आप भी आसानी से ले सकते हैं खुद की बाइक एजेंसी, होगा काफी प्रोफिट

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आप भी आसानी से ले सकते हैं खुद की बाइक एजेंसी, होगा काफी प्रोफिट

आज के समय में जब भी कोई इंसान अपने लिए पहली गाड़ी लेता है तो वो कोई स्कूटी या फिर बाइक ही होती है. जहां नौजवानों को अलग अलग तरह की बाइक पसंद आती है तो युवतियां स्कूटी ज्यादा प्रिफर करती हैं. यही वजह है की छोटे और बड़े शहरों या गांव के इलाकों तक इनकी डिमांड काफी बड़ गई हैं. कहने के मतलब ये है की मौजूदा समय में स्कूटी और बाइक रोड पर ट्रेवल करने के लिए सबसे बेस्ट साधन बन गए हैं. हमारे देश में ही कई ऐसी कंपनियां है जो इनका निर्माण करती हैं.

आज की इस भाग दौड़ा वाली दुनिया और ऊंचे लाइफ स्टाल में आपको हर एक घर में टू व्हीलर वाहान आसानी से मिल जाएगा. समय और मांग के हिसाब से टू व्हीलर की मैन्युफैक्चरिंग में काफी ज्यादा उछाल आया है. इसी लिए लगभग हर इलाके में बड़ी बड़ी कंपनिया भारत के हर एक राज्य के जिले में अपनी डीलरशिप दे रही है. जिस से उनके ग्राहकों को ज्यादा सुविधा मौहिया हो सके और कंपनी को इसका प्रोफिट मिले. आप भी बड़ी आसानी से किसी भी बाइक की एजेंसी की डीलरशिप हासिल कर सकते हैं और अपने इलाके या शहर में इस बिजनेस को शुरु कर सकते हैं अगर आप भी खुद की बाइक की एजेंसी का बिजनेस शुरु करना चाहते हैं तो आज में आपको इस बारे में गहरी जानकारी दूंगा जिस के चलते आप भी इस काम को शुरु कर सकेंगे.

क्या होती है बाइक की एजेंसी ?

किसी भी बाइक की एजेंसी का बिजनेस कोई ज्यादा मुश्किलों वाला काम नहीं है. आपने या आप से किसी बड़े ने अपने लिए बाइक या स्कूटी खरीदी होगी तो इसको खरीदने के लिए आपको उस एजेंसी में जाना पड़ता है जिस कंपनी का वाहन आप खरीदना चाहते हैं यहां आपको अलग अलग टू व्हीलर बनाने वाली कंपनियों की गाड़ियों दिखाई देती है. ये एजेंसियां कंपनियों से अपने ग्राहकों की मांग के हिसाब से अलग अलग तरह की बाइक और स्कूट मंगवाती हैं जिसकी उन्होंने डीलरशिप ले रखी हो. इसके आधार पर वो अपने कस्टमर को उनकी मांग के हिसाब से गाड़ियां सप्लाई करती हैं.

bikes parked in a row

कहाँ खोल सकते हैं आप बाइक की एजेंसी ?

आज काफी बड़ी संख्या में आए दिन टू व्हीलर बिकते है और खरीदे जाते हैं. इस लिहाज से इस बिजनेस की मांग हमारे देश के बाजारों में काफी ज्यादा है लेकिन अभी भी कई ऐसी जगह हैं जहां लोगों को बाइक की एजेंसी नहीं मिलती ऐसे लोगों को खुद के लिए टू व्हीलर खरीदने के लिए या फिर स्पेटर पार्ट के लिए बड़े शहरों में जाना पड़ता है. ऐसे में अगर आप उस इलाके में अपने बाइक की एजेंसी डाल रहे हैं तो आपको इस से आपको काफी लाभ होगा.

बाइक एजेंसी खोलने के लिए मापदंड

किसी भी वहान का निर्माण करने वाली कंपनियों की डीलरशिप लेने के लिए आपको किसी भी तरह के कोई खास शैक्षणिक योग्यता की जरूरत नहीं पड़ती. किसी भी तरह का व्यक्ति अपने लिए बाइक की एजेंसी खोल सकते हैं. बस इसके लिए आपको उस हिसाब का बजट और अपने वाहनों की जानकारी होनी चाहिए. फिर आप भी आराम से इस काम को कर सकते हैं.

बाइक एजेंसी खोलने के लिए लोकेशन

अगर आप चाहते हैं की आपकी एचेंसी हमेशा फायदे में रहे तो आपको इसकी लोकेशन अच्छी जगह सेट करनी होगी. आप इसके लिए ऐसी लोकेशन का सेलेक्ट कर सकते हैं जहां पर किसी भी तरह की कोई बाइक की एजेंसी ना हो. इसके साथ ही आप लगभग सभी कंपनियों के बाइक के स्पेयर पार्ट्स को भी अपनी एजेंसी में रख सकते हैं. या फिर किसी खास कंपनी की बाइक की डीलरशिप लेकर सिर्फ उसी का काम कर सकते हैं. ये पूरी तरह से आप पर निर्भर है.

बाइक एजेंसी खोलने के लिए बजट

बाइक एजेंसी के लिए आप का बजट सबसे ज्यादा जरूरी है. क्योंकि आप जिस किसी भी कंपनी की डीलरशिप लेंगे आपको अपने प्लान के मुताबिक बजट बताएंगे. अलग अलग बाइक की एजेंसियां अलग अलग योजनाओं के आधार पर अपनी डीलरशिप देती है. आप जिस कंपनी की एजेंसी खोलना चाहते हैं आपको उस कंपनी की गाइडलाइन और योजना के आधार पर काम करना होगा या फिर उस पर निवेश करना होगा. इसके साथ ही आपको अपनी लोकेशन और एजेंसी की डीलरशिप के आधार पर सबसे पहले अपने लिए डंटीरियर डेकोरेशन का काम करना होगा और इस काम को करने के लिए आपको लगभग 10 से 15 लाख रुपए तक का खर्च आ जाएगा. ऐसा बहुत सी बाइक कंपनियां है जो अपनी एजेंसी डीलर को उनके क्रेडिट के आधार पर बाइक बेचने के लिए देती है लेकिन कई कंपनियां ऐसी भी है जो डीलर को बाइक बेचने के लिए देने से पहले हर बाइक पर पैसे लेती है अगर आप कम से कम 100 मोटरसाइकिल भी बेचने हैं तो ऐसे सिनेरियो में आपको हर बाइक पर 50,000 रुपए तक का निवेश करना पड़ेगा इस मतलब है की हर बाइक पर आप को कम से कम 50 लाख रुपए तक की रकम लगानी ही पड़ेगी. इस से अलग अगर आप बाइक कंपनियों का स्पेयर पार्ट भी अपनी शॉप में बेचते हैं तो इसके लिए भी आपको अलग से 12 से 15 लाख रुपए तक का निवेश करना होगा. बहुस सी बाइक एजेंसी ऐसी भी हैं जो अपने डीलर को एजेंसी देने से पहले किसी गारंटीड बैंक से गारंटी भी मांगती है आपको उस आधार पर अपनी बाइक एजेंसी का चयन करना होगा.

एजेंसी लेने के लिए जरूरी ट्रेनिंग

बाइक एजेंसी कंपनियों की वैसे तो अपनी अपनी डीलरशिप देने की योजना रहती है लेकिन ज्यादातर कंपनियां अपने अपने डीलर्स को एजेंसी देने के लिए कुछ मदद भी करती है जैसे की

  • डीलरशिप देने वाली सभी कंपनियां अपने डीलर्स को एजेंसी और वर्कशॉप को डेकोरेट करने के लिए अपनी तरफ से ड्राइंग, इंटीरियर डिजाइन और लेआउट को तैयार कर के देती है. और फिर आपको उस आधार पर अपनी एजेंसी या फिर अपनी वर्कशॉप को डिजाइन करना होता है.
  • टू व्हीलर की डीलरशिप देने वाली कंपनियां आपकी कई तरह की मदद करती है जैसे की अपने ग्राहकों से कैसे बात करें, ग्राहकों से कैसे अच्छी डील करें, और उन्हें अपने वाहर और उसके फीचर के बारे में कैसे जानकारी दें. आदी क्योंकि टू व्हीलर डीलरशिप के काम में सभी लोगों को प्रोफेशनल होना पड़ता है. अगर आप प्रोफेशनल नहीं होंगे तो कोई भी कंपनी आपको अपनी डीलरशिप नहीं देगी चाहे आप अपनी एजेंसी में कितना भी निवेश कर लें.
  • आपनी टीम को मैनेज करने और उन्हें ट्रेनिंग देने का काम भी कई कंपनियों की तरफ से किया जाता है

एजेंसी खोलने के लिए जरूरी बातें का रखें ध्यान

अगर आप किसी भी एजेंसी को खोलने के लिए बड़ा निवेश कर सकते हैं तो आपके लिए ये सबसे बेस्ट है जानते हैं की आप कैसे बाइक की एजेंसी खोल सकते हैं और इस के लिए किन जरूरी बातों का ख्याल रखना पड़ता है.

  • बाइक एजेंसी या किसी भी एजेंसी को खोलने से पहले आप को अपने लोकर मार्केट में रिसर्च करनी होगी और ये पता लगाना होगा की आपके एरिया में किस तरह के लोग है और किस तरह की किस कंपनी और किस तरह की गाडियां को खरीदना पसंद करते हैं.
  • आप जिस कंपनी की बाइक एजेंसी ले रहे हैं आपको उस कंपनी की ऑफिशयल वेबसाइट को एक बार विजिट करना होगा और जानकारी लेनी होगी. साइट पर जाने के बाद आपको कंपनी की डीलरशिप लेने के लिए ऑनलाइन एक आवेदन फॉर्म में अपनी जानकारी भर कर सबमिट करना होगा
  • जब कंपनी आपका आवेदन एक्सेप्ट कर लेगी तो कंपनी की ही तरफ से आपको कॉल या फिर ईमेल आएगा जिस के आधार पर आपको जरूरी जानकारी मिल जाएगी.
different bikes parked in a row

बाइक एजेंसी खोलने के लिए जरूरी लाइसेंस

किसी भी बाइक की एजेंसी खोलने के लिए आको किसी भी प्रकार का रजिस्ट्रेशन या फिर लाइसेंस के लिए खुद से याचना नहीं करनी पड़ती. आप जिस कंपनी की डीलरशिप लेते हैं वो कंपनी आपको सब कुछ खुद कर के दे देती है बस आपको उनकी डीलरशिप ले कर कंपनीकी बाइक बेचने का काम करना पड़ता है फिर भी आप चाहते हैं तो लघु एंव मध्यम वर्गीय उद्योग विभाग में इस से जुड़ी जरूरी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं. अपनी एजेंसी को उद्योग आधार में रजिस्टर कर जिस से आपकी एजेंसी कानूनी रूप से वैध हो जाएगी.

बाइक एजेंसी से होने वाला प्रोफिट

आज के समय में बाइक का काफी क्रेज है और मार्केट में इनकी डिमांड के चलते आपको भी अपने काम में अनेकों लाभ मिलेंगे. हाल के समय में बाइक सेलिंग और बाइक के पार्ट्स बेचने वाली एजेंसी और डीलर्स का काफी विकास हुआ है अगर आप एक दिन में दो या 3 बाइक भी बेचते हैं तो आप बड़ी आसानी से 1 दिन में 3 से 4 हजार रुपए कमा सकते हैं. हर महिने आपको एक लाख तक का प्रोफिट हो जाएगा. लेकिन ये आपके मार्केट और बाइक की मांग पर सबसे ज्यादा निर्भर करता है.

बाइक एजेंसी के बिजनेस में रिक्स

किसी भी बाइक की एजेंसी के बिजनेस में नुकसान होना के रिक्स के बहुत कम चांस है. ये सब आप के ऊपर निर्भर करता है आप जिसनी अच्छी सर्विस देंगे और जितनी अच्छी अपने ग्राहकों के डील करेंगे आपके बिजनेस में जोखिम के चांस उतने ही कम हो जाएंगे. इस लिए अगर आपके पास अच्छा बजट और जगह है तो आप इस तरह का बिजनेस कर सकते हैं।

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