आधार कार्ड आज प्रत्येक भारतीय की सख्त जरूरत बन गया है। सरकार ने आधार कार्ड को सभी सरकारी व गैर सरकारी दस्तावेजी कार्यवाही का आवश्यक हिस्सा बना दिया है। सरकारी एवं गैर सरकारी दस्तावेजी कार्य आधार कार्ड के बिना पूरे नहीं हो सकते हैं। इसलिये आज प्रत्येक भारतीय को आधार कार्ड बनवाना बहुत ही जरूरी हो गया है। भारत सरकार द्वारा यूआईडीएआई द्वारा आधार कार्ड बनवाने की शुरुआत जनवरी 2009 में की गयी थी। शुरू-शुरू में तो ये आधार कार्ड महानगरों, शहरों, कस्बों, गांवों में घर-घर जाकर लोगों की पर्सनल जानकारी लेकर बनाये जाते थे। उसके बाद धीरे-धीरे गांवों, शहरों, नगरों व महानगरों में अनेक स्थानों पर कैम्प लगाकर ये आधार कार्ड बनाये जाने लगे। इस आधार कार्ड को लेकर काफी शंकायें भी व्यक्त की गयीं और इसको लेकर मुकदमेंबाजी हुई लेकिन धीरे-धीरे सरकार ने इस आधार कार्ड के बारे मे अनेक नियम व कानून बनाने शुरू कर दिये। अब कई सरकारी योजनाओं में आधार कार्ड को जरूरी बना दिया गया । उसके बाद भारतीयों को इस आधार कार्ड के महत्व का पता चला और उसके बाद सभी लोगों ने बनवाना शुरू कर दिया। पहले यह आधार कार्ड सरकारी कार्यालयों के जनसेवा केन्द्रों के माध्यम से बनाये जाने लगे। इसके बाद कई सेंटर खोले गये तथा कई प्राइवेट कंपनियों को भी आधार कार्ड बनाने के लिए अधिकृत किया गया और उन कंपनियों ने आधार कार्ड बनाये।
भारी संख्या में लोग अभी भी आधार कार्ड से हैं महरूम
हालांकि भारी संख्या में लोगों ने अपने आधार कार्ड बनवाये हैं लेकिन आज आज भी भारी संख्या में ऐसे लोग हैं जिनके आधार कार्ड किसी न किसी कारण से नहीं बने हैं। भले ही आधार कार्ड बनाने की ऑनलाइन सुविधा हो गयी है लेकिन आज भी अनेक लोग आधार कार्ड बनाने की बारीक जानकारियों से अनभिज्ञ हैं। ऑनलाइन के बावजूद फिंगर प्रिंट और आईस स्कैनिंग के लिए सर्विस सेंटर तो जाना ही पड़ता है। इस वजह से आधार कार्ड सेंटर का व्यवसाय करना बहुत लाभकारी है।
नया आधार कार्ड बनवाने के साथ करेक्शन की है भारी मांग
शुरू-शुरू में बनाये गये आधार कार्ड में भारी गलतियां पार्इं गई। जिससे लोगों को भारी परेशानी हुई और शिकायतों के मिलने के बाद सरकार द्वारा इसमें सुधार करने की सुविधा शुरू की गयी। लगभग 5-7 साल के दरम्यान इतनी भारी संख्या में आधार कार्ड बन गये कि उनका सरकारी केन्द्रों से संशोधन कर पाना संभव नहीं था। इसके लिए कॉमन सर्विस सेंटर और आधार कार्ड सेंटर खोलने की योजना बनाई गई। सरकार ने इसके लिए कुछ आवश्यक प्रक्रिया का निर्धारण किया है तथा आधार कार्ड सेवा केन्द्र खोलने वाले की शैक्षिक योग्यता की जांच करने के लिए एक साधारण सी परीक्षा का प्रावधान किया है तथा केन्द्र खोलने व परीक्षा देने के लिए एक फीस का भी प्रावधान किया गया है। इन सारी शर्तों को पूरा करने के बाद आधार कार्ड सेवा केन्द्र खोला जा सकता है।
आधार कार्ड के बिना नहीं होते कई सरकारी काम
आधार कार्ड को सरकार ने अनेक कामों में अनिवार्य कर दिया है। आधार कार्ड के बिना सरकारी काम नहीं किये जा सकते हैं। इसके लिए सही और मान्य आधार कार्ड अवश्य चाहिये। आधार कार्ड से होने वाले सरकारी कामों में ये प्रमुख हैं:-
1. पासपोर्ट के लिए आधार कार्ड अनिवार्य है।
2. जन-धन खाता खोलने के लिये आधार कार्ड जरूरी है
3. रसोई गैस यानी एलपीजी की सरकारी सब्सिडी पाने के लिये आधार कार्ड जरूरी है
4. ट्रेन की टिकट में छूट पाने के लिए आधार कार्ड का होना जरूरी है
5. आईआईटी औरजेईई जैसी उच्च शिक्षा की परीक्षाओं में बैठने के लिये आधार कार्ड जरूरी है
6. बच्चों को नर्सरी कक्षा में एडमिशन कराने के लिए आधार कार्ड को अनिवार्य कर दिया गया है
7. डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र (लाइफ सर्टिफिकेट) के लिए आधार कार्ड को जरूरी बना दिया गया है
8. प्राविडेंट फंड के लिए भी आधार कार्ड को आवश्यक बना दिया गया है
9. यदि आपको डिजिटल लॉकर लेना है तो आधार कार्ड के बिना नहीं मिल सकता
10. जमीन, दुकान, खेत सहित किसी तरह की सम्पत्ति के रजिस्ट्री के लिए भी आधार कार्ड जरूरी है।
11. मोबाइल फोन में विभिन्न कंपनियों के सिम कार्ड खरीदने के लिये आधार कार्ड जरूरी है
12. आयकर रिटर्न भरने के लिए आयकर दाता का आधार कार्ड होना जरूरी है
आधार कार्ड सेंटर में कौन-कौन से काम किये जाते हैं
1. नया आधार कार्ड बनाया जाता है
2. आधार कार्ड की गलतियों को सुधारा जाता है
3. अपलोड होने के बाद पोस्ट ऑफिस से आधार कार्ड आने में देरी हो रही है तो उसे प्रिंट किया जाता है
4. फिंगर प्रिंट के द्वारा आधार कार्ड का प्रिंट किया जाता है
5. बच्चों के लिए आधार कार्ड बनवाया जाता है
6. अप्रवासी भारतीय यानी एनआरआई के लिए आधार कार्ड बनवाया जाता है
7. आधार कार्ड नाम, पता, पिता व पति के नाम, मोबाइल नंबर आदि पर्सनल जानकारी में हुई गलतियों को सुधारा जाता है
आधार कार्ड सेंटर लिए आवश्यक वस्तुएं
1. एनएसईआईटी सर्टिफिकेट
2. आधार सेंटर आईडी और पासवर्ड
3. आधार कार्ड एनरोलमेंट/करेक्शन मशीन, इसमें फिंगर प्रिंट स्कैनर, आंखों की रेटिना के लिए आईरिस स्कैनर
4. ऑनलाइन काम करने के लिए लैपटॉप, डेस्कटॉप, इंटरनेट
5. प्रिंटर
6. स्कैनर
7. वेब कैमरा
8. आधार कार्ड सेंटर शुरू करने के लिए लोकल अथॉरिटी से आवश्यक परमीशन
आधार कार्ड सेंटर शुरू करने के लिये क्या करें?
आधार कार्ड सेंटर शुरू करने से पहले यह देखना होगा कि आपके घर के आसपास कितनी दूर पर इस तरह का सेंटर है। यूआईडीएआई की वेबसाइट से इस बात की जानकारी हासिल कर लें कि कम से कम कितनी दूरी पर दूसरा आधार कार्ड सेंटर खोला जा सकता है। यदि वो नियम आपके घर की लोकेशन को सूट करते हों तो लाइसेंस लेने के लिए आवेदन करें। उसकें लिये ये प्रमुख काम करने होंगे, जैसे:-
1. एनएसआईटी की वेबसाइट पर जाएं जहां पर आपको आधार कार्ड टेस्टिंग और सर्टिफिकेशन का पोर्टल मिल जायेगा। उस पोर्टल पर आपको क्रिएट न्यू यूजर पर क्लिक करके आवेदन की शुरुआत कर सकते हैं
2. इस बटन पर क्लिक करने के बाद न्यू यूजर साइन अप फार्म आपके सामने स्क्रीन पर नजर आयेगा, उसमें मांगी गयी जानकारी सही-सही भरनी होंगी। इसमें आपको ईमेल आईडी, मोबाइल नंबर, सीक्रेट क्वेश्चन उनके आंसर, पासवर्ड(कम से कम आठ करेक्टर का होना चाहिये), उसके बाद दिखाये जा रहे कैप्चा को भरना होगा, उसके बाद सबमिट बटन पर क्लिक करना होगा।
3. इस प्रक्रिया के पूरा होते ही आपके मोबाइल नंबर पर एसएमएस और आपकी ई मेल पर एक मेल आयेगा। जिसमें आपको लॉगइन करने के लिए यूजर आईडी और पासवर्ड आयेगा। इसका इस्तेमल करके आधार टेस्टिंग एण्ड सर्टिफिकेशन के पोर्टल पर लॉगइन कर सकेंगे।
4. इसके बाद जैसे ही आप लॉगइन करेंगे तो शुरुआत में कुछ निर्देश दिये गये होंगे। उन्हें अच्छी तरह से पढ़ व समझ कर नीचे कांटीन्यू बटन को क्लिक करना होगा। इसके बाद एक और फार्म आपके सामने स्क्रीन पर नजर आयेगा। उसमें मांगी गयी सारी जानकारी भरनी होगी और उसके बाद इस फार्म को कांटीन्यू करना होगा। अब आपको अपनी एक पासपोर्ट साइज की फोटो और अपने ई-साइन अपलोड करने होंगे। फोटो में आपका चेहरा और साइन दोनों ही बिलकुल साफ-साफ होने चाहिये।
5. आखिर में डिक्लेयरेशन बॉक्स पर सही के सामने वाले गोले में टिक करने के बाद प्रोसीड टू सबमिट फार्म पर क्लिक करें। इसके बाद आपको अपना चालान बनाना है
6. चालान बनाने के लिए साईड के मेन्यू में जाएं , वहां पर दिख रहे पेमेंट के बटन पर क्लिक करें। वहां पर अनेक बैंकों की डिटेल आ जायेगी। उनमें से अपना बैंक चुनें और अपने एकाउंट की जानकारी भरें। इसके बाद आपको प्लीज क्लिक हियर टू जनरेट रिसीप्ट पर क्लिक करें। यहां आपको चालान रिसीप्ट डाउनलोड करके उसका प्रिंट ले लें।
7. इस प्रिंट को लेकर अपने बैंक की नजदीकी शाखा पर जायें। वहां पर आपको चालान रिसीप्ट के साथ निर्धारित फीस नकद में जमा करनी होगी। बैंक से जो चालान की रसीद मिलेगी उसको लेकर वापस आना होगा और उसकी डिटेल भरनी होगी। इसमें जैसे
- ए. रजिस्ट्रेशन आईडी
- बी. चालान नंबर, जो बैंक से मिली रसीद पर लिखा होगा
- सी. चालान की तारीख को भरना होगा
- डी. अपने बैंक की ब्रांच का नाम भी भरना होगा
- ई. अपनी बैंक की उस ब्रांच का कोड भरना होगा, जहां पर आपने चालान जमा करके रसीद प्राप्त की है
- एफ. चालान में कितने रुपये आपके द्वारा जमा किये गये हैं, उनको भी लिखना होगा।
ये सारी जानकारियां बहुत ही सावधानी से भरनी होंगी। इनमें एक भी जानकारी की कोई स्पेलिंग या अंक गलत हो गये तो आपका काम गड़बड़ भी हो सकता है। इसके बाद फार्म में नीचे दिये गये सबमिट के बटन पर क्लिक करें।
इस तरह से आपके द्वारा यह प्रक्रिया पूरी करने के बाद आपको एक से दो दिन तक का इंतजार करना होगा। इसके बाद वापस इसी वेबसाइट को लॉगइन करके आपको बुक सेंटर ऑप्शन पर क्लिक करना होगा। इसके बाद आपसे एक्जाम के लिए सेंटर चुनने को कहा जायेगा। आप अपने नजदीकी सेंटर को चुने। साथ ही एग्जाम की डेट व टाइम भी चुनें। ये प्रक्रिया पूरी करने के बाद सबमिट कर दें। इसके बाद आपको एग्जाम देने के लिए एडमिशन कार्ड यानी प्रवेश पत्र डाउनलोड करके प्रिंट कराना होगा।
8. इसके बाद आपको अपने द्वारा चुने गये सेंटर पर तय समय पर एडमिट कार्ड लेकर एग्जाम देने के लिए जाना होगा। इस एग्जाम में आधार कार्ड संबंधी कई प्रश्न दिये गये होंगे, जिनके जवाब आपको देने होंगे। इन आसान से सवालों का जवाब देने के बाद आपको आधार कार्ड सेंटर का सर्टिफिकेट दिया जाता है। इसके बाद आप अपना आधार कार्ड सेवा सेंटर खोल सकते हैं।
आधार कार्ड के एग्जाम के बाद किस-किस श्रेणी का मिलता है सर्टिफिकेट?
आधार कार्ड सें संबंधित कार्य करने वालों को शैक्षिक योग्ता के आधार पर तीन वर्गों में विभाजित किया गया है। इन वर्गो को ऑपरेटर, सुपरवाइजर और बच्चों के आधार कार्ड बनाने की परमीशन दी जाती है।
यूआईडीएआई के एग्जाम को तीन स्तर पर पूरा किया जा सकता है, जो इस प्रकार है:-
1. यदि आपका शैक्षिक योग्यता बीए या एमए है तो आप आधार कार्ड बना सकते हैं। जब यूआईडीएआई की परीक्षा देते हैं और जब आपके नंबर कम आते हैं तब आपको ऑपरेटर का सर्टिफिकेट दिया जाता है। इससे आप अपना स्वयं का काम कर सकते हैं अथवा किसी बैंक में अपना सर्टिफिकेट देकर ऑपरेटर का काम कर सकते हैं।
2. सुपरवाइजर: आपकी शैक्षिक योग्यता यही रहेगी यानी बीएम व एमए । इसके अलावा यदि आपने परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त किये हैं तो आपको सुपरवाइजर का सर्टिफिकेट दिया जाता है। जिससे आप अपने अंडर में कई ऑपरेटर रख कर काम करवा सकते हैं।
3. यदि आपकी शैक्षिक योग्यता दसवीं या हाईस्कूल तक है तो आप एग्जाम दे सकते हैं और उसमें नंबर भी ठीकठाक आते हैं तो आपको बच्चों के आधार कार्ड बनाने का काम करने की परमीशन का सर्टिफिकेट दिया जा सकता है। इसका मतलब यह हुआ कि आप कानूनी तौर पर केवल बच्चों के आधार कार्ड से जुड़ा ही कार्य कर सकते हैं।
लाइसेंस लेने के बाद क्या काम करें?
लाइसेंस लेने के बाद फार्म में लिखे पते पर एक शॉप को डेकोरेट करायें। उसमें . करेक्शन मशीन, इसमें फिंगर प्रिंट स्कैनर, आंखों की रेटिना के लिए आईरिस स्कैनर, लैपटॉप, डेस्कटॉप, इंटरनेट, प्रिंटर, स्कैनर, वेब कैमरा आदि लगवायें। यदि आप सुपरवाइजर हैं और ऑपरेटर रखना चाहते हैं तों किसी सर्टिफिकेट वाले ऑपरेटर की तलाश करें। वरना स्वयं ही अपना काम शुरू कर दें।
दुकान से संबंधी कानूनी प्रक्रिया पूरी करें
दूकान खोलने के लिए आपको सभी आवश्यक कानूनी प्रक्रिया को पूर्ण करना होगा। पहले आप अपने आधार कार्ड सर्विस सेंटर का अच्छा सा नाम रखें और उसके बाद उसका शॉपिंग एक्ट में रजिस्ट्रेशन करायें। आपका टर्नओवर जब जीएसटी के दायरे में आ जाए तब आपको जीएसटी नंबर लेना होगा। साथ ही आप यदि अपने घर पर या रिहायशी इलाके में शॉप या सर्विस सेंटर खोल रहे हैं तो आपको लोकल अथॉरिटी नगर निगम, नगर पालिका परिषद, जिला , क्षेत्रीय व ग्राम पंचायत जो भी आती हो उससे आधार कार्ड सर्विस सेंटर खोलने की परमीशन लें। इससे आपको अपना काम शुरू करने और उसे चलाने में किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं आयेगी।
सर्टिफिकेट लेने के बाद कोई जॉब भी मिल सकती है
हां बिलकुल। यदि सर्टिफिकेट लेने के बाद आप अपनी दुकान शॉप किसी कारण से नहीं खोलना चाहते हैं तो आप को अपने आसपास के उस बैंक को तलाशना होगा जहां पर आधार कार्ड बनाये जाते हैं अथवा आधार कार्ड में करेक्शन किये जाते हों। वहां पर ऑपरेटर की आवश्यकता हो। आप उस बैंक के मैनेजर या उच्च अधिकारी से मुलाकात कर उसके यहां पर ऑपरेटर का काम करने की पेशकश कर सकते हैं। बैंक की टर्म्स एंड कंडीशन आपको समझ में आये और उससे आप सहमत हों तो उसके अनुसार जॉब शुरू कर सकते हैं।
अपने सेंटर का प्रचार कैसे करें?
आपने यदि आधार कार्ड सेंटर का सर्टिफिकेट लेकर सेंटर खोल लिया तो आपको उसको चलाने के लिए प्रचार भी करना होगा। सबसे पहले आपको लोकल लेबल पर प्रचार करना होगा। इसके लिए आप पम्पलेट और पोस्टर का सहारा ले सकते हैं। साथ ही आप अपने मित्रों व परिचतों को भी इस बारे में बतायें जिन्हें जब जरूरत होगी स्वयं अपना कार्य करायेंगे और अपने परिचितों को भी आपके पास भेजेंगे।
बैंक, कोर्ट, कचेहरी, स्कूल, कॉलेज, अस्पताल आदि उन जगहों पर भी अपने सेंटर का प्रचार करें जहां सरकारी काम से आने वालों की हमेशा भीड़ लगी रहती हो। इस तरह से प्रचार करने पर जरूरतमंद व्यक्ति आपके सेंटर पर खोजता हुआ पहुंचेगा।
इसके अलावा ऑनलाइन प्रचार भी कर सकते हैं। इसके लिए यदि आप अधिक खर्च नहीं करना चाहते हैं तो फेसबुक, व्हाट्सऐस जैसे सोशल मीडिया के फ्री प्लेटफार्म का इस्तेमाल करें। अपना ब्लाग शुरू करें उसमें आधार कार्ड से जुड़ी सारी महत्वपूर्ण जानकारियां देते रहें।
लागत कितनी आती है ?
आधार कार्ड सर्विस सेंटर खोलने के लिए शॉप, मशीनें, कंप्यूटर, बिजली आदि पर खर्च कितना आयेगा। यह शॉप की एरिया की कीमत व किराये पर निर्भर करती है। उसके बाद खरीदी जाने वाली मशीनें, लैपटॉप, प्रिंटर आदि पर भी खर्च करना होता है। जानकार लोगों का अनुमान है कि इस तरह का आधार कार्ड सर्विस सेंटर खोलने में एक लाख रुपये के आसपास की लागत आती है।
मुनाफा कितना तक हो सकता है?
आधार कार्ड सर्विस सेंटर को शुरू करने में ही जो लागत आती है, वही आपका इन्वेस्टमेंट होता है। उसके बाद तो आपकी पूरी आमदनी होती है क्योंकि आप इस काम में कोई प्रोडक्ट नहीं बेच रहे हैं बल्कि आप सेवाएं दे रहे हैं। चूंकि आप अकेले ही अपनी शॉप में सेवाएं दे रहे हैं तो आपका पूरा मुनाफा आपको ही मिलेगा। दुकान खर्च, बिजली इंटरनेट खर्च, कंप्यूटर लैपटाप आदि की सर्विस का खर्च निकाल कर जो बचता है वो आपका मुनाफा होगा। मुनाफा आपकी शॉप के लोकेशन और चलने पर निर्भर करता है। यदि बहुत अच्छी जगह पर आपकी शॉप है, जहां सरकारी काम रोज होते ही रहते हैं और ग्राहक बड़ी संख्या आते हैं तो यह मुनाफा या आमदनी प्रतिमाह लाखों में हो सकती है। वरना रिमोट एरिया में भी आपकी आमदनी 30 से 40 हजार रुपये प्रतिमाह कहीं नहीं गयी है।
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