हमारा देश ही नहीं पूरा विश्व कोरोना की महामारी के चपेट में आने के बाद से महामंदी का शिकार है। अरबों काम-धंधे ठप हो गये हैं। विशेषकर लॉकडाडन के दौरान जब पूरा विश्व अपने-अपने घरों में कैद हो गया था तब रोज कुआं खोदकर पानी पीने वाले यानी सड़क के किनारे दुकान लगाने वाले गरीबों का महीनों काम धंधा बंद हो जाने के कारण उनके परिवार के समक्ष भुखमरी का संकट उत्पन्न हो गया था। यही कारण था कि लॉकडाउन लगने के बाद लगभग 4 करोड़ प्रवासी श्रमिक सड़कों पर आ गया था और हजारों किलोमीटर पैदल चलकर अपने घरों को लौटा था। उनमें सड़क किनारे रेहड़ी-पटरी पर बिजनेस करने वालों की संख्या काफी अधिक थी।
रोज कुआं खोद कर पानी पीने वाले हैं इस योजना के आवेदक
हमारा देश विकासशील देशों में शामिल है, जहां पर गरीबों की संख्या काफी अधिक है। ये गरीब रोज कमा कर अपने परिवार का पालन-पोषण करते हैं, यदि इनका काम एक सप्ताह के लिए भी बंद हो जाये तो इनके परिवार के समक्ष भुखमरी का संकट उत्पन्न हो जाता है। लॉकडाउन में जब लगभग सात महीने का सम्पूर्ण लॉकडाउन और चार महीने का आंशिक लॉकडाउन लगने के बार इन गरीब व्यापारियों की पूरी तरह से कमर टूट गयी।
बिना गारंटी के ही दिया जाता है लोन
तब सरकार इन गरीबों की मदद करने के लिए प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर स्वनिधि योजना के नाम से ऐसी योजना लायी, जिसके तहत रेहड़ी, पटरी बिजनेस करने वालों व खोमचे वालों को बिना किसी गारंटी एवं बिना किसी सरकारी पहचान पत्र के दस हजार रुपये तक का सस्ती ब्याज दरों वाले ऋण की व्यवस्था की गयी। इसका लाभ लेकर ये गरीब व्यापारी अपने परिवार की गाड़ी को फिर से पटरी पर ला सकें। इस योजना को सरकार की ओर से आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय की तरफ से एम जून 2020 को प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के नाम से शुरू किया गया था।
महामंदी के शिकार परिवारों को पालना है उद्देश्य
इस योजना का मुख्य उद्देश्य कोरोना की महामंदी के शिकार निम्न वर्ग की आर्थिक मदद करना है। प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के तहत सरकार का लक्ष्य सड़क के किनारे दुकान लगाने वाले और फेरी लगा कर अपना बिजनेस करने वाले छोटे व्यापारी को सस्ती ब्याज दरों पर ऋण उपलब्ध करवाना है जिससे कोरोना काल की महामंदी में बेरोजगार हुए लोग अपना काम धंधा फिर से शुरू कर सकें। इससे वे स्वयं तो आत्मनिर्भर बनेंगे साथ ही देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में भी हाथ बंटायेंगे।
गरीबों के लिए शुरूकी गयी प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के तहत 10,000 रुपये तक का लोन बिना किसी गारंटी के दिया जाता है। इसका लाभ लेकर वो लोग जो साप्ताहिक हाट, सड़क के किनारे दुकान, रेहड़ी व खोमचा लगाकर अपना व्यवसाय करते हैं या फेरी लगाकर अपना सामान बेचते हैं, अपनी पूंजी बनाकर अपना व्यवसाय फिर से शुरू कर सकते हैं या उनका बिजनेस लड़खड़ा रहा हो उसे आगे भी बढ़ा सकते हैं। यह अनुमान लगाया जा रहा है कि पूरे देश में 50 लाख पंजीकृत ऐसे व्यापारी होंगे। सरकार ने इसी को देखते हुए 50 लाख रेहड़ी पटरी व फेरी वालों के लिये यह योजना शुरू की है।
मिलने वाले विशेष लाभ
- यदि कोई लाभार्थी नियमित तौर पर सही समय से ऋण की किश्त चुकाता है उसे प्रति वर्ष सात प्रतिशत की दर से ब्याज में सब्सिडी भी दी जायेगी।
- सही समय से ऋण की किश्तों को भुगतान करने वाला लाभार्थी जरूरत पड़ने पर दोबारा इसी तरह का ऋण प्राप्त कर सकता है।
- यदि कोई लाभार्थी ऋण लेने के बाद उसका भुगतान डिजिटल मोड से करता है तो उसे साल में 1200 रुपये का कैशबैक भी दिया जाता है।
- इस योजना को सही तरीके से चलाने के लिए और कुशल प्रबंधन के लिए भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी) को योजना को लागू करने की साझा जिम्मेदारी सौंपी गयी है।
क्रेडिट स्कोर अच्छा होना जरूरी है
इस योजना का लाभ लेने के लिए लाभार्थी का सिबिल स्कोर यानी क्रेडिट स्कोर ही अच्छा होना चाहिये क्योंकि कोई भी बैंक या वित्तीय संस्थाएं ऋण देते समय यह अवश्य देखतीं हैं कि जिस व्यक्ति ने ऋण लिया है, वो वापस भी कर पायेगा या नहीं। दूसरी बात यह भी देखतीं हैं कि जो व्यक्ति सरकारी योजना के तहत लाभ लेने के लिए ऋण ले रहा है, वो किश्तों को चुकाने के लिए ईमानदार है या नहीं। यदि नहीं तो उसे ऋण नहीं दिया जाता है। इसलिये प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के तहत लाभ लेने वाले लाभार्थी का क्रेडिट स्कोर कम से कम 650 रखा गया है। इससे कम अंक के क्रेडिट स्कोर वालों को यह लोन नहीं दिया जाता है।
पहचान पत्र की समस्या को किया गया आसान
एक और बड़ी समस्या लाभ लेने वालों के समक्ष उनकी पहचान का सरकारी प्रमाण पत्र था, क्योंकि रेहड़ी, पटरी, खोमचा व फेरी वाले प्रवासी मजदूर होते हैं। जहां पर ये अपना बिजनेस करके जीवनयापन करते हैं, ये वहां के निवासी नहीं होते हैं। यदि होते भी हैं तो वे व्यस्त होने के साथ अशिक्षित होते हैं जो अपना पहचान पत्र नहीं बनवा पाते हैं। ऐसा नहीं कि ये पहचान पत्र का महत्व नहीं जानते हैं। जानकर भी इन पहचान पत्रों को बनवाने की प्रक्रिया नहीं जानते और उसको बनवाने के लिए अपना समय बरबाद नहीं करना चाहते हैं। इसका बड़ा कारण यह भी होता है कि जब इनके पास अपने काम धंधे से फुर्सत होती है तब सरकारी कार्यालय जहां से ये पहचान पत्र बनते हैं वे बंद रहते हैं। कुछ जो इस पहचान पत्र का महत्व जानते हैं वे पैसे देकर ऑनलाइन अपना पहचान पत्र बनवाते भी हैं। लेकिन जो नहीं बनवा पाते हैं, उनके पास अपना बैंक का खाता तक नहीं होता है। जब यह योजना शुरू हुई तो यह समस्या सामने आई और लाभार्थियों ने अपनी विवशता बतायी। उसके बाद सरकार ने स्थानीय पार्षद, सभासद, प्रधान, बीडीसी मेम्बर आदि जनप्रतिनिधियों से पहचान का प्रमाण पत्र बनवाने की सुविधा दी। इस प्रकार से सरकार ने उनकी यह समस्या सुलझायी।
सहायता के लिए तैयार हैं 4 लाख सीएससी केन्द्र
रेहड़ी, पटरी, फेरी, खोमचे वालों में से जो भी व्यक्ति इस योजना का लाभ लेना चाहता हो, वो देश भर में फैले 4 लाख सीएससी केन्द्रों के माध्यम से ऋण प्राप्त करने की प्रक्रिया पूरी कर सकते हैं। इसके बावजूद अगर किसी इच्छुक व्यक्ति को ऋण मिलने में कोई समस्या आ रही हो और उसका समाधान समझ में नहीं आ रहा हो, वो व्यक्ति अपने मोबाइल से मिनटों में अपनी समस्या को दूर कर सकता है। इसके लिए सरकार ने एक पीएत स्वनिधि मोबाइल ऐप भी बनाया है। इस ऐप को गूगल प्ले स्टोर से आसानी से डाउन लोड किया जा सकता है।
आवेदकों की सुविधा के लिए लाया गया है मोबाइल ऐप
सरकार ने पीएम स्वनिधि मोबाइल ऐप को इसलिये लांच किया है ताकि स्ट्रीट वेंडर्स आसानी से प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के तहत लोन प्राप्त करने की प्रक्रिया पूरी कर सकें। यह ऐप इस काम में लाभ प्राप्त करने के इच्छुक व्यक्ति की मदद करता है। इसके अलावा इए ऐप को बैंकिंग सिस्टम से जोड़ा गया है। इससे लाभ प्राप्त करने वाले इच्छुक व्यक्तियों को अनेक सुविधाएं मिलतीं हैं। इस ऐप के माध्यम से ऋण देने वाले बैँकों एवं वित्तीय संस्थाओं के फील्ड में काम करने वाले कर्मचारियों जैसे बैंक के प्रतिनिधि और गैर बैंकिंग वित्तीय संस्थाओं या माइक्रो फाइनेंस संस्थानों के एजेंट आसानी से ऋण प्राप्त करने के इच्छुक स्ट्रीट वेंडरों के पास पहुंच जाते हैं और उन्हें आसानी से ऋण उपलब्ध करवाने में उनकी पूरी मदद भी करते हैं।
बिना कागजी कार्यवाही के मिलता है लोन
एक खास बात यह भी है कि प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना का लाभ उठाने वाले व्यक्ति को पीएम स्वनिधि मोबाइल ऐप के माध्यम से बिना किसी कागजी कार्रवाई के आसानी से लोन प्राप्त हो जाता है। सरकार की ओर से इस बोजना की बेव पोर्टल को 29 जून, 2020 को शुरू किया गया था।
इस ऐप में वेब पोर्टल की तरह ही सारी सुविधाएं हैं। सरकार ने प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना को वर्किंग कैपिटल लोन के रूप मेंं उपलब्ध कराने की व्यवस्था की है। इस लोन की एक साल में चुकाया जाना है। यदि लाभार्थी समय पर अपनी किश्तें चुकाता है तो उसे हर साल 7 प्रतिशत की दर से ब्याज सब्सिडी मिलेगी। खास बात यह है कि यह सब्सिडी लाभार्थी के खाते में सीधे जायेगी।
यदि आप सीएससी से मदद लेने की जगह खुद ही ऑनलाइन आवेदन करना चाहते हों तो ऐसे स्ट्रीट वेंडर्स को सबसे पहले इस योजना की वेबसाइट में जाकर लॉगइन करना होगा और उसके बाद सारी प्रक्रिया को पूरी करने के बाद आवेदन करना होगा।जहां से बैंक अधिकारी आपके आवेदन की जांच पड़ताल करेंगे। जांच पड़ताल के बाद आपका आवेदन दुरुस्त पाया गया और सारी जानकारियों दुरुस्त हुर्इं तो आपका आवेदन चयन प्रक्रिया से गुजरेगा। यदि आपका आवेदन को सेलेक्ट कर लिया जाता है तो आपको आसानी से त्रण प्राप्त हो जायेगा। यदि कोई कमी पायी जायेगी तो उस कमी को दूर करने के लिए आपसे कहा जायेगा। कमी को दूर किये जाने के बाद आपको ऋण प्राप्त हो जायेगा।
कैसे करें आवेदन
प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के तहत लाभ लेने के इच्छुक व्यक्ति सर्व प्रथम सीएससी सेंटरों से सहायता लें और उनके द्वारा मांगे गये कागजातों को इकट्ठा करें और उनको स्कैन करा लें क्योंकि ऑनलाइन आवेदन करने के समय उन कागजातों की स्कैनिंग कॉपी को ही अपलोड किया जाता है। उसके बाद ही आपकाआवेदन पत्र पूर्ण हो जायेगा। इसके बाद ही आपके आवेदन पर विचार किया जायेगा। इन कागजातों के अभाव में आपको ऋण नहीं मिल पायेगा। अब जानते हैं कुछ खास प्रक्रिया से कि किस प्रकार आवेदन करें:-
पहला स्टेप
सबसे पहले आपको मंत्रालय की वेबसाइट https://pmsvanidhi.mohua.gov.in/Login पर जायें जहां आपसे सबसे पहले आपका मोबाइल नंबर डालने को कहा जायेगा। मोबाइल नंबर डालने के बाद आपके पास ओटीपी भेजा जायेगा। ओटीपी को डालने के बाद आपसे आधार कार्ड, किस राज्य के निवासी हैं पूछा जायेगा। यदि आपके पास आधार कार्ड नहीं है तो आपसे आधार कार्ड बनवाने को कहा जायेगा।
दूसरा स्टेप
आपके समक्ष एक पेज खुल कर आयेगा जिसमें वेंडरों की अनेक तरह की श्रेणी यानी कैटेगिरी दिख जायेंगी। आपको उनमें से अपनी मनपसंद की कैटेगिरीको चुनना होगा, उसी के अनुरूप जानकारी भी देनी होगी।
तीसरा स्टेप
इसके बाप आपके समक्ष एक फार्म खुलकर आयेगा। इस पेज पर अनेक कॉलम बने होंगे। जिनमें आपसे अनेक तरह की जानकारियां मांगी जायेंगी। ये जानकारियों आपकी व्यक्तिगत एवं आपके व्यवसाय से जुड़ी होगी। आपको इन जानकारियों को सावधानीपूर्वक भरना है क्योंकि किसी प्रकार की गलती होने पर आपके आवेदन में देरी भी हा सेती है और आपका आवेदन रद्द भी किया जा सकता है।
चौथा स्टेप
अप आपका फार्म पूरा भर गया हो तो उसमें दी गयी जानकारी के सम्बन्ध में आवश्यक दस्तावेजों यानी कागजातों को अपलोड करना होगा। जब आपके सारे दस्तावेज अपलोड हो जायेगे तब आपको अगली प्रक्रिया पूरी करनी होगी। उसके बाद नीचे दिये गये सबमिट बटन को क्लिक करके अपना आवेदन सबमिट करना होगा। इस तरह से आप अपना आवेदन पत्र प्रस्तुत करके आवेदन कर पायेंगे।
आपके द्वारा इस तरह से फार्म भरने के बाद आवेदन की प्रक्रिया पूरी हो गयी। इसके बाद आपका बैंक खाता जिस बैंक में है, उसके माध्यम से लोन लेने का विकल्प चुना है तो वो बैंक आपके आवेदन पर विचार करेंगा और जांच पड़ताल करेगा। उसके बाद आपका आवेदन मंजूर हो जाता है तो आपको लोन मिल जायेगा।
कौन कौन से बैंक देते हैं इस योजना के तहत लोन
प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के तहत विभिन्न बैंक आवेदन स्वीकार करके उन पर ऋण देते हैं। इनमें से प्रमुख बैंक इस प्रकार हैं:-
- पंजाब नेशनल बैंक
- स्टेट बैंक ऑफ इंडिया
- यूको बैंक
- यूनियन बैंक ऑफ इंडिया
- इंडियन बैंक
- इंडियन ओवरसीज बैंक
- बैंक ऑफ बड़ौदा
प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के तहत विभिन्न बैंक ऋण पर अलग-अलग व्याज दर लेते हैं। प्रत्येक बैंक ने अपने-अपने मानदंड तय किये हैं। लाभ लेने के इच्छुक व्यक्ति को ऋण लेने के लिए बैंक की शर्तों को पूरा करना होगा। कुछ बैंक ऊंची ब्याज दरों पर लोन देते हैं, कुछ बैंक सिबिल स्कोर यानी क्रेडिट स्कोर पर विशेष जोर देतीं हैं। आवेदक को चाहिये कि वो इन सारी चीजों की जांच पड़ताल करने के बाद ही अपनी पसंद का बैंक चुनकर ही आवेदन करें।
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