व्यापार के लेन-देन में घट-बढ़ यानी ऊंच-नीच तो होती रहती है। अचानक कई सारे आर्थिक संकटों के आ जाने से व्यापारी लड़खड़ा जाता है, उसे समझ में नही आता है कि वो क्या करें और क्या ना करे, किसका बकाया चुकाये और किसका बकाया नहीं चुकाये। इन सब बातों का मार्केट में व्यापारी के क्रेडिट पर बुरा असर पड़ता है। कोई भी व्यक्ति व्यापारी की मजबूरी को नहीं समझता है। वो तो यही जानता है कि ये व्यापारी जानबूझ कर बकाया देना नहीं चाहता है। इन परिस्थितियों में व्यापारी की बाजार में साख खराब हो जाती है जिसे हम आज की भाषा में बैड क्रेडिट कहते हैं। इसका मतलब यह होता है कि मार्केट में उस पर वित्तीय मददगार संगठन उस पर विश्वास नहीं कर सकते हैं। ऐसी स्थिति में यदि व्यापारी को अपने छोटे-मोटे व्यापार को चलाने के लिए लोन चाहिये तो क्या करना होगा ?
लोन लेने से पहले विचार करें
व्यापारी को सबसे पहले इस बात पर विचार करना चाहिये कि उसे अपने बिजनेस को शुरू करने के लिए कम से कम कितना धन चाहिये। यानी उसे एक बजट बना लेना चाहिये कि वह कम से कम इतनी राशि में अपना बिजनेस आसानी से चला सकता है। यह विचार इसलिये करना चाहिये क्योंकि उसे इतना तो अनुमान होगा कि बिजनेस को शुरू करने के लिए कम से कम कितनी पूंजी उधार ली जाये, जिसको वह समय से अदा कर पायेगा। इसलिये इस मुद्दे परअच्छी तरह से विचार कर लें क्योंकि आपको मार्केट में अपनी खराब साख को भी सुधारना है। इसलिये आप जो मार्केट से पूंजी उठायें उसका समय पर भुगतान भी करने की सोचें तभी आपकी क्रेडिट मार्केट में सुधर पायेगी। एक बार अपनी क्रेडिट सुधारने में आप कामयाब हो गये तो आपको भविष्य में फिर कोई परेशानी नहीं होने वाली।
खराब समय को अच्छे समय में यूं बदलें
जब क्रेडिट खराब हो जाये तो आपको छोटे-छोटे, लेन-देन करने चाहिये जो आपके वश में हों। इन छोटे-मोटे लेन-देन सही समय पर सही तरीके से करने से आपके बारे में मार्केट में लोगों के बीच एक संदेश जायेगा कि फलां व्यक्ति अब सुधरने की कोशिश कर रहा है। मार्केट में और खासकर उन लोगों के मन में यह विचार अवश्य आयेगा कि हो सकता है कि व्यापार लड़खड़ाने की वजह से इस व्यापारी ने लोगों का बकाया न दे पाया हो, मगर वास्तव में वो व्यापारी इतना खराब नहीं है। इससे आपकी क्रेडिट में सुधार आना शुरू हो जायेगा। इसके बाद धीरे-धीरे अपनी उधार लेने की सीमा को आगे बढ़ा सकते हैं। इस तरह से आप अपने खराब समय को अच्छे समय में भी बदल सकते हैं।
बिजनेस लोन लेना आसान नहीं पर असंभव भी नहीं
जब आपकी क्रेडिट खराब हो तो विशेषकर स्माल बिजनेस वालों के लिए मार्केट से बिजनेस लोन लेना आसान काम नहीं होता है। लेकिन यह काम असंभव भी नहीं होता है। इसके लिए आपको परेशान होने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि कुछ आपको ऐसे खास कदम उठाने होंगे, जिससे आप खराब क्रेडिट के बावजूद भी बिजनेस लोन आसानी से ले सकते हैं या अपने लिए फंडिंग कर सकते हैं। आपको बस इतना सा काम करना है कि आप ऋणदाताओं को पक्का विश्वास दिलाना है कि आप उनके पैसे मारेंगे नहीं बल्कि हर सूरत में आगे-पीछे अवश्य दे देंगे। इतना सा काम आपको अपने बिजनेस के लिए लोन दिलाने का बहुत बड़ी सहायता करेगा।
खराब क्रेडिट में बिजनेस लोन लेने के लिए आपको कौन-कौन से कदम उठाने हैं, उनमें से कुछ आवश्यक एवं खास कदम इस प्रकार है:-
1. अपनी साख यानी क्रेडिट को सुधारने की कोशिश करें
जब आप अपने बिजनेस के प्रति गंभीर हो जायें और उसको बचाने के बारे में गंभीरता से सोचने लगें । उसी समय से आपको अपने बैड क्रेडिट को सुधारने की कोशिश शुरू कर देनी चाहिये।
सबसे पहले तो आपको वो सारे काम करना चाहिये, जिनके बारे में आप जानते हैं कि उन सभी कामों को करने से आपकी क्रेडिट में सुधार आ सकता है। यानी आप अपनी जानकारी के अनुसार अपने आप को बदलने की कोशिश शुरू कर दें।
पहले तो आपको अपने गिरते क्रेडिट स्कोर को रोकना होगा। उसके बार इस स्कोर को बढ़ाने के लिए भी प्रयास शुरू करने होंगे।
इसका परिणाम यह होता है कि मार्केट में आपके बारे में एक अच्छा सा संदेश जाता है कि आप बकाया चुकाने के प्रति गंभीर प्रयास कर रहे हैं । इससे उधार देने वालों के बीच आपकी यह छवि बनती है कि आप किसी का बकाया पैसा मारना नहीं चाहते हैं बल्कि पुराने बकाये को चुकाने के लिये भी काम कर रहे हैं। इससे आपको अपनी खराब क्रेडिट को सुधारने में काफी मदद मिलेगी।
हालांकि क्रेडिट को सुधारना आसान काम नहीं है क्योंकि खराब आर्थिक स्थिति के कारण ही आपकी क्रेडिट का स्कोर बिगड़ा है अथवा खराब प्रबंधन के कारण क्रेडिट का स्कोर बिगड़ा है । दोनों ही स्थितियों में आपको अपनी बिगड़ी क्रेडिट को सुधारने में वक्त लगेगा लेकिन आप निराश न हों। आपको जब यह लगे कि क्रेडिट खराब हो गयी है और मार्केट से बिजनेस लोन लेने में दिक्कत आने वाली है। तभी से आप अपने पुराने रवैये को तत्काल बदलें और कुछ ऐसे कदम उठाये ताकि लोगों को यह लगने लगें कि आप बकाये को चुकाने के लिए गंभीरता से जुट गये हैं। जैसे छोटे-छोटे पेमेंट चुकाने लगें।
क्रेडिट सुधारने के साथ ही आपको अपने पुराने दिनों को याद करना चाहिये जिससे आपकी क्रेडिट को दाग लगा है। ये दाग किन कारणों या किस खराब प्रबंधन से लगा है, उस पर गंभीरता से विचार करना चाहिये। जब सारी स्थिति स्पष्ट हो जाये तो उससे सबक लेते हुए उन खराब प्रबंधन वाले कदमों में सुधार करते हुए आगे बढ़े आपकी खराब क्रेडिट में सुधार आ जायेगा और आपको आसानी से बिजनेस लोन भी मिल जायेगा।
2. ऋणदाताओं को किस तरह से विश्वास में लें
ऋणदाता भी मार्केट मेंं लाभ कमाने के लिए बैठा है। उसे भी किसी ऐसे व्यक्ति की तलाश रहती है जो उससे पैसे लेकर बदले में उसे ब्याज के रूप में लाभ दे। इसलिये खराब क्रेडिट वाले व्यापारी को इन ऋणदाताओं का विश्वास जीतना होगा। क्योंकि कोई भी ऋणदाता ऐसे व्यक्ति को पैसा नहीं देना चाहेगा जिसके पास कोई अच्छी बैकग्राउंड न हो, जिससे पैसे और उसका ब्याज आदि मिलने की कोई गारंटी न हो। पैसे वापसी के समय में परेशान करने वाले व्यक्ति से भी ऋणदाता दूरी बनाये रखना पसंद करते हैं क्योंकि उनका विचार यह होता है कि पहले तो पैसे दो और उसके बाद पैसे निकालने के लिए समय और श्रम अतिरिक्त खर्च करो। इसके बाद भी यदि उसने पैसे न दिये तो वाद-विवाद की संभावना बढ़ जाती है। इससे इन विवादों का झंझट कोई मोल नहीं लेना चाहता है।
इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए आपको अपने ऋणदाताओं का विश्वास जीतना होगा। आपका चाहे कितना भी क्रेडिट खराब हो उसकी चिंता नही करनी चाहिये लेकिन इतनी तो साख होनी चाहिये कि आप ऋणदाताओं का पैसा मारेंगे तो नहीं। उनका पैसा भले ही देर-सबेर मिल जायेगा लेकिन पूरे सूद-ब्याज समेत मिल जायेगा। जब इस तरह का ऋणदाताओं को विश्वास हो जायेगा तो आपको कोई भी उधार देने से मना नहीं करेगा। आपको चाहिये कि आप अपने बड़े बकाये को ऋणदाताओं को छोटा-छोटा लेकिन समय पर भुगतान करना शुरू कर दें। इससे उन्हें लगे कि उनका पैसा डूबने वाला नहीं है। मिल रहा है भले ही धीरे-धीरे मिल रहा है। इसका सीधा सा मतलब यह है ऋणदाता यह समझेंगे कि उनका खुद का पैसा आपके पास सुरक्षित है।
हालांकि एक बार पटरी से गाड़ी उतर जाये तो उसको फिर से पटरी पर लाने का काम बहुत ही मुश्किल काम है लेकिन असंभव भी नहीं है। उसके लिए आपको गंभीरता से प्रयास करने होंगे और ऋणदाताओं से बिजनेस लोन के लिए मिलने से पहले आपको अपना होमवर्क भी करना होगा। आपको अपना पिछला डेटा रखना होगा कि आपने किस तरह से पैसा चुकाया है, कभी अच्छी तरह से पैसा चुकाया है तो कभी खराब तरह से पैसा चुकाया है और पैसा चुकाने में आये उतार-चढ़ाव की सारी डिटेल अपने पास रखनी होगी। आप जब अपनी सारी स्थिति अपने ऋणदाता से साझा करेंगे तो वह आप पर विश्वास कर लेगा साथ ही वो ये योजना बना लेगा कि आपसे किस तरह से लाभ कमाया जा सकता है। उसके बाद आपको वो आसानी से बिजनेस लोन दे देगा।
3. जोखिम के मूल्यांकन की तैयारी करें
कोई भी ऋणदाता बड़ी कंपनियों को आसानी से ऋण देने को तैयार रहता है, जबकि छोटे बिजनेस वालों से हमेशा परहेज करता रहता है। इसके दो कारण है बड़ी कंपनियों के भुगतान रिकार्ड अच्छे होते हैं और उनकी बैकग्राउंड भी अच्छी होती है तथा उनका क्रेडिट स्कोर भी अपडाउन होता रहता है। उन पर खराब क्रेडिट की मुहर जल्दी नहीं लगती है। इसके अलावा ऋणदाताओं को बड़ी कंपनी को दिये जाने वाले बड़े लोन से लाभ भी अधिक मिलता है। इसलिए वे बड़ी कंपनी की ओर अधिकांशत: मुखातिब होते रहते हैं जबकि छोटे बिजनेस मैन के साथ यह दिक्कत होती है कि ऋणदाताओं को यह भरोसा नहीं होता है कि ये किस प्रकार से अपना बिजनेस चलायेंगे और किस तरह से उनका पैसा और उनका लाभ देंगे।
आपको ऋणदाताओं की इन भावनाओं व संभावित विचारों को ध्यान में रखते हुए तैयारी करनी होगी। आपको अपने बिजनेस के चलाने और उससे होने वाले फायदे के बारे में सारी डिटेल एकत्रित करनी होगी। इसके साथ ही आपको ऋणदाताओं के तमाम सवालों के जवाबों के बारे में अपने दस्तावेज तैयार करने होंगे, जिससे उनको यह अच्छी तरह से विश्वास हो जाये कि ये बिजनेस मैन वास्तव में अपने बिजनेस के प्रति गंभीर है और यह बिजनेस अवश्य चलेगा और इससे अच्छी आय भी होगी। इस आय से हमारा पैसा और उस पर मिलने वाला लाभ भी वापस मिल सकता है। यदि आप ऋणदाता को अपने बिजनेस के प्रॉफिट आदि के बारे में अच्छी तरह से समझा पाये तो आपका काम आसान हो जायेगा और आपको बिजनेस लोन मिलने कोई परेशानी या समस्या नहीं आयेगी।
4. ऋणदाताओं और ऋण के बारे में खोजबीन करें
जिस प्रकार से ऋणदाता बड़ी-छोटी कंपनियों, अच्छे-खराब क्रेडिट स्कोर, अच्छी-खराब बैकग्राउंड आदि को देखकर अच्छे ऋण लेने वालों को तलाशते रहते हैं उसी प्रकार से खराब क्रेडिट स्कोर वाले स्माल बिजनेस मैन को भी चाहिये कि अच्छे-खराब ऋणदाताओं में से अच्छे ऋणदाता की खोज करे । ऐसा कभी नहीं करना चाहिये कि लोन लेने के लिए पहले ऋणदाता से सम्पर्क किया और उसी से ऋण लेने का वायदा भी कर दिया और उसकी शर्तों पर ऋण ले लिया। इससे आपको नुकसान भी हो सकता है। इसके साथ ही आपको मार्केट में चल रहे तमाम तरह के ऋणों के बारे में भी छानबीन करनी चाहिये और जो ऋण आपके बिजनेस के लिए सबसे अच्छा साबित हो, उसे ही लेने की कोशिश करनी चाहिये।
सबसे पहले आप मार्केट में चल रहे ऋणों के बारे में जानेंगे तो अच्छा रहेगा।
1. स्माल स्केल के बिजनेस के लिए एसबीए लोन बहुत ज्यादा लोकप्रिय है। स्माल बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन यानी लघु व्यवसाय प्रशासन द्वारा यह ऋण दिया जाता है।
2. वैकल्पिक वित्तीय ऋण: इस तरह के ऋण बैंकों के ऋणों के अलावा होते हैं। इसमें आप कैश एडवांस यानी नकद अग्रिम, क्राउड फंडिंग यानी समूह में वित्तीय व्यवस्था के अलावा अन्य गैर बैंकिंग फंड भी प्राप्त कर सकते हैं।
3. इक्विपेंट फाइनेंस: जैसा इसका नाम है वैसा ही इसका काम है। आप अपने बिजनेस के लिए आवश्यक इक्विपेंट यानी उपकरणों की खरीद के लिए ऋण ले सकते हैं। यह ऋण आसानी से मिल जाता है।
4. लांग टर्म लोन यानी लम्बी अवधि वाले ऋण: इस तरह के ऋण बड़ी धनराशि वाले ऋण होते हैं जिनको लम्बी अवधि में चुकाया जाता है। इनकी व्याज की दर कम होती है। व्यापारी इस तरह के ऋण लेना पसंद करते हैं।
5. शॉर्ट टर्म लोन यानी छोटी या कम अवधि वाले ऋण: इस तरह के ऋण कम समय में चुकाने वाले होते हैं। इनकी ब्याज दर अधिक होती है। इस तरह के ऋण आवश्यक काम के लिए हासिल किये जाते हैं। कोई बड़ी चीज खरीदने अथवा बिजनेस को रफ्तार देने के लिए ही इस तरह के ऋणों को लिया जाता है।
इसके बाद आप ऋणदाता के बारे में खोज करें। मार्केट में अनेक ऋणदाताओं की डिटेल हासिल करें और उस पर विचार करें कि आपके बिजनेस के लिए कौन सा ऋणदाता सबसे अधिक लाभ देने वाला साबित हो सकता है।
ऋणदाताओं के पिछले रिकार्ड, पैसे देने के तरीके और पैसे लेने के तरीके का अच्छी तरह से अध्ययन करें। ऋणदाताओं की विशेषज्ञता, प्रतिष्ठा व शर्तों का भी अच्छी तरह से मंथन करें। उसके बाद ही ऋण लेने का फैसला करें। इससे आपको काफी लाभ होगा।
5. ऋण लेने से पहले कुछ बचत करें
कुछ लोग सोचते हैं कि किसी बिजनेस को शुरू करने के लिए ऋण स्वीकृत होना सबसे मुश्किल काम है,जबकि ये सच नहीं है। सच तो यह है कि बिजनेस शुरू करने के बाद लिये गये ऋण को चुकाना सबसे कठिन काम है क्योंकि शुरू-शुरू में कई महीनों तक बिजनेस से आपको कोई गारंटी वाला लाभ तो मिलने वाला नहीं है, जिससे आप अपना कोई निश्चित खर्च कर लें। आपको उस अवधि में लिये गये ऋण का भुगतान तो करना होगा। इस बात को गंभीरता से विचार करके उसकी भी योजना बनानी होगी। आपको एक ऐसा भी इमरजेंसी फंड बनाना होगा जो आपको इस तरह के समय में आपकी मदद करे। यानी आपको बिजनेस से लाभ मिले या नहीं लेकिन ऋण की किश्त चुकाने के लिए आपके पास पर्याप्त धन हो। क्योंकि अधिकांश ऋणदाता ऐसे लोगों को पैसा देना चाहते हैं जो अपने ऋणों का भुगतान करने में सक्षम हों। इसलिये आपके पास यदि रिजर्व फंड होगा तो आप आसानी से अपने ऋण का भुगतान कर सकेंगे। इसको देखकर कोई भी ऋणदाता आपको ऋण देने के लिए तैयार हो जायेगा। इस रिजर्व फंड को दिखाकर आप ऋणदाता को संतुष्ट कर सकते हैं कि आपके ऋण का भुगतान हम आसानी से कर सकते हैं। अगर कोई बाधा आती है तो हम इस रिजर्व फंड से आपका ऋण चुका सकते हैं। इस तरह से आप अपना क्रेडिट स्कोर बढ़ा सकते हैं।
6. अच्छे नेटवर्क बनायें
आपको ऋणदाताओं और बैंकों के बीच अपना अच्छा नेटवर्क बनाना चाहिये। उनसे संबंध अच्छे बना कर ऋण संबंधी आकर्षक योजनाओं की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। अच्छे संबंध बनाने से आपको ऋणदाताओं और बैंकों से अनेक तरह के लाभ मिल सकते हैं। यदि आपके संबंध ऋणदाताओं से अच्छे बनायेंगे तो वे आपको ऋण के अच्छे-अच्छे आफर और अच्छी लाभ वाली योजनाओं की जानकारी दे सकते हैं। इससे आपको बिजनेस लोन लेने में बहुत मदद मिलेगी। आपका नेटवर्क जितना अच्छा होगा और आपके ऋण देने वालों से जितने अच्छे संबंध होंगे आपको उतना ही अधिक लाभ मिलेगा। आप आसानी से ऋणदाताओं में सबसे अधिक लाभ देने वाले ऋणदाता का भी चयन कर सकते हैं। उस ऋणदाता द्वारा बतायी गयीं ऋण योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ आप अपने बिजनेस में ले सकते हैं। इस तरह से आपको मार्केट में ऐसे भी ऋणदाता मिल जायेंगे जो आपके खराब क्रेडिट स्कोर के बावजूद भी ऋण देने को तैयार होंगे। इसके बाद आप अपना बिजनेस चला कर अपनी क्रेडिट को सुधार सकते हैं। एक बार फिर मार्केट में अपने बिजनेस को स्थापित कर सकते है।
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