देश में लगातार बढ़ रही आबादी के चलते ऐसे पढ़े लिखे युवाओं की भरमार है जो नौकरी की तलाश में दर-दर भटकने को मजबूर हैं। अनेक युवा तो नौकरी की चाह में अपना उम्र ही गुजार देते हैं। बाद में पछताते हैं कि काश कोई काम धंधा कर लिया होता तो कम से कम आज ये दशा तो न होती। इसके साथ ही अनेक ऐसे हुनरमंद युवा भी हैं जो चाहते हैं कि वे अपना खुद का कारोबार स्थापित करके अपनी बेरोजगारी दूर कर लें लेकिन उनके सामने सबसे बड़ी समस्या धन की कमी की होती है। सरकार ने ऐसे हुनरमंद युवाओं की मदद करने के लिए अनेक योजनाएं चलायीं हैं।
सरकार की मंशा हर परिवार हो खुशहाल
सरकार चाहती है कि हर युवा रोजगार पाये और हर परिवार खुशहाल हो। इसके साथ ही सरकार की यह मजबूरी है कि आज जिस अनुपात में युवा पढ़ लिखकर आगे आ रहा है और नौकरी की तलाश कर रहा है। उस अनुपात में सरकारी नौकरियां नहीं निकल पा रहीं हैं। इसलिये सरकार निरंतर युवाओं की बेरोजगारी दूर करने के लिए स्वरोजगार को प्रोत्साहित कर रही है। इसके लिए युवाओं को ट्रेनिंग व न्यूनतम ब्याज दरों पर लोन उपलब्ध कराने की योजनाएं बनायी जा रहीं हैं। ऐसी ही एक योजना है जिला उद्योग केन्द्र से लोन लेने की। इस योजना के तहत युवाओं को न्यूनतम ब्याज दर पर लोन दिया जाता है ताकि वे आसानी से अपना कारोबार स्थापित कर सकें। साथ ही लोन चुकाने के लिए पर्याप्त समय भी दिया जाता है। जिससे वे आसानी से अपना लोन चुका सकें।
कोरोना काल में बहुत ही लाभकारी है ये योजना
कोरोना काल में जहां पूरा विश्व लॉकडाउन यानी तालाबंदी का शिकार हो गया है। सारे बड़े-बड़े कारखाने बंद हो गये थे और अनगिनत लोगों की वर्षों से जमी-जमाई नौकरियां चली गयीं थीं। भारी संख्या में लोग या तो बेकार हो गये थे अथवा उनके बिजनेस इस तरह से लड़खड़ा गये थे जो संभलने की स्थिति में नहीं थे। ऐसी दोनों ही स्थितियों में यह योजना अत्यन्त लाभकारी है। जो लोग नौकरियां जाने से परेशान होकर अपना नया रोजगार शुरू करना चाहते हैं अथवा अपने लड़खड़ाते बिजनेस को संभालना चाहते हें वो इस योजना से अवश्य ही लाभ उठा सकते हैं।
जिला उद्योग केन्द्र लोन योजना का इतिहास
देश में बढ़ती बेरोजगारी की समस्या को हल करने के लिए सरान ने 2017 में जिला उद्योग केन्द्र लोन योजना बनायी । यह योजना केन्द्र सरकार के सूक्ष्म, लघु एवसं मध्यम उद्यम मंत्रालय यानी एमएसएमई मिनिस्ट्री द्वारा यह योजना शुरू की गयी है। यह योजना देश के सभी जिलों में लागू है और वहां के जिला उद्योग केन्द्र इस योजना को संचालित करते हैं।
जिला उद्योग केन्द्र लोन योजना का मुख्य उद्देश्य
इस योजना का मुख्य उद्देश्य देश के युवाओं की बेरोजगारी को मिटाना और उन्हें स्वरोजगार में मदद देकर उन्हें अपने पैरों पर खड़ा करना है। इससे अनेक लाभ हैं। जहां बेरोजगार युवाओं को अपना रोजगार मिलता है। वहीं वह अपने साथियों को भी रोजगार दे सकता है। इसके अलावा युवा अपना परिवार का आर्थिक स्तर एक नौकरी पेशा वाले व्यक्ति से ऊपर उठा सकता है। साथ ही वह अपने जिले,राज्य के साथ देश की आर्थिक समृद्धि में सहयोग भी कर रहा है। सरकार उद्देश्य युवाओं को आगे बढ़ाना है तथा देश को आर्थिक रूप से सबल बनाना है।
कौन ले सकता है इस योजना से लाभ
इस जिला उद्योग केन्द्र लोन योजना के तहत ऐसे युवाओं को लोन दिया जाता है जो आर्थिक रूप से कमजोर हों तथा जो अपना स्वयं का कारोबार शुरू करना चाहते हों अथवा अपने रोजगार का विस्तार करना चाहते हों। ऐसे युवाओं में से मैन्युफैक्चरिंग से जुड़े उद्यम को स्थापित करने के लिए 25 लाख रुपये तका लोन दिया जाता है तथा सर्विस सेक्टर से जुड़े युवाओं को दस लाख रुपये का लोन दिया जाता है।
कितने दिन में चुकाना होता है
किसी भी उद्यम को स्थापित करने और उसको चलाने में थोड़ा समय लगता है। चलने के बाद उससे मुनाफा निकालने और उस मुनाफे से बैंक का लोन चुकाने में भी समय लगता है। सरकार ने युवाओं को लोन देते समय इस समस्या का भी ध्यान रखा है और युवाओं को लोन चुकाने के लिए पर्याप्त समय दिया है। सरकार जिला उद्योग केन्द्र लोन स्कीम के तहत लोन लेने वाले युवाओं को लोन चुकाने के लिए सात साल का समय दिया है। यानी लोन लेने के सात साल में लोन को चुकाना होता है।
बहुत ही कम लगता है ब्याज
लोन का नाम सामने आते ही बैंकों द्वारा दिये जाने वाला लोन याद आता है। जिसमं ब्याज की काफी ऊंची दरें लगायीं जाती हैं। इन ब्याज दरों के चलते लोग लोन के नाम से ही दूर भागते हैं लेकिन जिला उद्योग केन्द्र लोन स्कीम के तहत सरकार ने इस बात का पूरा ध्यान रखा है कि स्वरोजगार अपनाने वाले युवाओं पर ब्याज का विशेष बोझ न पड़ने पाये। इसलिये सरकार इस योजना के तहत लोन लेने वाले व्यक्ति के लिए सिर्फ 4 प्रतिशत ब्याज दर तय की है। जो शायद सबसे कम ब्याज दर होगी।
योजना के प्रमुख आकर्षण
1. रोजगार के अवसर: इस योजना से युवाओं को रोजगार अवसर मिलते हैं। इसका कारण यह है कि एक युवा लेकर कोई उद्यम स्थापित करता है तो उसे चलाने के लिए अनेक कुशल व अकुशल श्रमिक सहित अनेक व्यक्तियों की आवश्यकता होती है। जो प्रशिक्षित व पढे लिखे युवा ही हो सकते हैं। इस तरह से एक व्यक्ति लोन लेकर अनेक लोगों को रोजगार दे सकता है। इस तरह से बेरोजगारी दूर करने में भी मदद मिलती है।
2. स्वरोजगार के लिए बढ़ती रुचि: यदि एक युवा इस योजना के तहत लोन लेकर अपना उद्यम स्थापित करता है और उसे चलाने में कामयाब हो जाता है तो उसको देखकर दूसरे युवा भी स्वरोजगार के लिए प्रोत्साहित होते हैं। इस तरह से देश के युवा आत्मनिर्भर बन सकते हैं।
3. औद्योगिक क्षेत्र को मिलता है लाभ: केन्द्र सरकार की इस योजना में सभी तरह के उद्योगों को शामिल किया गया है। इस योजना में सूक्ष्म, लघु या मघ्यम उद्यम हो सभी को शामिल किया गया है। इससे उद्योगों की संख्या में बढ़ोतरी होगी। इसका लाभ युवाओं को अधिक मिलेगा। अधिक उद्योग होंगे तो अधिक रोजगार भी होंगे। इन बढ़ते उद्योगों में युवाओं को प्रत्यक्ष व परोक्ष रूप से रोजगार मिल सकता है। इससे देश के युवा खुशहाल होंगे।
4. ग्रामीण उद्योग एवं हस्तशिल्प को बढ़ावा: इस योजना से जहां शहरी युवाओं को अपना रोजगार करके लाभ मिल सकता है वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में ग्रामीण क्षेत्र के उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा साथ ही ग्रामीण क्षेत्र के हस्तशिल्प को भी इस योजना से लाभ मिल सकता है। इससे क्षेत्रीय उद्यमों को भी बढ़ावा मिलेगा।
5. नये उद्योगों की संभावना बढ़ेगी: इस योजना को विस्तृत रूप से लागू किये जाने के कारण युवाओं में स्वरोजगार अपनाने की होड़ लगेगी। प्रत्येक युवा लाभ का व्यापार शुरू करना चाहेगा और वह यह नही चाहेंगा कि एक ही उद्योग में कम्पटीशन करके कम पैसा कमाया जाये। इसकी जगह पर वो नया उद्योग करना चाहेगा जो आसानी से चल सकता हो, भले ही वह किसी उद्योग का सहायक उद्योग क्यों न हो। इस तरह से नये-नये उद्योग स्थापित होने से नये नये उद्यम सामने आयेंगे।
क्या है इस योजना के लाभार्थी की पात्रता
युवाओं के लिए जिला उद्योग केन्द्र लोन स्कीम के तहत कई मापदंड निर्धारित किये गये है। मापदंड युवाओं को लोने लेने के लिए पूरे करने होते हैं। इनमें से कुछ मापदंड इस प्रकार हैं:-
- सर्वप्रथम आवेदक को भारतीय होना चाहिये।
- आवेदक की आयु 18 साल से अधिक ही होनी चाहिये।
- आवेदक को शिक्षित होना चाहिये। क्योंकि किसी उद्योग को चलाने के लिए व्यक्ति इतना तो अवश्य ही पढ़ा लिखा होना चाहिये जो हिन्दी व अंग्रेजी में लिखे हुए मजमून को पढ़ लें। उसे समझ ले तो अच्छा नहीं तो किसी की सहायता से समझ ले। इसके अलावा अपना उद्यम का हिसाब किताब स्वयं लगा ले। इन जरूरतों को देखते हुए सरकार ने आवेदक के लिए कम से कम आठवीं पास होने की शर्त रखी है।
- यह योजना मुख्यतया गरीब युवाओं के लिए है जो पैसे की तंगी के कारण अपना बिजनेस नहीं शुरू कर पाते हैं। इसलिये इस योजना से लाभ लेने वाले युवा के पास अपना खुद का बीपीएल कार्ड होना चाहिये।
- इस योजना से लाभ लेने वाले व्यक्ति के लिए सरकार ने यह भी शर्त रखी है कि जो युवा किसी योजना के तहत लोन या सब्सिडी का लाभ ले चुका है उसे इस योजना में लाभ नहीं दिया जायेगा। कहने का मतलब यह है पहले सरकारी सुविधा का लाभ प्राप्त करने वाला युवा इस योजना के लिए पात्र नहीं है।
- युवाओ को किस किस तरह के उद्योगों के लिए जिला उद्योग केन्द्र लोन स्कीम के तहत लोन मिल सकता है, इस बारे में जानकार लोगों का कहना है कि इस योजना के तहत केवल उन्हीं उद्योगों के लिए लोन मिल सकता है जो उद्योग बोर्ड, गांव उद्योग बोर्ड, हस्तशिल्प बोर्ड, हैंडलूम, रेशम व जूट उद्योग बोर्ड आदि में रजिस्टर्ड मैन्यूफैक्चरिंग या सर्विस बिजनेस हों।
आवश्यक दस्तावेज
इस योजना से लाभ लेने के इच्छुक युवाओं को अनेक सरकारी व निजी दस्तावेजों की आवश्यकता होती है। जिनके आधार पर लोन दिया जाता है। इनमें से प्रमुख दस्तावेज इस प्रकार हैं:-
1. आधार कार्ड: आपको अपना उद्योग स्थापित करने के लिए उद्योग आधार के तहत रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होता है। उद्योग आधार के रजिस्ट्रेशन के लिए आधार कार्ड का होना जरूरी है।
2. निवास प्रमाण पत्र: आवेदक के पास अपना निवास प्रमाण पत्र होना चाहिये। आवास प्रमाण पत्र में यदि आपका स्वये का मकान है तो उस मकान की रजिस्ट्री आपके नाम हो या आपके ब्लड रिलेशन वाले व्यक्ति के नाम होनी चाहिये। यदि किराये पर रहते हों तो किरायेनामा और बिजली बिल अथवा टेलीफोन बिल की कॉपी।
3. पैन कार्ड: किसी प्रकार का लोन लेने के लिए या बैंक में खाता खुलवाने के लिए पैन कार्ड का होना जरूरी होता है। इसलिये जिला उद्योग केन्द्र की लोन स्कीम के लिए भी पैन कार्ड अनिवार्य है।
4. आवेदन फार्म में लगाने के लिए आवेदक के पास लेटेस्ट पासपोर्ट साइज के फोटो अवश्य होने चाहिये।
5. बैंक पास बुक: आवेदक द्वारा लेन-देन करने के लिए बैंक में खाता होना चाहिये। इस खाता की पासबुक इस योजना के आवेदन के समय होना अति आवश्यक है।
6. प्रोजेक्ट रिपोर्ट या बिजनेस प्लान: आवेदक को इस योजना के लिए आवेदन करने से पूर्व उसे अपने बिजनेस की सारी जानकारी वाली एक प्रोजेक्ट रिपोर्ट होनी चाहिये। प्रोजेक्ट रिपोर्ट को बिजनेस प्लान भी कहते हैं। इस बिजनेस प्लान में उद्यम को शुरू करने के संस्थान, मशीनों,मानव श्रमों, बिजनेस के लिए प्रचार प्रसार, सेलिंग स्कीम, खर्च और अनुमानित आय के बारे में सारी डिटेल होनी चाहिये। आपकी प्रोजेक्ट रिपोर्ट ऐसी होनी चाहिये जिससे बैंक अधिकारी पूर्ण रूप से संतुष्ट हो जायें तभी आपको लोन मिल सकता है।
कैसे करें आवेदन
- यदि आवेदक अपने बिजनेस के लिए जिला उद्योग केन्द्र लोन स्कीम के तहत लोन लेने के इच्छुक है तो उसे सबसे पहले उद्योग आधार की आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा।
- वेबसाइट के होम पेज पर आपको अपना आधार कार्ड नंबर तथा आधार कार्ड में दर्ज अपना नाम डालना होगा। त् इसके साथ ही आपको होम पेज पर दिख रहे जनरेट ओटीपी वाले बटन पर क्लिक करना होगा।
- इसके बाद आपके आधार कार्ड से जुड़े मोबाइल नंबर पर ओटीपी आयेगा। इस ओटीपी नंबर को भर कर वैलिडेट बटन पर क्लिक करें।
- इतनी प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद आपके स्क्रीन पर आवेदन फार्म नजर आयेगा।
- इस आवेदन फार्म में आपसे आपकी व्यक्तिगत जानकारी नाम,पता, बैंक डिटेल, पैन कार्ड नंबर आदि के अलावा बिजनेस से जुड़ी जानकारी मांगी जायेगी। इन सभी को ध्यान से पढ़ने के बाद उन्हें बहुत ही सावधानी से भरना होगा।
- आवेदन फार्म भरने के बाद आपको जानकारी से जुड़े दस्तावेज की सॉफ्ट कॉपी अपलोड करनी होगी।
- इसे बाद आपको सबमिट बटन दिखेगा, उसको क्लिक करेंगे तो आपका आवेदन फार्म सबमिट हो जायेगा
- अब आपको एक एकनॉलेज नंबर के साथ एक रसीद दिखेगी। जिसको प्रिंट करा लेना चाहिये। इसका उपयोग बाद में कभी भी हो सकता है। इस तरह से आवेदन करके आप लोन प्राप्त कर सकते हें।
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2) PM Svanidhi Scheme in Hindi [पूरा पढ़ें ]
3) PM Kusum Scheme in Hindi [विस्तार से पढ़ें]
4) Udyog Aadhar in Hindi [पूरी जानकारी]
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