मिजोरम का फ़ेमस स्ट्रीट फूड

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मिजोरम का फ़ेमस स्ट्रीट फूड

कैसे शुरू कर सकते हैं आप इसका बिजनेस भारत में कहीं भी?

मिजोरम राज्य खूबसूरत पहाड़ियों व आकर्षक पर्यटक स्थलों को अपने में समेटे हुए है। यहां की खूबसूरती को देखने के लिए देश-विदेश से लोग आते हैं। यहां के मनोरम दृश्यों को देखकर वहां यह कुछ दिन बिताते हैं। मिजोरम को जानने के लिए यहां का संक्षिप्त इतिहास भी जानना जरूरी है। 1947 में आजादी मिलने के बाद मिजोरम राज्य भारत से जुड़ा था। पहले यह इलाका आदिवासी कबीलों का था जो युद्ध में पारंगत थे। यहां की दुर्गम और बीहड़ पहाड़ियां जहां पहले लोगां को जाने मं डर लगता था। मिजो जाति के लोगों के रहने के कारण अब ये बीहड़ पहाड़ियां खूबसूरत जगह बन गयीं हैं। जहां लोग पहले जाने से डरते थे, अब वहां देश-विदेश से लोग इन स्थानों की सैर करने के लिये आते हैं। मिजोरम राज्य ने काफी बदलाव किये हैं। कबीलों में रहने वालों ने खुद को काफी बदल लिया है। यहां रहने वालों ने अपना खान-पान का तौर-तरीका नहीं बदला है। ये आज भी अपने पारंपरिक भोजन को पसंद करते हैं।

अलग तरह का है यहां का फूड कल्चर

मिजोरम की आबादी में 90 प्रतिशत लोग ईसाई धर्म को मानने वाले हैं। चीन और म्यांमार सीमा क्षेत्र नजदीक होने के कारण यहां का कल्चर इन दोनों देशों के र्बार्डर क्षेत्र के लोगों रहन-सहन से अधिक प्रभावित है। यहीं हाल यहां के फेमस स्ट्रीट फूड का है। काफी दिनों तक यहां का कल्चर एक अलग तरह का था। यहां लोग घर से बाहर खाना-पीना पसंद नहीं करते थे। बहुत बड़ी इमर्जेंसी में ही बाहर खाते थे। इसके अलावा यहां के निवासी अपने पारंपरिक भोजन को ही पसंद करते थे। धीरे-धीरे जैसे-जैसे यहां के युवक-युवतियां पढ़ने के लिए भारत के दूसरे शहरों में आने-जाने लगे तो यहां का माहौल बदलने लगा। युवाओं के आवागमन से दूसरे शहरों के लोग भी आने जाने लगे। इससे मिजोरम में भी बाजार गुलजार होने लगे और यहां की पुरानी संस्कृति में काफी बदलाव आ गया है। अब तो देश के दूसरे शहरों की तरह यहां के भी पहाड़ी शहर लोगों को आकर्षित करते हैं। इसके अलावा यहां के लोगों ने पुरानी झिझक को पीछे छोड़ कर अपने पारंपरिक व्यंजनों को मार्केट में छोटे पैमाने पर बाजार में बेचने का काम शुरू किया तो लोगों ने उन्हें काफी सपोर्ट किया।

नॉनवेज के शौकीनों के लिये स्वर्ग है मिजोरम

आप यदि नॉन वेज खाने के शौकीन हैं तो मिजोरम आपके लिए अनूठी जगह है। क्योंकि यहां का कोई भी खाना मांस के बिना पूरा नहीं होता है। पोर्क, चिकन व अन्य तरह के मांस से यहां व्यंजन बनाये जाते हैं। मिजोरम में मिलने वाले फेमस स्ट्रीट की खासियत यह हैं कि यहां बनने वाले फूड चावल और मांस पर बेस्ड हैं। यहां के व्यंजनों की एक और खूबसूरती यह है कि यहां बनने वाले व्यंजनों में तेज मसाले नहीं होते हैं बल्कि उनकी जगह कुदरती पेड़-पौधों की पत्तियां व जड़ें होतीं हैं। उनको जायकेदार बनाने के लिए इन जड़ों व पत्तियों को व्यंजन में इस्तेमाल किया जाता है। इसलिये आप पारंपरिक नॉन वेज खा रहे हैं तो आपको यहां का स्ट्रीट फूड आपको अलग तरह का होगा। इसके अलावा यहां का भोजन कुदरती वनस्पतियों के आधार पर होता है तो स्वाभाविक रूप से हेल्दी फूड होता है। नॉन वेज के अलावा यहां पर कुछ भारतीय व्यंजनों से मेल खाते हुए व्यंजन भी मिलते हैं।

यहां के स्ट्रीट फूड्स अपने आप में बेजोड़ हैं

अब जानते हैं कि मिजोरम में बिकने वाले फेमस स्ट्रीट फूड क्या-क्या हैं? यहां के व्यंजनों की लिस्ट लंबी चौड़ी नहीं है लेकिन जितने भी व्यंजन हैं, उनका स्वाद अन्य जगहों से एकदम अलग होगा। यानी जो पहली बार खायेगा वो इन व्यंजनों को काफी पसंद करेगा। इन व्यंजनों में कोट पिठा नाम का व्यंजन सबसे ज्यादा आकर्षक है। यह यहां की एक तरह की मिठाई है। जैसे हमारे यहां होली पर गुजिया खास मिठाई, ईद पर मीठी सिवेंया खाई जाती है। इसी तरह कोट पिठा यहां की विशेष डिस है, जो खास-खास त्योहारों पार बनाई जाती है लेकिन अब ऐसा नहीं है। इसे बिजनेस के लिए रोजाना ही बनाया जाता है। इस कोट पिठा को चावल के आटे, गुड़ व केले से बनाया जाता है।

बाई यहां का प्रमुख व्यंजन है

जैसे उत्तर भारत के मैदानी राज्यों में बिरियानी बिकती है। उसी तरह से बाई मिजोरम का लोकप्रिय व्यंजन है। जिस तरह से यहां पर बिरयानी वेज और नॉन वेज मिलती है। उसी तरह से यहां पर बाई भी वेज  और नॉन वेज बनती है। यहां पर चूंकि मांसाहार लोगों की संख्या अधिक है, उस हिसाब से नॉनवेज बाई की डिमांड काफी अधिक है। नॉनवेज बाई स्थानीय जड़ी-बूटियों के साथ मसालेदार मटन, पालक और जामून के साथ उबली सब्जियों का उपयोग करके बनाई जाती है। यह आम तौर पर मटन और सरसों की चटनी से बनाया जाता है। शाकाहारी बाई भी बनाई जाती है। शाकाहारी बाई बनाने के लिए फूल गोभी, आलू, सेम, मिर्च और पके हुए चावल से तैयार किया जाता है। बाई मिजोरम का ऐसा व्यंजन है जो आसानी से हर जगह पर उपलब्ध रहता है। काफी टेस्टी भी होता है। इसी तरह पांच फोरन तोरारी नामक व्यंजन भी वेज और नॉन वेज कस्टमर्स के लिए बनाया जाता है। वेज पांच फोरन तोरारी बैंगन, कद्दू, और आलू से बनाया जाता है। इसी तरह नान वेज पांच फोरन तोरारी चिकन के साथ बनाया जाता है।

Traditional Mizorami cuisine and food meal thali of Mizoram

मिजो वक्सा है यहां की फेवरिट डिश

मिजो वक्सा भी मिजोरम की फेवरिट डिश है। यह डिश लहसुन, अदरक, हरी मिर्च, काली मिर्च, पालक, सीप मशरूम और फ्राइड पोर्क के साथ बनाई जाती है, जिसे चावल के साथ खाया जाता है। छम हान नाम का शाकाहारी व्यंजन यहां के लोगों के बीच काफी लोकप्रिय है। इस टेस्टी व हेल्दी फूउ को ब्रोकोली, गोभी, गाजर, टमाटर और अदरक के साथ बनाया जाता है। इसे भी चावल के साथ खाया जाता है। शाकाहारी लोगों की पसंद को ध्यान में रखते हुए यहां पर एक और व्यंजन प्रचलित है, जिसे बैम्बू शूट फ्राई कहा जाता है। इस बैम्बू शूट फ्राई को बांस के कोपलों से बनाया जाता है। इसमें मशरूम व हरी सब्जियां डालीं जाती हैं। इसे यहां पर शाम के नाश्ते में इस्तेमाल किया जाता है।

भारत में कहीं भी इस तरह शुरू किया जा सकता है बिजनेस

अब सवाल उठता है कि मिजोरम के फेमस स्ट्रीट फूड आइटम को देश में कहीं भी शुरूआत किया जाता है। इसमें कोई बड़ी बात नहीं है। मिजोरम के स्ट्रीट फूड का बिजनेस भारत में कहीं भी बहुत आसानी से शुरू किया जा सकता है। इसका कारण यह है कि पूरे देश में मिजोरम के लोग अपने-अपने बिजनेस, नौकरी, पढ़ाई के लिए मौजूद हैं। धीरे-धीरे उनकी संख्या बढ़ रही है। इसके अलावा यहां के अनूठे व्यंजन देश के सभी जगहों के लिए नये होंगे जिनको लोक बड़े चाव से खायेंगे और पसंद भी करेंगे। इस तरह से इन फूड्स का बिजनेस करना फायदेमंद सौदा साबित होगा। कम लागत में अच्छा मुनाफा कमाने का यह बिजनेस बहुत लोकप्रिय हो सकता है। हालांकि कई बिजनेस में तो मुनाफा कमाने के लिए वर्षों इंतजार करना पड़ता है और मेहनत भी करनी पड़ती है। लेकिन इस बिजनेस में ऐसा नहीं है। यहां तो आज लगाओ यानी इन्वेस्ट करो और कल प्रॉफिट कमाओ। इसलिये इस तरह के बिजनेस कोई भी कर सकता है।

मिजो व्यंजन बनाने के लिए करना होगा ये खास काम

मिजोरम के फेमस स्ट्रीट फूड का बिजनेस देश भर में कहीं भी कैसे शुरू किया जा सकता है। इस पर थोड़ा ध्यान देने की जरूरत है। पहले तो यह बिजनेस मिजोरम के लोगों के लिए बहुत ही आसान हैं क्योंकि उन्हें इस तरह के व्यंजन बनाने की कला अलग से सीखने की जरूरत नहीं होगी। इन व्यंजनों को बनाने में इस्तेमाल होने वाला कच्चा माल हर जगह आसानी से उपलब्ध हो जाता है। मिजोरम की कुछ खास जड़ी बूटियां हर जगह नहीं मिलती हैं। इसको लेकर परेशानी हो सकती थी लेकिन इन जड़ी बूटियों को सुखाकर मसाले के रूप में तैयार कर लिया गया है जो बाजार में आसानी से उपलब्ध होने लगा है। इस तरह से यह समस्या समाप्त हो जाती है। दूसरा यदि कोई भी अनजान व्यक्ति भी इस तरह का बिजनेस करना चाहे तो वो भी आसानी से बिजनेस कर सकता है। इसके लिये शुरू-शुरू में तो कम से कम पैसे में एक एक्सपर्ट कुक को हायर करना पड़ेगा। उसके बाद अपना बिजनेस शुरू कर सकता है। इसके साथ ही आप अपने कुक से व्यंजन बनाने की कला भी सीख सकते हैं। उसके बाद आपको कुक की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। इसके अलावा यदि आप कुक नहीं रखना चाहते हो तो आप किसी ऐसे एक्सपर्ट से बिजनेस में शेयरिंग कर लें जो मिजोरम के इन फूडस का अच्छी तरह से बनाना जानता हो।

baked biscuit is served in white designing plate

आपके लिए कौन से होंगे प्रमुख कस्टमर्स?

इस तरह के बिजनेस चलाने के लिए अब आपको अपने पसंद की मार्केट की तलाश करनी होगी, जहां पर आपके फूड्स की डिमांड हो। इसमें सबसे पहले आपको अपने बिजनेस को दो भागों में बांटना होगा। पहला वेज और दूसरा नॉन वेज। इन दोनों में से आप किस तरह के फूड्स तैयार करते हैं और इसके ग्राहक कहां मिलेंगे। जैसे वेज फूड तो कहीं भी चल जायेंगे। इसलिये आपको वेज फूड्स के लिए आप को भीड़भाड़ वाले इलाकों को टारगेट करना होगा। कॉलेज, पार्क, मनोरंजन केन्द्रÑ, सरकारी आॅफिस जहां पर लोगों का अधिक आना-जाना होता है, बड़ी बाजारों के आस-पास की जगह भी इस तरह के बिजनेस को रास आयेगी। अब वहीं नॉन वेज फूड्स के लिए आपको उन जगहों की तलाश करनी होगी जहां पर नॉन वेज खाने के शौकीन हों। इसके लिए आपको उस स्थान को चुनना होगा जहां पर नॉन वेज फूड्स अधिक बिकते हैं। अब आप कहेंगे कि जहां पर नॉन वेज फूड्स पहले से ही बिक रहे हैं तो वहां पर आपके आइटम कैसे बिकेंगे। बस यही पर आप गच्चा खा गये।इसका मतलब यह है कि आपके कस्टमर यहीं मिलेंगे। जहां पर नॉन वेज पहले से बिक रहे हैं वे पारंपरिक फूड्स आइटम हैं। जिन्हें रोजाना खा-खा कर लोग ऊब गये होंगे। वे अलग स्वाद लेने के लिए आपके पास आ सकते हैं। इसके अलावा जो लोग मसालेदार फूड आइटमों से परहेज करते हैं, वो भी आपके पास आयेंगे। एक बार आपके फूड्स का स्वाद उनकी जुबान को भा गया तो आपका बिजनेस तेजी से आगे बढ़ जायेगा।

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