हमारा देश कृषि प्रधान देश है। देश में आज भी कई ऐसे क्षेत्र हैं जहां पर खेती कुदरत पर ही निर्भर है। कहने का मतलब यह है कि आज भी देश में कुछ ऐसे क्षेत्र हैं जहां पर सिंचाई के साधन नहीं हैं । ऐसे पर्वतीय व पठारीय क्षेत्रों में इन्द्र देवता की कृपा पर खेती निर्भर करती है। यदि वर्षा हो गयी तो वहां पर फसल उत्पन्न होती है वरना नहीं होती है। ऐसे क्षेत्रों में खेती करना हमेशा घाटे का सौदा होता है। अधिकांश किसान इन क्षेत्रों में लगातार खेती करने का जोखिम उठाने से बचते हैं।
बंजर भूमि मालिकों के लिए लाभकारी है ये योजना
देश के पहाड़ी व पठारी क्षेत्रों में सिंचाई के कोई साधन उपलब्ध नहीं होते हैं। नदियां, नहरें व तालाब आदि की सुविधा नहीं होती है और पथरीली जमीन और समुद्र तल से ऊंचाई के कारण पानी भी इतनी गहराई में होता है कि उसे आसानी से नहीं पाया जा सकता है। इसके अलावा कई ऐसे क्षेत्र हैं जहां पर बिजली के साधन नहीं पहुंच पाये हैं। इन क्षेत्रों के किसान खेती न कर पाने की मजबूरी के कारण गरीबी में जीवन यापन करने को विवश होते हैं। इस योजना का लाभ लेकर किसान अपनी आर्थिक स्थिति को सुधार सकते हैं और एक नियमित आय प्राप्त कर सकते हैं।
Why PM Kusum Scheme: पीएम कुसुम योजना की जरूरत क्यों पड़ी?
सरकार ने किसानों की दशा सुधारने पर विशेष ध्यान दिया है। सरकार का मानना है कि असली भारत आज भी गांवों में बसता है। इन्हीं गांवों पर देश की अर्थव्यवस्था टिकी हुई है। यदि गांवों को मजबूत कर दिया जायेगा तो देश की अर्थव्यवस्था अपने आप ही मजबूत हो जायेगी। इसलिये सरकार ने किसानों की समस्याओं को गंभीरता से लेकर उनके निदान की अनेक योजनाएं चलायीं हैं। इन्हीं योजनाओं में प्रधानमंत्री कुसुम नामक ऐसी ही योजना है जिसके तहत किसानों को बिजली के साधन उपलब्ध कराये जाते हैं।
Objectives of PM Kusum Scheme in Hindi: पीएम कुसम योजना का मुख्य उद्देश्य
प्रधानमंत्री कुसुम योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों को मुफ्त बिजली उपलब्ध करवा कर उनकी माली हालत को सुधारना है। इस योजना के तहत किसानों को सिंचाई के लिए सोलर पैनल की सुविधा उपलब्ध करायी जाती है। इन सौलर पैनलों पर सरकार सहायता भी देती है और किसानों को इन सोलर पैनलों को खरीदने पर छूट भी मिलती है। केन्द्र सरकार और राज्य सरकारों द्वारा दी गयी सहायता के बाद किसानों को ये सोलर पैनल मात्र लागत के 25 प्रतिशत दाम में मिल जाते हैं। इसके अलावा इस योजना में किसानों को ग्रिड से जुड़े आवश्यक बिजली संयंत्र भी छूट व सहायता के साथ दिये जाते हैं।
इस योजना की शुरुआत कब हुई
यह योजना केन्द्र सरकार के नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने 2019 में शुरू की थी। इस योजना को प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महा•िायान के नाम से शुरू किया गया था, जिसे सरल व आकर्षक भाषा में पीएम कुसुम योजना के नाम से भी जाना जाता है। इस योजना के तहत किसानों को सौर पंप और पॉवर ग्रिड से जुड़े अन्य सौर बिजली संयंत्र यानी सोलर पॉवर प्लांट लगाये जाने की व्यवस्था दी गयी है।
किसानों को इस योजना से कौन-कौन सी छूट मिलती है
किसानों को प्रधानमंत्री कुसुम योजना में सौर पंप लगाने के लिए विशेष छूट दी जाती है। इसके अलावा इस योजना में किसानों को सोलर प्लांट लगाने के लिए बड़े पैमाने पर सरकार की ओर से आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। एक अनुमान के अनुसार सोलर पंप लगाने के लिए सरकार की ओर से 75 प्रतिशत तक की सहायता दी जाती है और किसान को मात्र 25 प्रतिशत ही अंशदान देना होता है।
प्रधानमंत्री कुसुम योजना से मिलने वाले लाभ
प्रधानमंत्री कुसुम योजना से किसानों को अनेक प्रकार के लाभ मिलते हैं। ये लाभ केन्द्र सरकार के साथ राज्य सरकारों द्वारा मिलकर दिये जाते हैं। इसलिये इस योजना के तहत प्रत्येक राज्य के किसान को अलग अलग तरह के लाभ मिलते हैं। किसानों को इस योजना से मिलने वाले ला•ों में से कुछ इस प्रकार हैं:-
- प्रधानमंत्री कुसुम योजना के माध्यम से किसानों को 75 प्रतिशत सब्सिडी के साथ 3 हॉर्स पॉवर से लेकर 10 हार्स पॉवर तक की क्षमता वाले सोलर पंप की सुविधा मिलती है।
- प्रधानमंत्री कुसुम योजना के तहत किसानों को भारत सरकार की ओर से 30 फीसदी केन्द्रीय वित्तीय सहायता दी जाती है। इसके अलावा राज्य सरकारों द्वारा किसानों को पीएम कुसुम योजना के तहत सोलर पंप लगाने के लिए 45 प्रतिशत की वित्तीय सहायता दी जाती है।
- प्रधानमंत्री कुसुम योजना के इन नियमों के अनुसार किसान को सोलर पंप लगवाने के लिए केवल 25 प्रतिशत ही हिस्सा देना होता है।
- प्रधानमंत्री कुसुम योजना के तहत विशेष छूट वाले सोलर पंप केवल किसानों को सिंचाई के लिए ही दिए जाते हैं। इसके लिए किसान संघ,जल प्रयोक्ता संघ, किसान समुदाय या किसान क्लस्टर ही इस योजना का लाभ उठाने के लिए पात्र हैं।
- प्रधानमंत्री कुसुम योजना के तहत बिना किसी अतिरिक्त लागत के किसानों को पांच वर्ष तक रखरखाव अनुबंध का लाभ मिलता है। जिसे एएमसी कहते हैं।
- प्रधानमंत्री कुसुम योजना के तहत दिये जाने वाले सोलर पंपों को किसानों को बीमा कवर के साथ दिया जाता है। इससे किसान प्राकृतिक आपदाओं, चोरी आदि से सोलर पंप के नुकसान से भी निश्चिंत रहता है।
- प्रधानमंत्री कुसुम योजना के तहत लगवाने वाले सोलर पंपों का सबसे बड़ा लाभ तो आम जनता को होता है। इससे पर्यावरण शुद्ध रहता है।
- डीजल व बिजली के खर्च की बचत के कारण किसानों की खेती लागत में भी काफी कमी आती है। इससे किसानों की आय में इजाफा होता है।
ऐसे करायें पीएम कुसुम योजना के लिए रजिस्ट्रेशन
पीएम कुसुम योजना का लाभ लेने वाले आवेदकों को सबसे पहले रजिस्ट्रेशन कराना होता है। इसके बाद ही उन्हें चयनित किया जाता है उसके बाद उन्हें इस योजना का लाभ दिया जाता है। आइये जानते हैं कि इस योजना के तहत रजिस्ट्रेशन कैसे कराया जाता है? इसके लिए अपनायी जाने वाले प्रक्रिया इस प्रकार है:-
- प्रधानमंत्री कुसुम योजना के लिए आप रजिस्ट्रेशन आॅन लाइन और आॅफ लाइन दोनों तरीकों से कर सकते हैं।
- इस योजना के तहत सौर ऊर्जा संयंत्र की स्थापना के लिए भूमि लीज पर देने के लिए आवेदन किया जाता है।
- योजना का लाभ उन्हीं लोगों को मिल सकता है जिन्होंने अपनी भूमि लीज पर देने के लिए रजिस्ट्रेशन करवाया है।
- आवेदकों का नाम आरआर ईसी की आधिकारिक वेबसाइट में दिया जाता है। यदि आपका नाम आरआरईसी की वेबसाइट पर होता है तभी आप इस योजना का लाभ उठा सकते हैं।
- इस योजना के तहत आवेदक को सौर ऊर्जा संयंत्र के लिए आवेदन के साथ 5000 प्रति मेगावाट तथा जीएसटी के साथ आवेदन शुल्क का भुगतान करना होता है। यह राशि डिमांड ड्राफ्ट के रूप में होनी चाहिये।
बंजर, ऊसर भूमि का इससे अच्छा उपयोग संभव नहीं
प्रधानमंत्री कुसुम योजना की सबसे अच्छी बात यही है कि किसानों की बंजर व ऊसर भूमि का सबसे अच्छा उपयोग हो सकता है। दूसरी भाषा में यदि कहा जाये कि खोटा सिक्का सबसे अधिक पैसे दे जायेगा, ये बात इस योजना के साथ सही साबित होती है। जो किसान भाई इस योजना का सही लाभ उठान चाहते हैं तो वे अपनी इस योजना के तहत मात्र 25 प्रतिशत हिस्से की पूंजी लगाकर बिजनी का व्यवसाय शुरू कर सकते हैं। आपके सोलर प्लांट से आपकी आवश्यकता से अधिक बिजली उत्पादित होती है तो उसको आप सरकारी प्लांटों को बेच सकते हैं।
- पीएम कुसुम योजना के तहत सरकार द्वारा सोलर प्लांट लगा कर ग्रामीण क्षेत्रों में विद्युत सब स्टेशनों के लगभग 5 किलोमीटर के दायरे में किसानों की बेकार पड़ी ऊसर व बंजर भूमि पर 500 केवी से 2 मेगावाट तक की क्षमता वाले सोलर प्लांट लगाकर उनकी आमदनी बढ़ाना भी एक उद्देश्य है।
- पीएम कुसुम योजना के तहत किसानो के सोलर प्लांटों को पॉवर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी के 33/11 के.वी के सब स्टेशनों से सीधा जोड़ा जायेगा। इसका लाभ यही होगा कि यदि किसान के पास आवश्यकता से अधिक बिजली है तो वह वितरण कंपनी को सरकार द्वारा निर्धारित दर पर सप्लाई की जा सकती है।
- यदि किसान के पास आवश्यक पूंजी नहीं है तो वो किसी ऐसे व्यक्ति को अपनी बंजर व ऊसर भूमि को लीज पर दे सकता है जो ये सोलर पंप लगाने के लिए पूंजी इन्वेस्ट करने को तैयार है। इससे किसान को अपनी बेकार पड़ी भूमि से कुछ आय तो होने लगेगी। इससे किसान को काफी राहत मिलेगी।
सोलर प्लांट से कितनी आय होती है
प्रधानमंत्री कुसुम योजना के तहत किसान द्वारा सोलर प्लांट लगाये जाने से सालाना कितनी आय प्राप्त हो सकती है। सोलर पॉवर के विशेषज्ञों ने अपना अनुमान व्यक्त करते हुए बताया कि यदि किसान अपना खुद का प्लांट लगाता है तो उसे अच्छी खासी आय प्राप्त हो सकती है। इस बारे मं विशेषज्ञों का कहना है कि एक किसान को सोलर प्लांट से इतनी आय हो सकती है उतनी आय तो किसी अच्छे बिजनेस मैन को अपने व्यापार से नहीं हो सकती और न ही किसी अच्छे प्रोफेशनल्स को भी उतनी सेलरी नहीं मिल सकती है।
सोलर पॉवर प्लांट के विशेषज्ञों के अनुमान के अनुसार एक मेगावाट की क्षमता वाले सोलर प्लांट के लिए 4 से 5 एकड़ तक की जमीन की आवश्यकता होती है। यह प्लांट बंजर व ऊसर भूमि पर आसानी से लगाये जा सकते हैं। इस तरह के प्लांट से एक साल में 15 लाख यूनिट बिजली का उत्पादन होता है। बिजली की खरीद प्रत्येक राज्य के बिजली नियामक आयोग यानी पॉवर रेगुलेटर कमीशन द्वारा निर्धारित दरों पर की जाती है। जानकारों के अनुसार किसान अपनी बिजली इन विद्युत नियामक आयोग को कम से कम 3 रुपये 7 पैसे की सीलिंग दर से बेच सकता है। इसका अनुमान लगाया जाये तो एक किसान अपने एक मेगावाट के सोलर प्लांट से प्रतिवर्ष 45 लाख रुपये की आमदनी कमा सकता है। इस प्रकार से किसान प्रतिमाह साढ़े तीन लाख रुपये की आमदनी प्राप्त कर सकता है।
पूंजी लगाये बिना भी कर सकते हैं अच्छी कमाई
इस योजना का दूसरा लाभ यह भी है कि छोटे किसान किसी डेवलपर के साथ मिलकर यह प्लांट लगा सकते हैं और अपनी आय बढ़ा सकते हैं। जो किसान सूखे में सिंचाई के साधनों के अभाव में अपनी खेती नहीं कर पाते हैं और आर्थिक विपन्नता में अपना जीवन गुजारने को विवश हैं, ये प्रधानमंत्री कुसुम योजना उनके लिए वरदान है। वे चाहें तो स्वयं सोलर प्लांट लगा कर अपनी गरीबी दूर कर सकते हैं अथवा उनके पार पूंजी की व्यवस्था न हो तो किसी डेवलपर यानी इन्वेस्टर से समझौता करके सोलर प्लांट लगाकर बिजली का व्यवसाय शुरू कर सकते हैं। इससे जहां गांव और उनका आर्थिक विकास होगा वहीं वो बिजली उत्पादन कर और उसकी बिक्री करके देश की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
अब नहीं रहना होगा भगवान के भरोसे
पीएम कुसुम योजना का लाभ लेने वाले किसानों को सबसे बड़ा लाभ यह होगा कि सूखा प्रभावित क्षेत्र के किसान कुदरती वर्षा के भरोसे अपनी खेती करते हैं, हमारे देश में वर्षा पूर्ण रूप से अनिश्चित है। कभी कभी तीन वर्ष तक सूखा पड़ता रहता है तब ऐसे क्षेत्र के किसानों के समक्ष भुखमरी का संकट उत्पन्न हो जाता है। पीएम कुसुम योजना का लाभ लेने वाले ऐसे किसानों की खेती पर निर्भरता कम हो जायेगी और वे अपना जीवन आसानी से सामान्य रूप से गुजार सकते हैं क्योंकि सोलर प्लांट से उत्पादन के अनुरूप एक मुश्त आय नियमित रूप से प्राप्त होती रहेगी।
किसानों के सपने होंगे साकारप्रधानमंत्री कुसुम योजना से जब किसानों को चौथाई कीमत पर सोलर प्लांट लगेंगे और उससे पर्याप्त मात्रा में बिजली का उत्पादन होगा और उसे सरकारी संस्थाओं को बेचा जायेगा तो निश्चित रूप से किसानों को अतिरिक्त आय प्राप्त होगी । अतिरिक्त आय प्राप्त होने से किसानों का जीवन खुशहाल तो होगा ही और वे अपने सारे सपनों को साकार कर सकेंगे। चाहे वह पशुपालन हो, डेयरी उद्योग लगाना हो या अपने परिवार के बच्चों को उच्च शिक्षा दिलाना हो, ये सभी कार्य प्रधानमंत्री कुसुम योजना से लाभ प्राप्त करने वाले किसान को आसानी से पूरे हो जायेंगे।
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