कोलकाता, भारत के पश्चिमी कोने में बसे बंगाल की धड़कन हैं जो आज भी अपनी पुरानी धरोहरों के साथ-साथ अपने वो ही पुराने अंदाज़ को खुद में समेटे है। कोलकाता, शहर है कला, संगीत, ड्रामा, फाइन आर्ट्स, लिटरेचर और लाजवाब खाने का। जी हां रविन्द्रनाथ टैगोर की इस कर्मभूमि में लोग जितने कलात्मक है उतने ही फूडी भी हैं। इनकी ज़ुबान अक्सर ज़ायकों का स्वाद लेने कोलकाता की गलियों में घूमती दिखाई देती हैं, और इन्हीं गलियों में बिखरी ज़ायकों की खूशबू यहां घूमने-फिरने आने वाले लोगों को अपनी ओर खींच लेती है। कोलकाता का स्ट्रीट फूड भारत ही नहीं बल्कि दुनियाभर में फेमस हो चुका है। यूं तो कोलकाता की हर गली में आपको कुछ ना कुछ खाने को मिल ही जाएगा लेकिन एक स्ट्रीट फूड ऐसा भी है जिसमें पूरे बंगाल की आत्मा समाई हुई है, जी हां सही पहचाना आपने बात फुचके की हो रही है। आटे की छोटी-छोटी लोइयों को जब किसी गेंद की तरह तेल में फुलाया जाता है तो फुचका तैयार होता है, इसके बाद फुले हुए फुचके में उबले आलू, कच्चे प्याज और चटपटे मसालों का मिक्चर डालकर, इमली के खट्टे पानी में डूबोकर मुंह में भर लिया जाता है कुछ ऐसा ही होता फुचका। नॉर्थ इंडिया में रहने वाले लोग इसे गोलगप्पे भी कह सकते हैं और महाराष्ट्र में इन्हें पानी पुरी कहा जाता है हालांकि तीनों में ही काफी फर्क होता है। दरअसल इन्हें पेश करे का अंदाज ही इन्हें एक दूसरे से अलग बनाता है किसी के पानी में पुदीना और धनिया होता है तो किसी में बूंदियां डली होती हैं, किसी को सौंठ की चटनी के साथ खाया जाता है तो किसी को सिर्फ इमली के पानी के साथ, कोई इनके अंदर चने भरता है तो कोई मैश किया हुआ आलू।
फुचका या गोलगप्पे इतने फेमस है कि अब शादी-ब्याह भी इनके बिना अधूरे माने जाते हैं शादी में कुछ हो ना हो गोलगप्पे का स्टॉल जरूर लगाया जाता है, बड़े-बड़े रेस्टोरेंट में जाने वाले लोग जब वहां गोलगप्पे की डिमांड करते हैं तो ना चाहते हुए भी रेस्टोरेंट मालिक को अपने मेन्यु में इन्हें एड करना ही पड़ता है। लड़कियों के बीच तो ये काफी फेमस है शायद ही कोई लड़की हो जिसे फुचका पसंद ना हो। तो इस तरह से देखा जाए तो फुचकों की एक अलग ही दुनिया है और इस दुनिया को अगर आप अपने बिजनेस से जोड़ दें तो आपको सिर्फ मुनाफा ही होगा। बिजनेस में हमेशा रिस्क होता है मार्किट डाउन होने का, डिमांड कम होने का लेकिन दोस्तों टेस्ट की दुनिया में कभी कोई कमी नहीं आती बल्कि दिन ब दिन डिमांड में इजाफा ही होता है, फूड बिजनेस एक ऐसा सेक्टर है जहां स्वाद ही सबकुछ है, जब तक स्वाद रहेगा तब तक बिजनेस भी फलता-फूलता रहेगा।
1. कैसे बनता है फुचका
फुचका बिल्कुल गोलगप्पे या पानी पुरी की तरह होता है लेकिन इसका टेस्ट थोड़ा अलग होता है, फुचका आटे से बनाया जाता है, जबकि गोलगप्पे सूजी से भी बनाए जाते हैं वहीं फुचका के लिए इमली के पानी में मसाला मिलाया जाता है, उबले हुए आलू को पूरी तरह से मैश किया जाता है, छोटा-छोटा प्यार और हरा धनिया काटा जाता है, जहां गोलगप्पे में सोंठ की चटनी इस्तेमाल की जाती है वहीं फुचका में कोई चटनी नहीं लगाई जाती। साथ ही फुचका खिलाने के बाद, एक खास तरह की पापड़ी दी जाती है जिसमें काले चने, नमक, मिर्च और नींबू निचौड़ा जाता है।
2. कैसे शुरू करें बिजनेस
ऐसा नहीं है कि फुचका सिर्फ कोलकाता में ही मिलता है जहां-जहां बंगाली लोग पहुंचे वहां-वहां फुचका भी पहुंच ही गया, देश की राजधानी दिल्ली में चितरंजन पार्क के पास आपको बंगाली फुचकों की जबरदस्त वैराइटी देखने को मिलेगी। ऐसा ही हाल देशभर के राज्यों का है वो क्या है ना कि हर राज्य में एक ना एक बंगाली कॉलोनी जरूर होती है, तो से में फुचके का स्टॉल आपको देखने को मिल ही जाएगा, वैसे बंगाली ही क्या पंजाबी, गुजराती, मराठी हर किसी का फेवरेट बन चुका है कोलकाता का फुचका। और ये ही वजह है जो अब फुचकों का बिजनेस बढ़ता जा रहा है। यानि की इसको खाने वालों की कमी नहीं है और जब डिमांड ज्यादा हो तो बिजनेस को जमाना आसान हो जाता है
3. क्यों फुचका है सही ऑप्शन
कोलकाता का फुचका आपके लिए एक बेहतरीन ऑप्शन बन सकता है, लागत कम और मुनाफा ज्यादा यानि की पूरी तरह से फायदे का सौदा। दरअसल गोल गप्पे और फुचके में काफी सिमलैरिटी हैं जिसके चलते गोल गप्पे खाने वाले भी इसे वैराइटी के तौर पर खाना पसंद करते हैं। और इसकी बढ़ती डिमांड के चलते इसके बिजनेस में अच्छा स्कोप देखा जा रहा है। साथ ही फुचका बनाने में इस्तेमाल होने वाली चीज़े काफी सरल और आसानी से उपल्बध हो जाती हैं, जिनका दाम मंडी में हमेशा ही कम रहता है फिर चाहे बात आटे की हो या आलू की । साथ ही किसी भी तरह के डेरी प्रोडक्ट का इस्तेमाल ना होने की वजह से ये डिश काफी सस्ती पड़ती है
4. बिजनेस के दो तरीके
फुचकों का बिजनेस आप दो तरह से कर सकते हैं होलसेल और रीटेल। जी हां इस बिजनेस में होलसेल का अप्शन भी है दरअसल कई छोटे-छोटे ठेले वाले रोजाना रेडीमेड फुचका खरीदकर अपना ठेला चलाते हैं ऐसे में उन्हें होलसेल में आप फुचका बना कर बेच सकते हैं, अगर आप होलसेलर बनना चाहते हैं तो आपको एक छोटा सा बेस किचन बनाने की जरूरत होगी जहां आप फुचके तैयार करें और स्टोर कर रख लें और फुचकों को पैकेट में पैक करके छोटे खरीददारों को बेचें। अगर आपको पसंद नहीं है कि आप किसी ठेले में फुचका बनाएं और बेचे तो इस तरह से आप इस बिजनेस से जुड़ सकते हैं और ज्यादा से ज्यादा मुनाफा कमा सकते हैं
5. फुचका के लिए रॉ मैटिरीयल
फुचकों को बनाने के लिए आपको चाहिए - गेहूं का आटा और तलने के लिए तेल जिसमें आटा आपको 22 रूपये प्रति किलो मिलेगा और तेल 100 रूपये किलो, वहीं अगर आप थोक के भाव खरीदेगें तो आपको थोड़ा और सस्ता मिलने की पूरी गुंजाइश है।
इन रेडीमेड फुचकों को आप पैक करके फुड कॉर्नर चलाने वाले या ठेला लगाने वालों को बेच सकते हैं। इस तरह से आपको बड़ा मुनाफ़ा होने की गारंटी है दरअसल फुचका बनाने में ना तो ज्यादा मेहनत लगती है और ना ही इसका रॉ मैटीरियल मंहगा पड़ता है, किसी भी बिजनेस को इससे कम लागत में शुरू करने की आप सोच भी नहीं सकते वहीं फुचकों का कारोबार आप बाकी बिजनेस के मुकाबले बेहद कम पूंजी लगाकर शुरू कर सकते हैं। सिर्फ लोगों के ज़ायके का ध्यान रखना ना भूलें।
6. फुचका होलसेल में होने वाला लाभ
फुचका के होलसेल बिजनेस करने में अगर आप 4000 फुचका बनाते हैं तो आपको करीब 800 का प्रोफिट होता है, इन 4 हजार फुचकों को बनाने में आपको 1 घंटे का समय लगेगा यानि कि 8 घंटों में आपको करीब 5 से 6 हजार का लाभ हो सकता है
7. अगर रीटेल फुचका बेचना चाहते हैं तो
फुचकों का ठेला या कॉर्नर खोलने के लिए आपको सबसे पहले एक ऐसी जगह ढूंढने की जरूरत है जो या तो कोई शॉपिंग हब हो या फिर घूमने-फिरने की जगह, स्कूल-कॉलेज, मॉल वगैहरा भी इस तरह के स्टॉल के लिए बेस्ट हो सकते हैं। इसके बाद फुचकों के साथ दिया जाने वाला खट्टा पानी और चटनी तैयार करना भी आपकी ही जिम्मेदारी होगी और ये ही पानी और चटनी आपके हाथों का टेस्ट लोगों की ज़ुबान तक पहुंचाएंगे और ये आपके बिजनेस को पॉप्युलर बना सकते हैं। और रीटेल में बेचने पर आप पर प्लेट अपना मुनाफा कमा सकते हैं जो आपकी सोच से कई ज्यादा साबित हो सकते हैं। इस वक्त बहुत से फुचका स्टॉल ऐसे हैं जहां शाम को कुछ घंटे ठेला लगाने वाले दिन का 3000 रुपये मुनाफा कमा रहे हैं।
8. फुचका को बना सकते हैं ब्रैंड
धीरे-धीरे स्ट्रीट फूड ब्रैंड बनने लगे हैं हर तरह की चाट इस वक्त बड़े ब्रैंड बनने लगे हैं ऐसे में अगर आपके पास अच्छा-खासा बजट है तो आप कोलकाता के इन फुचकों को बड़े लेवल पर पेश कर सकते हैं और कोलकाता का ऑथेंटिक टेस्ट लोगों की ज़ुबान तक पहुंचाकर उनका दिल जीत सकते हैं। कुछ लोग जो सड़क किनारे या बाजारों में लगने वाले स्टॉल में फुचका खा नहीं पाते उन्हें भी आप अपनी टारगेट कस्टमर बना सकते हैं। सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर अपने स्पेशल फुचका को लोगों तक पहुंचा सकते हैं।
हैदराबाद की बिरयानी हो या लखनऊ के कबाब, पंजाब का बटर चिकन हो या गुजरात का ढोकला हर डिश ने सीमाओं को तोड़ कर लोगों की ज़ुबान के साथ-साथ उनके दिलों में खास जगह बनाई है। कोलकाता के रसगुल्ले, मिष्टी दोई तो पहले ही हर किसी के फेवरेट बन चुकी है आप अपने बिजनेस के जरिए चटपटे फुचके को भी इस लिस्ट में शामिल हो सकता है।
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