यूपीआई का नाम आपने सुना ही होगा बल्कि अपने आस-पास के हर दूसरे-तीसरे व्यक्ति द्वारा इसका इस्तेमाल करते हुए देखा भी होगा। यूपीआई बैंक या एजेंसी का नाम नहीं है बल्कि यह एक ऐसा पेमेंट सिस्टम ऐप है, जिसके माध्यम से आपका छोटे से छोटा और बड़े से बड़ा भुगतान बहुत ही आसानी से पलक झपकते हो जाता है। यह भुगतान पूरी तरह से सुरक्षित भी होता है। इसका लाभ यह होता है कि किसी भी व्यक्ति को पहले की तरह जेब में रुपये लेकर नहीं चलना होता है। न ही लुटने का डर न ही किसी तरह के जोखिम का डर होता है।
कौन सी प्रणाली है यूपीआई
यूपीआई (UPI) का पूरा मतलब यूनीफाइड पेमेंन्ट्स इन्टरफेस (Unified Payments Interface) हिन्दी में इसे एकीकृत भुगतान अन्तरापृष्ठ कहते हैं। भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम National Payments Corporation of India) एवं भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India ) द्वारा व्यक्ति से व्यक्ति, व्यक्ति से व्यापारी, व्यापारी से व्यापारी व कंपनियों के बीच तत्काल आदान-प्रदान के लिए यह प्रणाली शुरू की गयी है। इस सिस्टम के जल्द ही लोकप्रिय होने के कारण इसे विभिन्न बैंकों और भुगतान करने व भुगतान प्राप्त करने वाली कंपनियों ने अपने-अपने हिसाब से यूपीआई ऐप बनवाए हैं। इससे इन सभी बैंकों व कंपनियों अपने-अपने ग्राहकों को इस ऐप से भुगतान की सुविधाएं मिल रहीं हैं।
कैशलेस इंडिया अभियान के लिए वरदान बना है यूपीआई
- 8 नवम्बर को नोटबंदी किये जाने के बाद से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा देश में कैशलेस इंडिया अभियान शुरू किया गया था। इस अभियान के लिए सरकार द्वारा पूरे देश में कैशलेस इंडिया के अभियान का प्रचार किया। इसके चलते युवाओं में कैशलेस इंडिया के प्रति रुझान काफी देखाÞ गया लेकिन इसको आगे बढ़ाने के एक ऐप की आवश्यकता महसूस की गयी, जिसे सरकार ने जल्द हीं लांच करवा दिया।
- 11 अप्रैल 2016 को देश का भुगतान प्रणाली देखने वाली एजेंसी नेशनल पेमेंट कारपोरेशन आफ इंडिया (एनपीसीआई) ने इस पेमेंट सिस्टम को शुरू किया था। इस पेमेंट सिस्टम के माध्यम से भारत में कहीं भी भुगतान किया जा सकता है। इसके अलावा भूटान, मलेशिया, सिंगापुर और संयुक्त अरब अमीरात में भी भुगतान किया जा सकता है।
- इस मोबाइल पेमेंट प्लेटफार्म का सबसे अधिक क्रेज युवाओं में देखने को मिला। दिसम्बर 2020 तक देश के 207 बैंकों ने यूपीआई की सुविधा देनी शुरू कर दी थी।
- यूपीआई का इस्तेमाल अब धीरे-धीरे और तेजी से आगे बढ़ रहा है। विशेषज्ञों का अनुमान है कि आगामी 2025 तक यूपीआई के उपभोक्ताओं की संख्या बढ़ कर 50 करोड़ तक हो जायेगी।
- आईआईटी मद्रास (चेन्नई) यूपीआई को आवाज से चलाने के बारे में नया कार्यक्रम खोज रही है। इसको अंग्रेजी के अलावा अन्य भारतीय भाषाओं में शुरू करने की तैयारियां चल रहीं हैं। ऐसा अनुमान है कि इसके जल्द ही शुरू हो जाने की संभावनाएं हैं। इसके शुरू हो जाने के बाद यूपीआई का इस्तेमाल वो व्यक्ति भी आसानी कर सकेंगे हैं जो व्यक्ति लिख पढ़ नहीं सकते लेकिन वो लेन-देन के बारे में जानकारी रखते होंगे।
कई चरणों में हुआ यूपीआई का विस्तार
- शहरों, महानगरों और मेट्रो सिटी की तरह कस्बों, गांवों में इंटरनेट की सुविधा न होने के कारण वहां के लोग यूपीआई की सुविघा का लाभ नहीं उठा पाते थे। जिसको लेकर सरकार ने अपने प्रयास तेज किये और गांवों में इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध करायी।
- गांवों में रहने वाले गरीब व्यक्तियों के पास न एंड्रायड फोन न हो पाने और एंड्रायड फोन के न चला पाने की समस्या भी सामने आयी। इसके लिए सरकार ने जब युवाओं से यह अपील की कि वे बुजुर्गों और बिना पढ़े लिखे लोगों को एंड्रायड फोन चलाने की ट्रेनिंग दें। उसके बाद गांवों के ग्रामीणों में जागरुकता आयी और उन्होंने इस बारे में सीखा और उसके बाद से यूपीआई के उपभोक्ताओं की संख्या में काफी इजाफा हुआ।
- दिसम्बर 2020 में 207 बैंकों में यूपीआई की सुविधा शुरू की जा चुकी थी। उस समय लगभग 2334 मिलियन ट्रांजेक्शन हो गये थे।
छोटे-छोटे भुगतान से लोकप्रिय हुआ यूपीआई
यूपीआई की वजह से आज युवाओं को छोटी से छोटी जरूरतों का बिना किसी परेशानी के भुगतान अपने मोबाइल से कर पाना संभव हो पा रहा है। आज के समय में आपको चाय पीना हो, नाश्ता करना हो, किसी रेहड़ी पटरी वाले से कोई सामान खरीदना हो, चाट आदि खरीदना हो, मॉल में शॉपिंग करनी हो, मूवी की टिकट खरीदना हो, टैक्सी, ओला, कैब का भाड़ा चुकाना हो, ट्रेन, प्लेन, बस किसी का टिकट खरीदना हो, होमलोन, एलआईसी या अन्य किसी तरह की किश्त चुकानी हो , मोबाइल व डीटीएय रिचार्र्ज करना हो अथवा अन्य किसी प्रकार की खरीदारी करनी हो। हर जगह यूपीआई के मदद से आप अपनी बैंक खाते से किसी को अपने मोबाइल के माध्यम से भुगतान कर सकते हैं।
कोरोना काल में तो यूपीआई ने कमाल ही दिखाया
कोरोना काल में जब पूरे देश में कई महीनों तक लॉकडाउन लगा रहा। पूरा देश अपने-अपने घरों में कैद हो गया था। लोग एकदूसरे को छूने से कतरा रहे थे और एकदूसरे के छुए हुए रुपयों-पैसों को लेने से भी कतरा रहे थे तब इसी यूपीआई ने अपना कमाल दिखाया। उस वक्त यूपीआई द्वारा किये जाने वाले भुगतान करने की प्रत्येक व्यक्ति की मजबूरी बन गयी थी। बाद में यह मजबूरी लोगों की आदत में तबदील हो गयी है। अब प्रत्येक व्यक्ति कैशलेस पेमेंट का आदी हो गया है। कैशलेश पेमेंट में यूपीआई ने सबसे बड़ी भूमिका निभायी है। इससे जहां बैंकों को काफी लाभ हुआ है वहीं ऑनलाइन बिजनेस कंपनियों को भी इसका बहुत बड़ा लाभ मिला है। इसके साथ ही उपभोक्ताओं को तो सबसे बड़ा लाभ मिला ही है।
इस तरह बनाई जाती है यूपीआई आईडी
यूपीआई का इस्तेमाल के लिए आपको सबसे पहले अपने एंड्रायड फोन में गूगल प्ले स्टोर से जिस बैंक में आपका खाता है उस बैंक का यूपीआई ऐप इंस्टाल करना होगा। गूगल प्ले स्टोर में लगभग सभी बैंकों के ऐप मौजूद हैं। अपने बैंक संबंधी ऐप को इंस्टाल करने के बाद उसमें साइन इन करना होगा। उसके बाद वहां पर आपको अपनी बैंक की डिटेल भरनी होगी। इस तरह से आपका एकाउंट खुल जायेगा। एकाउंट खुलने के बाद आपको एक वर्चुअल आईडी मिल जायेगी। इसके बाद अलग-अलग बैंकों के हिसाब से 4 व 6 अंकों की आईडी बना सकते हैं। यह आपका आधार कार्ड का नंबर हो सकता है, आपके मोबाइल नंबर का हिस्सा हो सकता है। इसके बाद आप अपनी ईमेल आईडी की तरह अपने नाम से भी एक आईडी जनरेट कर सकते हैं। एकाउंट बन जाने के बाद आप अब किसी को भी भुगतान कर सकते हैं अथवा भुगतान मंगा सकते हैं।
UPI payment kaise kare | किस तरह से किया जाता है भुगतान
पैसे भेजने के लिए आपको ऐप्स को खोल कर लॉगइन करना होगा और उसके बाद जिस व्यक्ति को जितने पैसे भेजने हों, उसकी सारी डिटेल को अपने एकाउंट में ऐड करना होगा।
यूपीआई से भुगतान दोनों तरह से किया जा सकता है:
- पहला तरीका यह है कि आप जिस व्यक्ति को भुगतान के लिए अपने एकाउंट में ऐड करना चाहते हैं तो उसके बैंक एकाउंट की डिटेल डालनी होगी। जैसे उसके बैंक खाता धारक का नाम, बैंक एकाउंट नंबर, आईएफएससी कोड, बैंक व उसकी ब्रांच का नाम को भरने के बाद आसानी से भुगतान भुगतान किया जा सकता है।
- दूसरा तरीका बहुत ही आसान होता है कि आपको भुगतान करने वाले शख्स की यूपीआई आईडी मालूम हो तो आपको फिर दूसरी किसी चीज की जानकारी की जरूरत नहीं होती है।
- यूपीआई सिस्टम बैँकों द्वारा पहले से संचालित आईएमपीएस सिस्टम पर आधारित है। इसका इस्तेमाल इंटरनेट और एंड्रायड फोन के माध्यम से करते हैं।
Benefits of UPI in Hindi : यूपीआई के लाभ
- यूपीआई का इस्तेमाल पूरे सातों दिन यानी छुट्टियों के दिन भी किया जा सकता है। इस ऐप का 24 घंटे में कभी भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
- यूपीआई करना बहुत ही आसान है, इससे छोटे से छोटा भुगतान तत्काल क्यूआर सिस्टम से किया जा सकता है।
- रेस्टोरेंट, होटल, सिनेमा, रिचार्ज, छोटे बड़े सभी भुगतान तत्काल हो जाते हैं।
- यूपीआई से भुगतान से न तो रुपये अपने पास रखने का झंझट होता है और न ही फुटकर पैसों को ही तलाशने की जरूरत होती है।
- यूपीआई आईडी के माध्यम से यूपीआई आईडी में भुगतान करते समय आपको न तो किसी तरह की बैंक डिटेल की जरूरत नहीं होती है और ना ही आपको जिसके भुगतान देने वाले से बैंक का एकाउंट आदि की ही जानकारी की लेने की कोई टेंशन होती है।
- यूपीआई से पैसे भेजने की एक लिमिट होती है। एक दिन में आप एक लाख रुपये भेज सकते हैं। इसके अलावा आप एक दिन में अधिक से अधिक 20 बार भुगतान कर सकते हैं। आप शुरू में जिस तरह से भुगतान करते हैं यूपीआई ऐप में उसी तरह से सेटिंग हो जाती है और उसके बाद उसी रूप में पेमेंट सिस्टम काम करता है।
- यूपीआई से पैसे भेजने में आपसे चार्ज भी लिया जाता है। इसका प्रति ट्रांजेक्शन 50 पैसे चार्ज लगता है। यह चार्ज बैंकों व अन्य भुगतान एजेंसियों द्वारा भुगतान पर किया जाने वाले चार्ज में सबसे कम है।
- यूपीआई पेमेन्ट सिस्टम एनपीसीआई और आरबीआई द्वारा संचालित होने के कारण इससे होने वाले सभी तरह के भुगतान पूर्ण रूप से सुरक्षित हैं।
- अपनी यूपीआईडी और पासवर्ड को किसी तरह लीक होने से बचाये रखेंगे यानी गोपनीय रखेंगे तो आपका एकाउंट पूरी तरह से सुरक्षित रहेगा।
यूपीआई के दूसरे चरण में सुविधाएं और बढ़ीं
यूपीआई के दूसरे चरण की शुरुआत 16 अगस्त 2018 को हुई थी। इसमें उप•ोक्ताओं को अपने ओवरड्राफ्Þट खातों को यूपीआई हैंडल से जोड़ने की सुविधा दी गयी है। दूसरे चरण में लेन-देन के लिए चालान देखने और संग्रहीत करने की सुविधा भी शामिल की गयी है। ईएमआई और आरडी के किश्तों की भुगतान के लिए ऑटो पे यानी स्वत: भुगतान की भी अतिरिक्त सुविधा दी गयी है। अगस्त 2021 तक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ बड़ौदा, पेटीएम पेमेंट बैंक यूपीआई आटोपे पर लाइव हो गये थे।
यूपीआई ऐप्स का कहां-कहां हो सकता है इस्तेमाल
यूपीआई से तत्काल भुगतान सुविधा का इस्तेमाल आप यूपीआई इनेबल्ड बैंक ब्रांच में आसानी से किया जा सकता है। यूपीआई के मध्यम से बैंक से बैंक के बीच वीपीए पेमेंट और यूपीआई आईडी सिस्टम से मोबाइल के नंबर से भुगतान किया जा सकता है। बैंकों की शाखाओं के अलावा थर्ड पार्टी के माध्यम से भी भुगतान किया जा सकता है। इसमें आप गूगल पे, मोबिक्विक, फोन पे, पेटीएम, सैमसंग पे, व्हाट्सऐप पे के माध्यम से भी भुगतान कर सकते हैं। एनपीसीआई अपना स्वयं का ऐप का संचालन करती है, जिसको हम भीम ऐप के नाम से जानते हैं।
अप्रैल 2016 को जब यह ऐप शुरू किया गया था उस समय इस ऐप के माध्यम से 21 बैंकों ने यह सुविधा अपने-अपने ग्राहकों को देनी शुरू की थी लेकिन अप्रैल 2020 तक 216 बैंकों ने यह सुविधा देनी शुरू कर दी है। जून 2021 में एनपीसीआई ने व्हाट्सऐप पर लगी 2 करोड़ यूजर्स की पाबंदी को हटा दिया था। इसके बाद कस्टमर्स की तेजी से बाढ़ सी आ गयी। भारतीय बाजार में अब तक 53 करोड़ यूजर्स ने यूपीआई में अपने नाम रजिस्टर्ड कराये हैं। इसके बाद व्हाट्सऐप ने औपचारिक रूप से यूपीआई को अपने सभी ग्राहकों के लिए इस्तेमाल करने की सुविधा प्रदान कर दी है।
अंतरराष्ट्रीय भुगतान
विदेशों में यूपीआई से होने वाले भुगतान सुविधा उपलब्ध कराने वाले ग्रुप ने एनआईपीएल से सितम्बर 2021 में एक एमओयू साइन किया है। इससे सितम्बर 2021 में एक यूपीआई बेस्ड क्यूआर कोड को जारी किया गया है, जिसके माध्यम से सिंगापुर, मलेशिया, थाईलैंड, फिलीपीन्स, वियतनाम, कम्बोडिया, हांगकांग, ताइवान, साउथ कोरिया और जापान से 2022 से भुगतान सुविधा शुरू हो जायेगी।जुलाई 2021 से एप्पल आईफोन, आईपैड और आईपॉड के भारतीय उपभोक्ताओं ने भी ऐप स्टोर से यूपीआई को लेकर इस्तेमाल करना शूरू कर दिया है। एनपीसीआई की एनआईपीएल जल्द ही अपनी सुविधाएं अमेरिका, पश्चिमी एशिया और यूरोप में बढ़ाने की तैयारी कर रहीं हैं। इसका जल्द ही भारतीय उपभोक्ताओं को लाभ मिलने लगेगा।
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