एक बार जब आपके पास बिज़नेस का एक बहुत ही बेहतरीन आइडिया दिमाग में आ जाता है तो आप जल्द से जल्द उसे शुरू करना चाहते हैं. अगर अपने बिज़नेस को लेकर आप सभी तरह की बुनियादी तैयारियां कर चुके हैं तो आप लगभग अपने बिज़नेस को शुरू करने के लिए तैयार हैं.
लेकिन यहां पर ध्यान देने वाली बात यह है कि भले ही आप अपने बिजनेस को लेकर सब तैयारियां कर चुके हैं लेकिन जब तक बिजनेस से जुड़े सभी लीगल जरूरत आप पूरी नहीं कर लेते हैं तो आपको बहुत ही परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. कोई भी इंसान यह नहीं चाहता है कि एक बार बिजनेस शुरू करने के बाद उसे बार-बार कानूनी प्रक्रिया से गुजरना पड़े या कोर्ट कचहरी के चक्कर लगाने पड़े. इसीलिए जरूरी है कि आप एक ही बार में अपने बिजनेस से जुड़ी सभी तरह की प्रक्रिया पूरी करें.
यहां पर हम आपको आज बताएंगे कुछ बुनियादी बातें जो बिज़नेस शुरू करते हुए आपको सभी तरह की लीगल फॉर्मेलिटीज पूरी करने में मदद करेंगी.
कंपनी का रजिस्ट्रेशन या जीएसटी नंबर
किसी भी कंपनी को शुरू करने से पहले उसका रजिस्ट्रेशन करवाना बहुत ज्यादा जरूरी है. आपने अगर अपना बिज़नेस प्लान सोच लिया है तो उसके हिसाब से अपनी कंपनी या बिज़नेस को रजिस्टर करवाने के लिए एक नाम सोच लें.
भारत में इसके लिए हमें जीएसटी नंबर लेना अनिवार्य है और यह जीएसटी नंबर ही किसी भी बिजनेस के रजिस्ट्रेशन की तरह काम करता है. यह हम ऑनलाइन या किसी भी चार्टर्ड अकाउंटेंट की मदद से कर सकते हैं. इसे रजिस्टर करने के लिए हमें कुछ डॉक्यूमेंट की जरूरत होती है आइए देखते हैं वह कौन-कौन से हैं;
-आधार कार्ड
-पैन कार्ड
-कैंसिल चेक
-बैंक स्टेटमेंट
-रेंट एग्रीमेंट
यह सब डॉक्यूमेंट देने के बाद आपकी कंपनी का नाम रजिस्टर हो जाता है. इस प्रक्रिया में बहुत ज्यादा रुपए खर्च नहीं होते हैं. ज्यादा से ज्यादा ₹2500 तक में आप यह पूरी प्रक्रिया खत्म कर सकते हैं.
1. उद्योग आधार
हम उद्योग आधार की वेबसाइट पर जाकर रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं और इस रजिस्ट्रेशन से आपके बिजनेस को भी बहुत ज्यादा फायदा हो जाता है. आगे चलकर अगर आप अपने बिजनेस के लिए किसी भी तरह का लोन लेना चाहते हैं तो उद्योग आधार नंबर के माध्यम से आपको यह लोन बहुत ही आसानी से मिल जाता है.
2. कंपनी पैन कार्ड
अगर आपकी कंपनी में 1 से ज्यादा लोग पार्टनरशिप में है तो आपको अपनी कंपनी के लिए पैन कार्ड की जरूरत होती है. पर अगर आप अकेले ही अपनी कंपनी के मालिक हैं तो आपको इसकी जरूरत नहीं पड़ती है.
3. कंपनी का बैंक अकाउंट
किसी भी बिजनेस या कंपनी का अपना एक अलग बैंक अकाउंट होता है जो करंट अकाउंट होता है यानि कि चालू खाता. आगे चलकर जिस भी तरह से लेनदेन किया जाएगा वह इसी बैंक अकाउंट के जरिए किया जाता है. इसलिए इसका होना बहुत ज़रूरी है.
4. इंश्योरेंस से जुड़ी कार्यवाही
जब आप किसी भी तरह का बिजनेस शुरू करते हैं आपको इंश्योरेंस करवाना बहुत ही जरूरी होता है.इंश्योरेंस कई तरह के हो सकते हैं, बहुत सी कंपनी अपने साथ काम करने वाले स्टाफ को भी हेल्थ आदि इंश्योरेंस देती है जो स्टाफ को अच्छी तरह से काम करने के लिए प्रेरित करती हैं. इसके अलावा आपको कंपनी का भी इंश्योरेंस करवाना जरूरी है ताकि अगर भविष्य में किसी भी तरह की अनहोनी हो तो आपको उस नुकसान की भरपाई मिल सके.
5. डिजिटल हस्ताक्षर प्रमाण पत्र
आप अपने बिजनेस के बाद किसी भी विभाग से अगर ऑनलाइन लेनदेन कर रहे हैं तो उसके लिए आपको एक डिजिटल हस्ताक्षर प्रमाणपत्र की जरूरत होती है. इसे आपको भारत सरकार के जरिए अधिकृत ऐसी विक्रेताओं के माध्यम से लेना होता है यह ऑनलाइन बिजनेस के लिए बहुत ज्यादा जरूरी है.
6. प्रोविडेंट फंड रजिस्ट्रेशन
जो लोग आपके यहां जॉब कर रहे हैं उनका रजिस्ट्रेशन यहां किया जाता है. यह एक तरह का फण्ड है जो वो अपनी सैलरी से कटवा सकते हैं और ये उन्हें बाद में मिलता है.
7. ईएससीआई रजिस्ट्रेशन
अगर आपके बिजनेस में 10 से ज्यादा लोग काम कर रहे हैं तो आपको यह रजिस्ट्रेशन करवाना पड़ता है यह रजिस्ट्रेशन करवाने के बाद आपके साथ काम करने वाले लोगों को काफी फायदे मिलते हैं जो कंपनी की तरफ से उन्हें दिए जाते हैं.
8. कोटेशन सर्विस एग्रीमेंट
कंपनी जब किसी और पार्टी से सम्पर्क करती है या बिज़नेस करती है तब हमे इसकी जरूरत पड़ती है.
9. एक्सीडेंट इंश्योरेंस और लेबर परमिट
अगर आप इस तरह का बिजनेस कर रहे हैं जहां पर आप लेबर हायर कर रहे हैं तो आपको उन्हें एक्सीडेंट के लिए इंश्योरेंस करवाना बहुत जरूरी है. साथ ही आप बिना लेबर परमिट के किसी भी व्यक्ति को लेबर पर नहीं रख सकते हैं.
10. कंपनी की वेबसाइट और ईमेल का रजिस्ट्रेशन
आपको अपनी कंपनी की वेबसाइट और ईमेल का भी आधिकारिक तौर पर रजिस्ट्रेशन करवाना जरूरी है. क्योंकि उसके बाद ही आप अपने कंपनी या बिजनेस को एक ब्रांड की तरह लोगों के सामने रख सकते हैं और उसके बाद ही आप उससे जुड़ी हुई मार्केटिंग की प्रक्रिया को आसानी से पूरा कर सकते हैं.
इसके अलावा बिजनेस के हिसाब से भी बहुत अलग तरह की डॉक्यूमेंटेशन होती है जो आपको करनी पड़ती हैं. जैसे कि अगर आपकी कंटेंट कंपनी है तो आपको डाटा प्राइवेसी के नियम का भी पालन करना पड़ता है. इसके अलावा आपको अपने ब्रांड की मार्केटिंग के लिए भी बहुत से ऐसे लीगल डॉक्यूमेंट इस्तेमाल करने होते हैं जिसके तहत रजिस्ट्रेशन करवाकर ही आप काम कर सकते हैं.
इसीलिए सलाह दी जाती है कि जब भी आप किसी भी तरह का बिजनेस शुरू करें तो उसके आधार पर एक लॉयर और चार्टर्ड अकाउंटेंट से जरूर बात करें ताकि वह आपके बिजनेस से संबंधित सभी तरह के लीगल डॉक्यूमेंट के बारे में आपको सही सलाह दे सकें. बहुत बार ऐसा होता है कि आपका बिजनेस आइडिया बहुत अच्छा होने के बावजूद भी सफलता नहीं पा सकता है क्योंकि सही तरह से लेकर प्रक्रिया पूरी ना होने के कारण आप लीगल पशुओं में ही पड़े रहते हैं
इसके अलावा आजकल रजिस्ट्रेशन आदि की प्रक्रिया को बहुत सरल कर दिया गया है ताकि स्वदेशी व्यापार को ज्यादा से ज्यादा बढ़ावा दिया जा सके बहुत ही ऐसी स्कीम शुरू की जा रही है जिसमें आप अगर अपने स्वदेशी उत्पाद ही बेचना चाहते हैं या बनाना चाहते हैं तो सरकार की तरफ से आपको बहुत मदद मिलती है .इसलिए इन सब की जानकारी होना बहुत ही जरूरी है पहले की तरह अब लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया बहुत जटिल नहीं रह गई है तो अगर आप अपना बजट शुरू करना चाहते हैं तो यह समय आपके लिए एकदम सटीक है तो दे ना करें और अभी ही अपने मीडिया को साकार करने में लग जाएं.
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