छी तरह से एवं सही-सही जानकारी साफ-साफ शब्दों में भरनी होती है।
3. जब फार्म पूरी तरह से कम्पलीट हो जाये तो उसको आधार कार्ड, पैन कार्ड साथ ही इनकम टैक्स का स्टेटमेंट, एड्रेस प्रूफ के कागजात आदि दस्तावेजों के साथ रेलवे के जोनल आफिस के आईआरसीटीसी विभाग में जमा करना होता है।
4. जोनल रेलवे कार्यालय में फार्म जमा होने के बाद रेलवे की टीम आपके आवेदन को प्राप्त करती है
5. आपके एरिया के लिये नियुक्त रेलवे की टीम आपके द्वारा फार्म में दी गयी जानकारी की जांच करती है।
6. सबसे पहले आपकी केवाईसी की जांच करेगी। जांच करने के 24 घंटे बाद ई-टोकन बनाया जाता है।
7. रेलवे टीम आपके ई-मेल आईडी, मोबाइल नंबर और शॉप के पते तीनों को वेरिफाई करती है। वेरिफिकेशन के पूरा हो जाने के बाद आपको ओटीपी भेजा जायेगा।
8. मोबाइल फोन पर एसएमएस और ईमेल पर एक मेल भेजा जाता है। जिसमें आपको ईमेल आई डी और उसका पासवर्ड भेजा जाता है।
9. इसके बाद आपको ट्रेनिंग के लिए बुलाया जायेगा। ट्रेनिंग पूरा होने के बाद आपको एक वेलकम किट दी जाएगी। इसके बाद आप अपना एजेंट का काम शुरू कर सकते हैं।
10. यदि किसी एजेंसी के माध्यम से एजेंट बनना चाहते हैं तो आपको इस काम में किसी विश्वसनीय एजेंसी का सहारा लेना चहिये। उसके नियमों के अनुसार आवेदन करना होगा। यह एजेंसी आपको हर तरह से सहायता करती है। एजेंसी के माध्यम से एजेंट बनना बहुत ही आसान होता है। लेकिन इसमें कमीशन थोड़ा कम मिलता है। उसका कारण है कि एजेंसी अपना भी हिस्सा आपके कमीशन में से काटती है। लेकिन उसके बदले आपको अनेक प्रकार की सुविधायें व सहायता देती है।
कौन-कौन से अन्य लाभ मिलते हैं आईआरसीटीसी के अधिकृत एजेंट को
1. आपको रेलवे की सभी तरह की ई टिकट की बुकिंग की सुविधा मिलती है
2. देशी-विदेशी हवाई उड़ानों के टिकट की बुकिंग की भी सुविधा मिलती है
3.सरकारी व प्राइवेट बसों के टिकट की भी बुकिंग की सुविधा मिलती है
4. पूरे देश में कहीं भी कैब और टैक्सी की बुकिंग की सुविधा अपने ग्राहकों को दे सकते हैं
5. टूरिस्ट प्लेस के होटल व कहीं भी होटल के कमरों की बुकिंग भी की जा सकती है
6. अपने कस्टमर को टूरिस्ट प्लेस के लिए टूर, विशेष अवसर के टूरिस्ट पैकेज व इंटरनेशनल बुकिंग भी सुविधा दे सकते हैं
7. असीमित आईआरसीटीसी ई टिकट की बुकिंग की सुविधा मिलेगी
8. जनरल पब्लिक के लिए बुकिंग टाइम के 15 मिनट बाद तक एजेंट को तत्काल टिकट के लिए अतिरिक्त टाइम मिलता है
9. एजेंट पोर्टल पर सीधे लॉगइन करता है तो उसे जल्दी टिकट मिल जाता है
10. टिकट की बुकिंग करते समय भुगतान वालेट से होता है, इसलिये एजेंट की बुकिंग बहुत फास्ट होती है
एजेंट को किन-किन कामों से बचना चाहिये
1. एजेंट को केवल ई टिकट बेचने की परमीशन होती है, उसे पेपर टिकट बुकिंग का काम नहीं करना चाहिये। ऐसा किये जाने पर दंडित किया जा सकता है
2. रेलवे टिकट के बारे में किसी तरह के चेकिंग की फीस वसूलना दंडनीय अपराध है
3. फर्जी आईडी पर टिकट बेचना अपराध है, पकड़े जाने पर आपको ब्लैक लिस्टेड कर दिया जायेगा। आपकी यूजर आईडी और पासपवर्ड को रद्द कर दिया जायेगा।
4. रेलवे टिकट बुक करने के बाद उसे किसी दूसरे को बेचने पर आपकी आईडी व पासवर्ड जब्त कर लिया जायेगा
आईआरसीटीसी एजेंट को कितना कमीशन मिलता है
आईआरसीटीसी एजेंट को किस तरह से आमदनी होती है। अर्थात उसे किस तरह की टिकट बुकिंग पर कमीशन व अन्य आर्थिक फायदे मिलते हैं। इस बारे में जानकार लोगों का कहना है कि आईआरसीटीसी एजेंट को नान एसी, एसी रेलवे टिकट पर अलग कमीशन मिलता है, कैश पेमेट पर कुछ अन्य सुविधाएं व कैश बैक भी मिलता है।
1. नान एसी पर एक पीएनआर पर आईआरसीटीसी एजेंट को 20 रुपये मिलते हैं
2. एसी फर्स्ट, सेकेंड व थर्ड क्लास की टिकट पर एजेंट को 40 रुपये प्रति पीएनआर के मिलते हैं।
3. एडिशनल पीजी कमीशन के रूप में टिकट के किराये का 1 प्रतिशत मिलता है
4. देश की फ्लाइट की टिकट बुकिंग पर प्रति टिकट 100 रुपये कमीशन मिलता है
5. बाहरी देशों की फ्लाइट के टिकट की बुकिंग पर प्रति टिकट 150 रुपये मिलता है।6.एक दिन में 50 से 100 टिकटों तक की बुकिंग हो गयी है आप समझ सकते कि एजेंट की प्रतिदिन कितनी कमाई होगी.
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