महिलाओं के विकास के बिना देश और समाज का विकास अधूरा है आज से ही नहीं बल्कि जब से मानवता की शुरुआत हुई है तब से नारी की अहम भूमिका रही है यह एक स्तम्भ की भांति सहारा देती आई है किसी भी देश और समाज का फलते - फूलते रहने का संबंध सीधा उस देश की महिलाओं से जुड़ा है महिलाओं के विकास के बिना व्यक्ति, परिवार और समाज के विकास की कल्पना भी नहीं की जा सकती। इसलिए इन सब विचारों को ध्यान में रखकर सरकार ने महिलाओं के लिए बहुत सी ऐसी नीतियों और योजनाओं से अवगत करवाया है जिनके फलस्वरूप आज महिलाएं पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है सरकार ने women entrepreneurs के लिए कुछ योजनाएं चला रखी है जिसका लाभ लेना देश की हर एक महिला का अधिकार है
महिला उधमिता (Women entrepreneurship) क्या है ?
Entrepreneurship का हिंदी में अर्थ उधमिता से है.
अगर कोई महिला अपना खुद का बिजनेस (छोटा या बड़ा) शुरू करना चाहती हैं तो सरकार उन्हें कम ब्याज दर पर ऋण देकर उन्हें कारोबार स्थापित करने में कानून मदद करती है, कि वह भी कारोबार करके अपने समाज व देश की सामाजिक स्थिति नहीं बल्कि आर्थिक स्थिति में भी अपना महत्वपूर्ण योगदान दे सकें।
इसके अतिरिक्त यदि महिलाएँ घर बैठ कर अपना कोई बिज़नस (लघु) करना चाहे तो ऐसे में सरकार ने ऐसी कई योजनाएँ चला रखी हैं जिनके तहत सरकार उन महिलाओं को आवश्यक सामग्रियों और उपकरणों की व्यवस्था करवाती है।
इस प्रकार से सरकार women entrepreneurs को अपना करियर आगे बढ़ाने व समाज में अपना अच्छा स्थान बनाने में सहायता प्रदान करती है, या हम यह कह सकते हैं कि उनके सपनों को एक नई उड़ान प्रदान करती है तो आइए अब हम यह जानने की कोशिश करते है, की वो कौन-कौन सी योजनाएं है जिनके तहत महिलाओं को सरकार द्वारा सीधा लाभ दिया जाता है।
1. ओरिएंटल महिला विकास योजना ( Oriental Mahila Vikas Yojana Scheme )
इस योजना में सरकार महिलाओं को कारोबार शुरू करने के लिए कम ब्याज दर पर लोन उपलब्ध करवाती है।
इस योजना के तहत ओरिएंटल बैंक ओफ़ कॉमर्स द्वारा उन महिलाओं को लोन दिया जाता है, जो व्यक्तिगत रूप से या फिर संयुक्त रूप से एक मालिकाना चिंता के चलते 51% शेयर पूँजी रखती हैं।इस योजना को एक अमेरिकी योजना के तर्ज़ पर लॉंच किया गया है।
इस योजना के तहत महिला उद्यमी को लघु उद्योगों के लिए 10 लाख से लेकर 25 लाख तक का ऋण दिया जाता है।इस योजना में महिला को बिना कोई सुरक्षित अर्थात् बिना कोई वस्तु गिरवी रखकर भी लोन प्रदान किया जा सकता है।
हालांकि, इस ऋण को लेने के लिए किसी भी प्रकार के गारेंटेर की आवश्यकता नहीं होती हैं। महिला उद्यमी अपने ऋण का पुर्नभुगतान 7 वर्ष की अवधि के दौरान कर सकती है।इसके तहत 2% ऋण ब्याज दर की महिला entrepreneur को रियायत भी दी जाती हैं।
2. उद्योगिनी योजना ( Udyogini Scheme )
इस योजना में महज 18 वर्ष की महिला से लेकर वयस्क महिला को सरकार द्वारा सहायता प्रदान की जाती है।
इस योजना के तहत 18 से 45 वर्ष उम्र की महिलाओं को व्यवसाय, कृषि, खुदरा और छोटे उद्यमी क्षेत्र में काम करने के लिए एक लाख रुपये तक ऋण दिया जाता है।
यदि कोई महिला घर पर रहकर कोई लघु कारोबार (जैसे निम्न कृषि) करना चाहती है तो उसे इस योजना के तहत उत्तम लाभ दिया जाता है।
इसके लिए कुछ पैरामीटर भी तय किये गए है जैसे यदि अगर महिला उद्यमी के परिवार की वार्षिक आय 45000 से कम है, तभी वह इस योजना के द्वारा ऋण ले सकते हैं। इसमें एससी और एसटी श्रेणियों की विधवा, निराशत्र या विकलांग महिलाओं को 10 हजार तक के ऋण पर 30% की सब्सिडी भी प्रदान की जाती है।
तो यह योजना उन महिलाओं के लिए अत्यंत लाभदायक है जो कृषि व अन्य छोटे क्षेत्रों में अपना व्यापार शुरू करना चाहती है।
3. मुद्रा योजना ( Mudra Yojana Scheme )
इस योजना के तहत कारोबार छोटे उद्यमों से शुरू करने वाली महिलाओं को लोन दिया जाता है,
तथा इस योजना के तहत अधिकांश महिलाएँ अपने कारोबार को सुचारू रूप से एक बड़े पैमाने पर चला रही है तथा देश की आर्थिक स्थिति में अपना अच्छा योगदान दे रही है।
इसमें ट्यूशन सेंटर(education sector),टेलरिंग यूनिट या फिर आज के युग मे महिलाओं के बीच अत्यधिक रूप से चर्चित व्यापार जैसे ब्यूटी पार्लर भी इसमे शामिल है।
ऋण प्रदान करते समय आपको एक मुद्रा कार्ड भी दिया जाएगा और यह मुद्रा कार्ड आपके क्रेडिट कार्ड के समान ही कार्य करेगा और इस पर ऋण राशि के 10% तक सीमित धनराशि जमा होगी।
इस योजना के तहत नवजात शिशु जिसमें लोन की राशि 50000 तक सीमित हैं। वहीं,
किशोर में ऋण राशि 50000 से लेकर 5 लाख रुपए के बीच दिया जाता है। तरुण में ऋण राशि की राशि 10 लाख होती है।
इस प्रकार मुद्रा योजना भी महिलाओं के लिए एक संजीवनी बूटी के समान है तो इसलिए महिलाओं को इस योजना का लाभ भी उठाना चाहिए।
4. अन्नपूर्णा योजना ( Annapurna Scheme )
यह योजना उन महिलाओं के लिए अत्यधिक लाभकारी है जो खाद्य सामग्री से सम्बंधित अपना कारोबार शुरू करना चाहती ह तथा उसमें आगे बढ़ना चाहती है।
अन्नपूर्णा योजना के तहत वे महिला उद्यमी को लाभ प्रदान किया जाता है जो पैक किए गए भोजन, नाश्ते आदि खाद्य वस्तुओं की अच्छी मात्रा में बिक्री करने के लिए खाद्य खानपान उद्योग स्थापित करना चाहती हैं।
इस योजना के भीतर स्टेट बैंक ओफ़ मैसूर द्वारा महिला उद्यमियों को 50 हजार रुपये का लोन दिया जाता है। तथा इस लोन को महिलाएँ निर्धारित व सीमित 36 महीनों के समय मे मासिक किस्तों पर भुगतान कर सकती है।
यह ऋण महिला उद्यमी की प्राथमिक जरूरतों को पूर्ण करने के लिए दिया जाएगा, यानी कि घरेलू समान जैसे सभी प्रकार के बर्तन और अन्य उपकरणों को खरीदने के लिए।
5. देना शक्ति योजना ( Dena Shakti Scheme )
अगर महिला entrepreneur किसी भी प्रकार की उत्तम कृषि, कोई विनिर्माण ,कोई छोटा लोन, खुदरा स्टोर या फिर सूक्ष्म उद्यमों के क्षेत्र में अपना व्यवसाय बढ़ाना चाहती हैं और जिन्हें आर्थिक सहायता की आवश्यकता होती हैं। तो ऐसे में उन महिलाओं को देना शक्ति योजना के तहत ऋण प्रदान किया जाता है।
महिला उद्यमी को खुदरा व्यापार के लिए इस योजना के तहत अधिकतम ऋण राशि 20 लाख दी जाती है, वो भी एक बहुत निम्न ब्याज दर पर दी जाती है, तथा वह ब्याज दर जीरो प्वाइंट 25% के रूप में ली जाती हैं।
ऋण में प्रदान की गई बैंक द्वारा इस राशि को महिला उद्यमी किस्तों के मासिक भुगतान के द्वारा बड़ी ही आसानी से चुका सकती हैं।
6. सेंट कल्याणी योजना ( Cent Kalyani Scheme )
अगर कोई महिला अपना नया बिजनेस शुरू करना चाहती हैं या फिर उसे संशोधित करना चाहती हैं, तो ऐसी स्थिति में उस महिला को सेंट्रल बैंक ओफ़ इंडिया के द्वारा ऋण की डीएचएस योजना का लाभ दिया जाता है।
इस योजना के तहत यह ऋण उन महिला उद्यमियों द्वारा लिया जा सकता है छोटे गाँवों से सम्बंधित होती है, लघु और मध्यम उद्योगों, स्वरोजगार, कृषि खुदरा व्यापार जैसे व्यवसायिक उद्यमों में शामिल होती हैं।
इस योजना की सबसे खास बात यह है कि इसी योजना के तहत महिला उद्यमी को ऋण लेते समय किसी भी गारंटर की आवश्यकता नहीं पड़ती हैं या किसी भी वस्तु को गिरवी नही रखना पड़ता , और इस योजना के तहत दी जाने वाले अधिकतम ऋण राशि 1 लाख हैं।
तो यह योजना महिलाओं के लिए सरकार द्वारा दी जाने वाली सभी योजनाओं में से सबसे महत्वपूर्ण और लाभकारी योजना मेंसे एक है।
7. महिला उद्यम निधि योजना ( Mahila Udyam Nidhi Scheme )
इस योजना में महिलाओं की सहायता के लिए पंजाब नेशनल बैंक ने अपने कदम आगे बढ़ाए है और सही मायनों में मदद भी की है।
महिला उद्यम निधि योजना को पंजाब नेशनल बैंक द्वारा शुरू किया गया है। इस योजना का उद्देश्य लघु उद्योग में शामिल महिला उद्यमों को ऋण दिया जाता है।
लोन की राशि को चुकाने के लिए महिला entrepreneur को एक अच्छा और पर्याप्त समय दिया जाता है जिसके तहत महिला entrepreneur 10 वर्षों की अवधि में बड़ी ही आसानी से इस लोन को चुका सकती है।
इस योजना में इसके अतिरिक्त और भी बहुत से fields में लोन दिया जाता है जैसे ब्यूटी पार्लर, डे केयर सेंटर, ऑटो रिक्शा समेत अलग-अलग ऋण योजनाएँ भी शामिल है।
इसी योजना के तहत दी जाने वाली अधिकतम ऋण राशि 10 लाख रुपये हैं।
तो इस प्रकार से हमने देखा कि सरकार ने कितनी लाभकारी योजनाएँ महिलाओं के लिए देश मे चला रखी है जिसकी मदद से महिला entrepreneur को अपना बिज़्नेस शुरू करने के लिए अर्थिक मदद मिलती है।
केवल इतना ही नही बल्कि नारी सशक्तिकरण के लिए भारत सरकार ने ओर भी कई योजनाओं को लागू किया गया है जिनके तहत महिलाओं समाज मे एक अलग पहचान मिल रही है जैसे बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, सुकन्या योजना आदि के।
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