वर्ल्ड के आइकॉन बिल गेट्स का कहना है कि यदि आपका बिजनेस इंटरनेट पर नहीं है अथवा ई कॉमर्स नहीं तो आपका बिजनेस आज के जमाने के बिजनेस से बाहर हो जायेगा। चीन के प्रमुख उद्यमी जैक मा का कहना है कि यदि आप एक अच्छा ई कॉमर्स वेंचर बनाना चाहते हैं तो आपके पर एक अच्छा विजन चाहिये। यानी आपके सोचने का तरीका बहुत अच्छा होना चाहिये। एक ई-कॉमर्स वेंचर को शुरू करने के लिए हमें क्या-क्या करना चाहिये, वो तो आपको मालूम होना चाहिये।
आइये सबसे पहले तो हम यह जाने कि ई कॉमर्स वेंचर है क्या बला और इसके लिए कौन-कौन से पापड़ बेलने पड़ते हैं और भारत में इसका वर्तमान क्या है और भविष्य कैसा रहेगा।
तीन साल का रिकार्ड बताता है स्कोप
भारत में ई कामर्स वेंचर का वर्तमान में बहुत स्कोप है। भारत के ई कॉमर्स बिजनेस के हाल की तीन साल के रिकार्ड को देख कर कहा जा सकता है कि यह बिजनेस भारत में सबसे तेजी से बढ़ने वाला बिजनेस है। अभी इस क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं। चाहे जितने बिजनेस करने वाले मार्केट में आ जायें वो सब कम ही हैं क्योंकि इस बिजनेस का दायरा रोज-रोज तेजी से बढ़ता चला जा रहा है। इस बिजनेस के एक्सपर्ट का कहना है कि भारत में ई कार्मस बिजनेस का फ्यूचर गोल्डेन है बस काम करने वाली की जरूरत है। मेहनत करने वाला और लगनशील व्यक्ति इस बिजनेस में कभी भी मात नहीं खाएगा। वो हमेश ही अच्छा मुनाफा कमा लेगा। इस लिये वर्तमान समय में जो भी व्यक्ति भारत में ई कामर्स बिजनेस शुरू करने की सोच रहा है। वो सही दिशा में कदम बढ़ा रहा है। भारत में वैसे तो ई कॉमर्स बिजनेस की अच्छी शुरुआत 2007 से हो गई थी लेकिन 2018 में भारत में यह बिजनेस काफी तेजी से आगे बढ़ा। उसके बाद 2019 में इस बिजनेस में 26फीसदी का इजाफा हुआ। 2020 कोरोना वायरस की महामारी से प्रभावित रहा। उस समय लगाये गये लॉकडाउन की वजह से ई कॉमस बिजनेस बहुत तेजी से बढ़ा। सब कुछ बंद होने के बाद लोगों ने केवल आॅनलाइन बिजनेस पर ही जोर दिया। इस वर्ष 27 प्रतिशत ग्रोथ देखी गयी है। अब बताया जा रहा है कि 2024 तक भारत का ई बिजनेस का मार्केट 99 अरब डालर का हो जायेगा।
किसे कहते हैं ई कॉमर्स वेंचर?
ई-कॉमर्स वेंचर एक निजी संस्था से लेकर कंपनी तक का वो काम है जो अपने प्रोडक्ट वेबसाइट बनवाकर या किसी मशहूर ई कामर्स कंपनी की फ्रेंचाइजी लेकर शुरू किया जाने वाला काम है। इस तरह के बिजनेस को करने वाला इंटरनेट के माध्यम से अपना प्रोडक्ट या सर्विस आॅनलाइन बेचता है और आॅनलाइन ही पैसे कमाता है। इसके लिये उसे कहीं आना-जाना नहीं पड़ता है। केवल आॅनलाइन बिजनेस करना पड़ता है। इसके लिए सबसे पहले तो आप अपना मन बनायें कि हमें ई कॉमर्स वेंचर खोलना है। इसके बाद यह सोचें कि आप किस क्षेत्र को आप टारगेट करना चाहते हैं। आप अपने आसपास के क्षेत्र में या डिस्ट्क्टि लेबल पर, स्टेट लेबल पर, नेशनल लेबल पर या इंटरनेशनल लेबल पर बिजनेस करने का इरादा बना रहे हैं। आपके कस्टमर्स कौन होंगे और उनकी पसंद की क्या-क्या चीजें हो सकतीं हैं। इस पर गहन मंथन करना होगा।
प्रोडक्ट को अच्छी तरह से करें सेलेक्ट
जब ये सारी चीजें तय हो जायें तो आप अपनी क्षमता के अनुसार बेचे जाने वाले प्रोडक्ट को सेलेक्ट करें। उन सभी प्रोडक्ट की प्रत्येक महीन जानकारी जुटाएं। जैसे थोक में आपके प्रोडक्ट कहां मिल सकते हैं। कंपटीशन के जमाने में आप सस्ते से सस्ता माल खरीदने के बारे मेंं पूरी जानकारी जुटायें। उसके साथ पैकिंग, डिलीवरी आदि के बारे में भी मोटा-मोटा आइडिया हासिल कर लें। इसके अलावा आप जिन प्रोडक्ट को चूज कर रहे हैं,उनके बारे में यह पता लगायें कि आपके कंपटीटर कौन-कौन हो सकते हैं और उनकी क्या कमजोरियां हैं, जिन्हें दूर कर आप अपना बिजनेस उनके बीच में खड़ा कर सकते हैं। कहने का मतलब यह है कि आपका बिजनेस पहले से चले आ रहे बिजनेस से अलग हटकर क्या होगा जिसके लिए कस्टमर्स आपके पास आयें। दूसरों की तरह सर्विस देने की सोच रहें हैं तो यहां पर जैक मा का कहना सही होगा कि आपके बिजनेस में अच्छा विजन होना चाहिये। इस विजन के बारे में सोचना होगा और तभी आपका बिजनेस स्वयं ही अलग हो जायेगा।
अच्छा बिजनेस प्लान बनायें, मुश्किलें हो जायेंगी आसान
अब आपको अपने बिजनेस चलाने का प्लान तय करना होगा। इसके लिए आपको एक अच्छा बिजनेस प्लान बनाना होगा। यदि आप स्वयं अपने बिजनेस के लिए परफेक्ट हैं यानी आपके पास स्वयं के लिए पर्याप्त अनुभव है तो ठीक है वरना किसी एक्सपर्ट से सलाह लेकर बिजनेस प्लान बनाना चाहिये। इसमें आप अपने बिजनेस के गोल, फंड, प्रोडक्शन, सप्लाई या सर्विस देने के बारे में आने वाले सभी प्रकार की महीन से महीन जानकारियां दर्ज करनी होगी। इस बिजनेस प्लान को एक बार नहीं कई बार में बनाना होगा। आप इस बिजनेस प्लान में स्टेप बाई स्टेप सारी जानकारियां लिख लें। इन सारी जानकारी लिखने के बाद उसे अच्छी तरह से देखें और उस पर विचार करें कि बिजनेस किस तरह से चलाया जायेगा, शुरू-शुरू में किन-किन चीजों की जरूरत पहले पड़ेगी, किन लोगों की सेवाओं की जरूरत पड़ेगी। बिजनेस की लागत कितनी आयेगी। इसके लिए पैसा कहां से आयेगा। इस पैसे का डिस्ट्रीव्यूशन कैसे होगा।बिजनेस चलाने के लिए थोड़ी से पूंजी सरप्लस भी रखनी होगी। इस तरह की जानकारी आपके लिए फायदेमंद होंगी। जब बिजनेस प्लान पूरा बन जायेगा तो समझ लीजिये कि आपका बिजनेस का खाका खिंच गया है बस अब उसे जमीन पर उतारना है।
फर्म या कंपनी का नाम चुनने की है कला
इस तरह से आपने अपने बिजनेस का होमवर्क कर लिया अब आपको अगला कदम यह उठाना होगा कि आप अपने लोगों से अच्छी तरह से डिस्कस करके अपनी फर्म या कंपनी जो भी शुरू करना चाहते हों उसका एक सुंदर सा नाम रखें। नाम रखने वक्त एक बात का अवश्य ध्यान रखें कि यह नाम अत्यंत कठिन शब्दों का नहीं होना चाहिये। नाम ऐसा होना चाहिये कि आसानी से जुबान पर चढ़ जाये और उसे आसानी से बोला जा सके। बेहतर हो कि उस शब्द का ऐसा कोई अर्थ हो जो वर्तमान समय में लोगों के बीच काफी प्रचलित हो। इसका फायदा यह होगा कि किसी के समक्ष एक ही बार में आपकी कंपनी का नाम जैसे ही आयेगा, वैसे ही ये नाम उसके दिमाग पर चढ़ जायेगा। इसके लिए आप कोई नाम तलाशें ये आपकी मर्जी पर है। इस बारे में एक्सपर्ट की राय है कि नाम जितना छोटा और ईजीटॉकिंग होगा उतनीही जल्दी पापुलर हो जायेगा। उदाहरण के लिए आप मशहूर कंपनियों के नाम देखेंगे तो पायेंगे कि उनके नाम कितने ईजी हैं।
दो तरीके से किया जा सकता है बिजनेस, बड़े बजट वालों के लिए है पहला तरीका
आम तौर पर ई कॉमर्स बिजनेस के दो तरीके प्रचलित हैं। पहला बिजनेस का तरीका उन लोगों के लिए है जो अपनी मेहनत, लगन पर पूरा विश्वास करते हैं और जिनके पास बिजनेस शुरू करने के लिए पर्याप्त बजट है और सारे संसाधन उपलब्ध हैं। इस तरह से बिजनेस करने वालों को थोड़ा धैर्य भी रखना होगा और कस्टमर्स को अट्रैक्ट करने के लिए कुछ अलग भी करना होगा। इस तरह के बिजनेस में आपको सबसे पहले अपनी प्रोफेशनल एवं अट्रैक्टिव वेबसाइट बनवानी होगी। इसके साथ ही आपको सोशल मीडिया प्लेटफार्म फेसबुक, व्हाट्सएप, इंस्टाग्राम, ट्विटर आदि पर अपने अकाउंट बनाकर अपनी फर्म का जमकर प्रचार करना होगा।चाहे पोस्ट डालें अथवा अपने प्रोडक्ट या सर्विस की खूबियां बखान करें। अपने प्रोडक्ट और सर्विस जुड़े उद्योग की लेटेस्ट जानकारी भी उपलब्ध कराते रहें।ताकि आपके कस्टमर्स आपके पास लगातार आते रहें। यदि बजट अच्छा हो तो आप इस काम की एक्सपर्ट कंपनी या एक्सपर्ट से सहायता ले सकते हैं। क्योंकि कहा जाता है कि फर्स्ट इम्प्रेशन इज लास्ट इंम्पे्रशन होता है। यानी आपकी धमाकेदार एंट्री हुई तो सभी लोगों की नजरें आपकी ओर रहेंगी। इसका आपको फायदा उठाना होगा लेकिन अपने बिजनेस में क्रेडिट से कोई समझौता नहीं करना होगा तभी आपका बिजनेस लंबे समय तक चल सकता है अन्यथा जहां आपने कस्टमर्स का विश्वास तोड़ा वहीं आपका बिजनेस भी टूट जायेगा।।
लो बजट वालों के लिए है ये दूसरा तरीका
अब करते हैं ई कॉमर्स वेंचर की दूसरे तरीके से शुरुआत करने की बात। यह तरीका उन लोगों के लिए जो चट मंगनी पट व्याह करने वाली कहावत पर भरोसा करते हैं। यानी वो मुनाफे के लिए धैर्य नहीं रख सकते हैं। उनके पास बिजनेस में लगाने के लिए ज्यादा पैसा भी नहीं है और वो वेबसाइट बनवाकर अपना काम करना नहीं चाहते हैं। साथ में कोई बड़ा रिस्क भी नहीं लेना चाहते हैं। ऐसे लोगों के लिए आसान व सरल रास्ता यह है कि वो किसी भी मशहूर ई कामर्स कंपनी की लोकल फ्रेंंचाइजी ले लें और उसके नाम से अपना प्रोडक्ट बेचें। इस तरह के बिजनेस में केवल आपको मिले आॅर्डर का प्रोडक्ट की पैकिंग करनी होगी। बाद बाकी काम आपकी मशहूर कंपनी करेगी। इस तरह के बिजनेस में मुनाफा बहुत कम होता है।
कुछ लीगल प्रॉसेस भी अपनाने होते हैं
ूअब आपको अपना ई कॉमर्स बिजनेस शुरू करने के लिए अपनी फर्म से जुड़े कुछ लीगल प्रॉसेस पूरे करने होंगे। इस प्रॉसेस को पूरा करने के लिए कुछ आवश्यक डॉक्युमेंट भी जुटाने होंंगे। सबसे पहले आपको एक डोमेन नाम लेना पड़ेगा। इस नाम से अपनी कंपनी या फर्म का रजिस्टेÑेशन कराना होगा। इसके अलावा यदि छोटा बिजनेस शुरू कर रहे हैं तो लघु उद्योग विभाग में आपको अपनी फर्म को रजिस्टर कराना होगा। यदि आप बड़ी कंपनी खोलने का प्लान बना रहे हैं तो आपको उद्योग विभाग में अपनी कंपनी का रजिस्ट्रेशन कराना होगा। यदि आपको इंटरनेशनल कंपनी खोलनी होगी तो इसके लिए अन्य प्रॉसेस को पूरा करना होगा। इस रजिस्ट्रेशन के साथ ही आपको बिजनेस चलाने के लिए गुड्स एंड सर्विस टैक्स यानी जीएसटी में अपनी फर्म या कंपनीका रजिस्ट्रेशन कराना होगा तथा वहां से आपको जीएसटी नंबर भी लेना होगा। इस प्रॉसेस को पूरा करने के बाद आप अपना बिजनेस शुरू करने के लिए तैयार हो गये हैं।
कस्टमर्स को अट्रैक्ट करने के खास टिप्स
सारी कानूनी प्रक्रिया पूरी करने के बाद आपको अब अपने बिजनेस को स्टार्ट करने के साथ इसको इस्टैब्लिश करने की स्ट्रेटजी बनानी होगी। आप अपने कस्टमर्स को किस तरह से अट्रैक्ट करेंगे और आॅर्डर मिलने पर किन-किन बातों का ध्यान रखेंगे जिससे कस्टमर्स को प्रभावित किया जा सके। सबसे पहले आप अपनी वेबसाईट पर उन्हीं चीजों का डेमो करें जो आपके पास स्टॉक में पर्याप्त मात्रा में हों। आॅर्डर मिलने के बाद उसकी अच्छी तरह से पैकिंग करके तय समय पर कस्टमर के घर पर पहुंचवा दें। इसके लिए आपको पैकेजिंग और डिलीवरी के काम में स्मार्टनेस दिखानी होगी। जितनी अच्छी सर्विस होगी कस्टमर उतना ही अच्छा प्रभावित होगा। इसके लिए वो आपकी कंपनी की तारीफ अपने सर्किल में करेगा और लोगों को आपके यहां से खरीद करने को कहेगा।
पेमेंट मोड का भी है इम्पोर्टेंट रोल
अब आपका बिजनेस शुरू हो गया। कस्टमर्स भी आने लगे। कस्टमर्स के आॅर्डर भी आने लगे। आपका प्रोडक्ट कस्टमर्स के पास पहुंचने भी लगे। अब कस्टमर्स से पेमेंट लेने के लिए आपको क्या-क्या करना होगा। इस बात पर गंभीरता से सोचना होगा। आॅनलाइन आॅर्डर लेने के साथ यह भी निश्चित है कि पेमेंट भी आॅनलाइन ही होगा। उसके लिए मार्केट में चलने वाले वो सारे पेमेंट के ऐप आपको अपने पास रखने होंगे। कहने का मतलब यह है कि आपको पेमेंट के हर मोड का यूज करना होगा। कौन सा ग्राहक कौन सा पेमेंट मोड यूजर है, उसकी सुविधा के अनुसार आपको इसकी तैयारी करनी होगी ताकि कोई ग्राहक कहें कि हम तो इस मोड से पेमेंट करेंगे और आप कहें कि यह सुविधा तो हमारे पास उपलब्ध नहीं है। उस समय वो कस्टमर तुरन्त ही दूसरी फर्म के पास चला जायेगा। इस बात का पूरा ध्यान रखना होगा।
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