Trademark kya hai है और कैसे किया जाता है इसका रजिस्ट्रेशन?

. 1 min read
Trademark kya hai है और कैसे किया जाता है इसका रजिस्ट्रेशन?

जब आप मार्केट में जाते हैं और किसी प्रोडक्ट की खरीदारी करते हैं तो उस प्रोडक्ट की सही पहचान करने के लिए उसके ट्रेडमार्क को देखते हैं। ट्रेडमार्क के जरिए हम चेक करते हैं कि यह कौन सी कंपनी का प्रोडक्ट है। दरअसल, मार्केट में ऐसी बहुत सी फर्जी कंपनियां होती हैं जो हमें नकली प्रोडक्ट दे देती है। इतना ही नहीं बल्कि सही जानकारी न होने कारण कई लोग तो आसानी से इन प्रोडक्ट को खरीद भी लेते हैं, क्योंकि वह नकली और असली सामान में फर्क नहीं कर पाते हैं। इस तरह की फर्जी कंपनियों के नकली प्रोडक्ट से ग्राहक  को बचाया जा सके इसके लिए ही ट्रेडमार्क कानून को शुरू किया गया है। आज हम आपको इस लेख के माध्यम से बताने जा रहे हैं ट्रेडमार्क क्या है? इसका रजिस्ट्रेशन कैसे किया जाता है? और रजिस्ट्रेशन करवाने के क्या फायदे होते हैं? तो आइए जानते हैं ट्रेडमार्क की पूरी जानकारी।

Trademark kya hai | क्या है ट्रेडमार्क?

ट्रेडमार्क की पूरी जानकारी देने के पहले हम ट्रेडमार्क शब्द का अर्थ जान लेते हैं। दरअसल, ट्रेडमार्क किसी कंपनी का ब्रांड या लोगो होता है जो कंपनी की सही रूप से पहचान कराता है। जब किसी प्रोडक्ट की पहचान विशिष्ट हो जाती है तो ऐसी स्थिति में वही पहचान उस कंपनी का ब्रांड बन जाता है। इतना ही नहीं बल्कि यही ब्रांड उस कंपनी को मार्केट में सही पहचान दिलाता है और उसकी वैल्यू बढ़ाता है। बता दें, जिला व्यापार कार्यालय में ट्रेडमार्क रजिस्ट्रेशन किया जाता है। इस दौरान आपको कुछ कानूनी प्रक्रिया का पालन करना होता है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, किसी भी कंपनी का ट्रेडमार्क रजिस्ट्रेशन करवाना जरूरी होता है क्योंकि बिना ट्रेडमार्क रजिस्ट्रेशन के आप किसी भी उत्पाद को मार्केट में नहीं बेच सकते हैं। यदि कोई व्यक्ति ऐसा करता है तो वह व्यक्ति अपराध की श्रेणी में आता है। बता दें, एक कंपनी का ट्रेडमार्क का इस्तेमाल अन्य कंपनी भी नहीं कर सकती। यह भी एक अपराध माना गया है।

क्यों जरूरी होता है ट्रेडमार्क?

जैसा कि हमने पहले भी बताया है कि, ट्रेडमार्क के जरिए ही मार्केट में एक कंपनी की पहचान होती है। यदि कोई व्यक्ति मशहूर ब्रांड की खरीदारी करता है और अगर उसमें उसे किसी तरह की कमी महसूस हो रही है तो वह तुरंत प्रोडक्ट के ट्रेडमार्क को चेक कर सकता है और उस कंपनी का सही प्रोडक्ट खरीद सकता है। बता दें कि, ट्रेडमार्क एक तरीके से बौद्धिक संपदा का अधिकार है। ट्रेडमार्क को विशेष लोगो, चिन्ह या फिर किसी विशेष नाम के रूप में तैयार किया जाता है और कंपनी जब अपने प्रोडक्ट बनाती है तो सभी उत्पादों पर अपने द्वारा चुने गए ट्रेडमार्क का इस्तेमाल कर सकती है।

उदाहरण के तौर पर यदि सुपरस्टार अमिताभ बच्चन ने अपने नाम का BIG B ट्रेडमार्क करवाया है। ऐसे में कोई भी अन्य व्यक्ति या कंपनी BIG B ट्रेडमार्क का उपयोग अपने व्यवसायिक फायदे के लिए अमिताभ बच्चन की जानकारी के बिना नहीं कर सकता और यदि ऐसा करता है तो उसके ऊपर कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।

क्या है ट्रेडमार्क में पेटेंट?

पेटेंट का अर्थ है ट्रेडमार्क पाने का एक आईडिया। इस आइडिया को रजिस्टर करवाने की प्रक्रिया को ही पैटेंट कहा गया है। ऐसा करवाने से आपको यह मूल रूप से अधिकार मिल जाता है कि आपके ट्रेडमार्क को कोई अन्य कंपनी या संस्था कॉपी ना कर पाए। यदि कोई ऐसा व्यक्ति जो आपके ट्रेडमार्क को कॉपी करता है तो उसे अपराध माना जाएगा।

पेटेंट और कॉपीराइट में क्या होता है अंतर?

बता दें, कॉपीराइट एक बौद्धिक संपदा है। यह ट्रेडमार्क से बहुत अलग होता है। यह कंपनी के लोगो, मोटो और अन्य ब्रांडों के नाम इत्यादि की पहचान करवाता है और इसके जरिए आप अपनी कंपनी को सुरक्षित रख सकते हैं। जबकि पेटेंट आपके द्वारा किए गए आविष्कारों की रक्षा करता है।

कैसे करें ट्रेडमार्क रजिस्ट्रेशन के लिए अप्लाई?

बता दें, ट्रेडमार्क का रजिस्ट्रेशन ऑनलाइन या ऑफलाइन दोनों ही तरीकों से करवा सकते हैं। ऑनलाइन करवाने के लिए आप ट्रेडमार्क की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर अप्लाई कर सकते हैं। ऐसा करने के लिए आप मार्केट के किसी ऑनलाइन पोर्टल पर जाकर ट्रेडमार्क रजिस्ट्रशन का फॉर्म भर सकते हैं। इसके अलावा आप चाहे तो ट्रेडमार्क रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए ‘रजिस्टर ऑफ ट्रेडमार्क’ के ऑफिस भी जा सकते हैं। ट्रेडमार्क रजिस्ट्रेशन 'कंट्रोलर जनरल ऑफ पैटर्न डिजाइन एवं ट्रेडमार्क' के जरिए किया जा सकता है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, ट्रेडमार्क रजिस्ट्रेशन की पूरी प्रक्रिया में करीब डेढ़ से 2 साल तक का समय लगता है। इस बीच यदि रजिस्ट्रेशन फॉर्म में किसी प्रकार की त्रुटि होती है तो ट्रेडमार्क ऑफिस आपके फॉर्म को रिजेक्ट भी कर देता है। इसके बाद आपको दोबारा रजिस्ट्रेशन फॉर्म भरना होगा।

document management concept with icons on virtual screen

ट्रेडमार्क रजिस्ट्रेशन के लिए महत्वपूर्ण दस्तावेज

बता दें, ट्रेडमार्क रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए अलग-अलग कंपनियों के ओनरशिप के अनुसार अलग-अलग दस्तावेज लगते हैं। आप नीचे दी गई लिस्ट में कंपनियों के अनुसार लगने वाले डॉक्युमेंट्स देख सकते हैं।

1. पर्सनल ट्रेडमार्क के लिए

यदि आप ट्रेडमार्क का पंजीकरण एक व्यक्ति के रूप में दर्ज करा रहे हैं तो आपको इन जरूरी डॉक्यूमेंट की आवश्यकता होगी।

  • पासपोर्ट
  • पेन कार्ड
  • आधार कार्ड
  • ट्रेडमार्क प्रश्नावली
  • पावर ऑफ अटार्नी

2. प्राइवेट लिमिटेड ट्रेडमार्क के लिए

  • पावर ऑफ अटॉर्नी
  • ट्रेडमार्क प्रश्नावली
  • मंडल संकल्प

3. भागीदारी व्यापार के लिए

  • मंडल संकल्प
  • ट्रेडमार्क प्रश्नावली
  • स्वामित्व के लिए
  • पावर ऑफ अटॉर्नी

4. सोसाइटी ट्रेडमार्क के लिए

  • पावर ऑफ अटॉर्नी
  • ट्रेडमार्क प्रश्नावली

5. किसी ट्रस्ट के लिए

  • पावर ऑफ अटॉर्नी
  • ट्रेडमार्क प्रश्नावली

6. किसी पार्टनरशिप फॉर्म के लिए

  • पावर ऑफ अटॉर्नी
  • ट्रेडमार्क प्रश्नावली

7. हिंदू अविभाजित परिवार के लिए

  • पावर ऑफ अटॉर्नी
  • ट्रेडमार्क प्रश्नावली

ट्रेडमार्क रजिस्ट्रेशन के लिए कितना देना होता है शुल्क?

  • बता दें, ट्रेडमार्क रजिस्ट्रेशन के लिए आपको अलग-अलग राशि देनी होती है। जैसे कि, TM13, TM5 के लिए वर्तमान में 4 हजार रुपए ट्रेडमार्क रजिस्ट्रेशन शुल्क रखा गया है।
  • जब आप अपनी कंपनी का ट्रेडमार्क रिमूव करवाते हैं तो उसे दोबारा रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए करीब 5 हजार रुपए शुल्क के तौर पर देना होता है।
  • इसके अलावा जब आप ट्रेडमार्क में किसी गलती को सुधारना चाहते हैं तो उसके लिए आपको पहले एक TM 26 फॉर्म भरना होता है जिसका आपको करीब 3 हजार रुपए शुल्क देना पड़ेगा।

कितनी होती है ट्रेडमार्क रस्जिट्रेशन की वैधता?

बता दें, ट्रेडमार्क की वैधता 10 साल की होती है, इसके बाद आप इसे दोबारा रिन्यू करवा सकते हैं। जब किसी कंपनी का एक ट्रेडमार्क तय हो चुका होता है तो बाद में अन्य कंपनी उस कंपनी का ट्रेडमार्क का नाम उपयोग नहीं कर सकती है। ऐसा करने पर अन्य कंपनी को दोषी ठहराया जाएगा।

benefits handwritten with white chalk on a blackboard on wood background

Trademark benefits in hindi | ट्रेडमार्क के क्या होते हैं फायदे?

  • बता दें, जब आप अपनी कंपनी का ट्रेडमार्क रजिस्ट्रेशन करवा लेते हैं तो आपके और ग्राहक के बीच एक अच्छा संबंध बनता है।
  • इसके अलावा ट्रेडमार्क रजिस्ट्रेशन के बाद ग्राहकों के बीच आपके प्रोडक्ट के प्रति विश्वास बढ़ता है और प्रोडक्ट आसानी से बिकते हैं।
  • जब आप कंपनी का ट्रेडमार्क रजिस्ट्रेशन करवाते हैं तो आपके व्यापार में भी वृद्धि होती है और मार्केटिंग में भी आसानी होती है।
  • जब आप अपनी कंपनी का ट्रेडमार्क रजिस्ट्रेशन करवाते हैं तो अन्य कंपनी आपके ट्रेडमार्क को कॉपी नहीं कर सकती और आपका ट्रेडमार्क सुरक्षित रहता है।
  • यदि आपने अपनी कंपनी का ट्रेडमार्क रजिस्ट्रेशन नहीं करवाया है तो ऐसे में अन्य कंपनी आपके साथ धोखाधड़ी कर सकती है और इस स्थिति में आप उस कंपनी के खिलाफ कोई कार्यवाही भी नहीं कर सकते हैं।
  • एक ट्रेडमार्क के जरिए आपकी मार्केट में अलग पहचान होती है और आप जल्द ही ग्राहक की नजरों में अपने प्रोडक्ट की वेल्यू भी बढ़ा सकते हैं। मार्केट में कंपनी की वैल्यू बढ़ने से आपको अधिक मुनाफा होगा।
  • जब आप अपनी कंपनी का ट्रेडमार्क रजिस्ट्रेशन करवा लेते हैं तो आपको उस लोगो या चिन्ह का मालिकाना हक मिलता है। इसके बाद आप उस लोगों का इस्तेमाल करके मार्केट में आसानी से प्रोडक्ट बेच सकते हैं।
  • बता दें, जब आप ट्रेडमार्क रजिस्ट्रेशन करवा लेते हैं तो तो अन्य कंपनी आपके आपके प्रोडक्ट धोखाधड़ी से नहीं बेच सकती है।

Conclusion

हम उम्मीद करते हैं कि हमारे ब्लॉग के माध्यम से आपको समझ आ गया होगा कि trademark kya hai. बता दें, ट्रेडमार्क रजिस्ट्रेशन करवाने के बाद आपको भविष्य में किसी भी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता है और आप आसानी से लंबे समय तक अपने बिजनेस अच्छी तरीके से कर पाते हैं। ऐसे में आप कोशिश करें कि, जब भी आप किसी बिजनेस या किसी नई कंपनी की शुरुआत करते हैं तो पहले ही इसका ट्रेडमार्क रजिस्ट्रेशन करवा ले। जी हाँ... मार्केट में किसी भी प्रोडक्ट को बेचने से पहले आपको उसका ट्रेडमार्क रजिस्ट्रेशन करवाना बहुत ही जरूरी होता है क्योंकि इसके जरिए आप अपनी कंपनी या ब्रांड को सुरक्षित रख सकते हैं। यदि आप कंपनी का ट्रेडमार्क रजिस्ट्रेशन नहीं करवाते हैं तो भविष्य में आपकी कंपनी के प्रोडक्ट के साथ कोई अन्य कंपनी धोखाधड़ी भी कर सकती है। इस स्तिथि में आपके पास कोई प्रूफ नहीं होता है तो आप धोखाधड़ी करने वाली कंपनी पर किसी भी तरह की कार्यवाई नहीं कर पाएंगे और आपको भारी नुकसान का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में आप कोशिश करें कि, बिजनेस करने से पहले ट्रेडमार्क रजिस्ट्रेशन की पूरी जानकारी लें और इस प्रक्रिया को पूरी करें। इस लेख के जरिए हम आपको ट्रेडमार्क से जुड़ी पूरी जानकारी देने की कोशिश की है। इसके अलावा आप ट्रेडमार्क की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर भी इस इससे जुड़ी अधिक जानकारी हासिल कर सकते हैं।

यह भी पढ़ें :

1) क्या जीएसटी सॉफ़्टवेअर की बिज़नेस में आवश्यकता होती है? क्या हैं इसके फ़ायदे/नुक़सान?
2) रियल एस्टेट कंसल्टिंग फर्म का बिज़नेस कैसे शुरू करें?
3) रीसाइक्लिंग (Recycling) का बिज़नेस कैसे शुरू करें?
4) मोबाइल शॉप कैसे खोलें? जानिए कुछ टिप्स और ट्रिक्स
5) ओके स्टाफ क्या है? कैसे ये ऐप आपका बिजनेस बढ़ाने में मदद करता है?

OkCredit के ब्लॉग के साथ पाएँ बेस्ट बिज़नेस आइडीयाज़ और बिज़नेस टिप्स कई भाषाओं में जैसे की हिंदी, अंग्रेज़ी, मलयालम, मराठी और भी कई भाषाओं में.
डाउनलोड करें OkCredit अभी और छुटकारा पाएँ रोज़ की झंझट से.
OkCredit 100% भारत में बनाया हुआ ऐप है!